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झारखंड में सियासत की बिसातः जानिए, साल 2021 में किन मुद्दों ने बटोरी सुर्खियां

झारखंड हमेशा से राजनीति की प्रयोगशाला मानी जाती है. साल-दर-साल कई ऐसी घटनाएं सुर्खियों में रही हैं. जिसने देश की सियासत को भी प्रभावित है. साल 2021 में झारखंड के मुख्य सिसायी घटनाक्रम (Politica Happenings of Jharkhand in Year 2021) ऐसी रहीं जिसमें कई मुद्दों ने खूब सुर्खियां बटोरीं. महामारी को लेकर पक्ष-विपक्ष में रार और तरकार, सदन से सड़क तक सरना धर्म कोड की मांग, पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर वार-पलटवार होते रहे. झारखंड के इन मुद्दों और बयानबाजी होती रही.

political issues raised in jharkhand of year 2021
political issues raised in jharkhand of year 2021
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Published : Jan 1, 2022, 6:04 AM IST

रांचीः नव वर्ष 2022 का आगमन हो चुका है. अपनी यादों के साथ साल 2021 इतिहास के पन्नों में समा चुका है. लेकिन बीता हुआ वर्ष झारखंड की सियासत को कई सीख और बहस के लिए नई-नई बातें देकर गया है.

इसे भी पढ़ें- पांच लाख नौकरी दो, नहीं तो सन्यास लो, सीएम समेत सारे मंत्री हैं अपरिपक्व: रघुवर दास

साल 2021 के शुरुआती महीनों में कोरोना की आई दूसरी लहर ने झारखंड को झकझोर कर रख दिया. पहले दौर की अपेक्षा दूसरे चरण में कोरोना संक्रमण से ना केवल ज्यादा लोग प्रभावित हुए बल्कि असमय काल के गाल में भी समा गए. आज भी कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर नए साल में भी झारखंड सशंकित है. इन विपदाओं के बीच झारखंड सरकार द्वारा उठाए गए कई कदम विशेष रुप से सुर्खियों में रहीं. जिसके कारण ना केवल राजनीतिक चर्चाएं चलती रहीं बल्कि कई मौकों पर सरकार सदन के अंदर और बाहर विरोधियों से घिरती नजर आई.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

साल 2021 में झारखंड कोरोना की दूसरे लहर में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और वैक्सीनेशन के मुद्दे पर सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर टकराव हुआ. इसके लिए जेपीएससी सातवीं से दसवीं सिविल सेवा पीटी परीक्षा में लगातार छात्रों का सफल घोषित होने के अलावा आयोग द्वारा बगैर ओएमआर शीट जांचे इन परीक्षार्थियों के रिजल्ट घोषित करने को स्वीकार करना. विरोध में छात्रों के अलावा विपक्ष सदन के बाहर और अंदर सरकार को इसकी सीबीआई जांच की मांग करते हुए घेरती रही. इसके अलावा साहिबगंज थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत का मामला खूब चर्चा में रही. इस मुद्दे ने ना सिर्फ राजनीतिक सुर्खियां बटोरी बल्कि कानूनी लड़ाई के बाद इस मामले पर सीबीआई जांच शुरू हुई.

political issues raised in jharkhand of year 2021
प्रदेश में JPSC को लेकर विवाद

इसके साथ ही विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटन राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रही. विपक्षी दल बीजेपी स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ जमकर हंगामा मचाते दिखे. बाद में विधानसभा में इसको लेकर कमिटी गठित की गई. 2021 में झारखंड की राजनीतिक हलचल में कई मुद्दों पर विधानसभा में हंगामा होता रहा. नेता प्रतिपक्ष को लेकर सदन में बीजेपी लगातार मशक्कत करती रही. बीजेपी की मांग पर सदन में हंगामा होता रहा. पंचम विधानसभा गठन के दो वर्ष होने के बाबजूद अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन राजनीतिक दांव पेंच और कानूनी लड़ाई में लटका हुआ है.

political issues raised in jharkhand of year 2021
विधानसभा में नामज कक्ष पर विवाद

इसे भी पढ़ें- झारखंड में भाषा विवाद फिर से शुरू, मैथिली-उर्दू के साथ नाइंसाफी का आरोप, मामला पहुंचा हाई कोर्ट

झारखंड में भाषा विवाद में इस वर्ष हेमंत सरकार फंसी रही. विपक्ष लगातार कई क्षेत्रीय भाषाओं को मैट्रिक इंटर स्तरीय और राज्यस्तरीय परीक्षा से बाहर किये जाने के कारण सरकार को घेरती नजर आई. 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा रोजगार वर्ष घोषित किए जाने के बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया की धीमी रफ्तार पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव होता देखा गया. डीवीसी द्वारा बिजली बकाया राशि मद के पैसे को काटे जाने पर राज्य सरकार और केंद्र के बीच जमकर टकराव हुई. यह मुद्दा राजनीतिक सुर्खियां भी खासा बटोरने में सफल रहा.

political issues raised in jharkhand of year 2021
झारखंड में भाषा पर विवाद

झारखंड के सियासी घटनाक्रम में सरना धर्म कोड को जनगणना में शामिल करने की मांग को लेकर सर्वदलीय सहमति बनती दिखी. केंद्र सरकार पर इसको लेकर दवाब बनाने की कोशिश होती रही. वहीं ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण की मांग सुर्खियों में रहा. सामाजिक संगठनों के अलावा भाजपा और कांग्रेस द्वारा इसकी मांग की जाती रही. इसके साथ ही प्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इजाफा भी खासी सुर्खियों में रही. पेट्रोल डीजल के दाम इस वर्ष पहली बार 100 पार किया. इसपर जमकर राजनीति हुई. केंद्र ने टैक्स घटाया मगर राज्य सरकार इसपर चुप्पी साधकर भाजपा को हमला करने का मौका दे दिया. लेकिन नए साल में झारखंड सरकार ने पेट्रोल के दामों में भारी कटौती की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता को सौगात देते हुए पेट्रोल के दामों (Petrol price in jharkhand) में 26 जनवरी से 25 रुपये की कटौती की घोषणा की है.

political issues raised in jharkhand of year 2021
प्रदेश में सरना धर्म कोड की मांग

झारखंड में राजनीतिक बयानबाजी और सियासी दांवपेंच के बीच साल 2021 कई खट्टे मीठे यादों के बीच अपना सफर पूरा किया है. इन सब यादों को समेटे हेमंत सरकार जहां अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे करने के उपलक्ष्य में इसे उत्सव के रुप में मनाया है. दूसरी तरफ झारखंड की जनता नए वर्ष 2022 में ये उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें कोरोना जैसी महामारी से निजात मिले और राज्य स्तर नए वर्ष में जीवकोपार्जन के लिए भी कई नए द्वार खुले.

रांचीः नव वर्ष 2022 का आगमन हो चुका है. अपनी यादों के साथ साल 2021 इतिहास के पन्नों में समा चुका है. लेकिन बीता हुआ वर्ष झारखंड की सियासत को कई सीख और बहस के लिए नई-नई बातें देकर गया है.

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साल 2021 के शुरुआती महीनों में कोरोना की आई दूसरी लहर ने झारखंड को झकझोर कर रख दिया. पहले दौर की अपेक्षा दूसरे चरण में कोरोना संक्रमण से ना केवल ज्यादा लोग प्रभावित हुए बल्कि असमय काल के गाल में भी समा गए. आज भी कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर नए साल में भी झारखंड सशंकित है. इन विपदाओं के बीच झारखंड सरकार द्वारा उठाए गए कई कदम विशेष रुप से सुर्खियों में रहीं. जिसके कारण ना केवल राजनीतिक चर्चाएं चलती रहीं बल्कि कई मौकों पर सरकार सदन के अंदर और बाहर विरोधियों से घिरती नजर आई.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

साल 2021 में झारखंड कोरोना की दूसरे लहर में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और वैक्सीनेशन के मुद्दे पर सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर टकराव हुआ. इसके लिए जेपीएससी सातवीं से दसवीं सिविल सेवा पीटी परीक्षा में लगातार छात्रों का सफल घोषित होने के अलावा आयोग द्वारा बगैर ओएमआर शीट जांचे इन परीक्षार्थियों के रिजल्ट घोषित करने को स्वीकार करना. विरोध में छात्रों के अलावा विपक्ष सदन के बाहर और अंदर सरकार को इसकी सीबीआई जांच की मांग करते हुए घेरती रही. इसके अलावा साहिबगंज थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत का मामला खूब चर्चा में रही. इस मुद्दे ने ना सिर्फ राजनीतिक सुर्खियां बटोरी बल्कि कानूनी लड़ाई के बाद इस मामले पर सीबीआई जांच शुरू हुई.

political issues raised in jharkhand of year 2021
प्रदेश में JPSC को लेकर विवाद

इसके साथ ही विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटन राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रही. विपक्षी दल बीजेपी स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ जमकर हंगामा मचाते दिखे. बाद में विधानसभा में इसको लेकर कमिटी गठित की गई. 2021 में झारखंड की राजनीतिक हलचल में कई मुद्दों पर विधानसभा में हंगामा होता रहा. नेता प्रतिपक्ष को लेकर सदन में बीजेपी लगातार मशक्कत करती रही. बीजेपी की मांग पर सदन में हंगामा होता रहा. पंचम विधानसभा गठन के दो वर्ष होने के बाबजूद अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन राजनीतिक दांव पेंच और कानूनी लड़ाई में लटका हुआ है.

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विधानसभा में नामज कक्ष पर विवाद

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झारखंड में भाषा विवाद में इस वर्ष हेमंत सरकार फंसी रही. विपक्ष लगातार कई क्षेत्रीय भाषाओं को मैट्रिक इंटर स्तरीय और राज्यस्तरीय परीक्षा से बाहर किये जाने के कारण सरकार को घेरती नजर आई. 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा रोजगार वर्ष घोषित किए जाने के बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया की धीमी रफ्तार पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव होता देखा गया. डीवीसी द्वारा बिजली बकाया राशि मद के पैसे को काटे जाने पर राज्य सरकार और केंद्र के बीच जमकर टकराव हुई. यह मुद्दा राजनीतिक सुर्खियां भी खासा बटोरने में सफल रहा.

political issues raised in jharkhand of year 2021
झारखंड में भाषा पर विवाद

झारखंड के सियासी घटनाक्रम में सरना धर्म कोड को जनगणना में शामिल करने की मांग को लेकर सर्वदलीय सहमति बनती दिखी. केंद्र सरकार पर इसको लेकर दवाब बनाने की कोशिश होती रही. वहीं ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण की मांग सुर्खियों में रहा. सामाजिक संगठनों के अलावा भाजपा और कांग्रेस द्वारा इसकी मांग की जाती रही. इसके साथ ही प्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इजाफा भी खासी सुर्खियों में रही. पेट्रोल डीजल के दाम इस वर्ष पहली बार 100 पार किया. इसपर जमकर राजनीति हुई. केंद्र ने टैक्स घटाया मगर राज्य सरकार इसपर चुप्पी साधकर भाजपा को हमला करने का मौका दे दिया. लेकिन नए साल में झारखंड सरकार ने पेट्रोल के दामों में भारी कटौती की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता को सौगात देते हुए पेट्रोल के दामों (Petrol price in jharkhand) में 26 जनवरी से 25 रुपये की कटौती की घोषणा की है.

political issues raised in jharkhand of year 2021
प्रदेश में सरना धर्म कोड की मांग

झारखंड में राजनीतिक बयानबाजी और सियासी दांवपेंच के बीच साल 2021 कई खट्टे मीठे यादों के बीच अपना सफर पूरा किया है. इन सब यादों को समेटे हेमंत सरकार जहां अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे करने के उपलक्ष्य में इसे उत्सव के रुप में मनाया है. दूसरी तरफ झारखंड की जनता नए वर्ष 2022 में ये उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें कोरोना जैसी महामारी से निजात मिले और राज्य स्तर नए वर्ष में जीवकोपार्जन के लिए भी कई नए द्वार खुले.

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