रांची: धुर्वा थाना के सीठियो टीओपी से फरार कुख्यात अपराधी राजू गोप को भगाने में पुलिस के ही एक विश्वासी मुखबिर ने मदद की है. मुखबिर क्रशर का संचालक भी है. राजू गोप को मुखबिर ने ही भागने से पहले शर्ट और जींस भी दिया था. जब राजू गोप फरार हो गया, तब उस मुखबीर ने तुपुदाना थाने की पुलिस को कॉल कर सूचना भी दी.
पुलिस से कहा डर गया था वो
राजू गोप के फरार होने के बाद मुखबिर ने कहा कि सर उसके घर में रहते डर गया था. इसलिए समय पर सूचना नहीं दे पाया. मुखबिर के बताने के बाद पुलिस हरकत में आई और नगड़ी, तुपुदाना, धुर्वा और जगन्नाथपुर पुलिस ने घेराबंदी की, लेकिन राजू कहीं नहीं मिला. पुलिस को जानकारी मिली है कि सीठिया टीओपी से देर रात करीब ढाई बजे राजू गोप फरार हुआ था. वहां से फरार होने के बाद अपने शागिर्द सीठियो निवासी नाजीर के घर पहुंचा. वहां सुबह तीन बजे से लेकर दोपहर तक रुका. वहां से सीधे पुलिस के मुखबीर के पास पहुंचा, फिर वहां से निकलकर पीठियाटोली गया. इसके बाद सुरक्षित रांची से भाग निकला है. पुलिस ने पीठिया टोली व गनियारटोली में छापेमारी भी की. इधर, हटिया एएसपी से पूरे प्रकरण का रिपोर्ट मांगा गया है. जिन-जिन पुलिस कर्मियों की लापरवाही सामने आई है उनके संबंध में रिपोर्ट तैयार की जा रही है. रिपोर्ट सौंपने के बाद संबंधित पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होगी. सस्पेंड किए जाएंगे.
'पुलिस की साजिश है राजू गोप का भागना'
इधर, राजू गोप के परिजनों का कहना है कि सबसे मजबूत हाजत धुर्वा थाना में सुरक्षा के दृष्टिकोण से मजबूत जगन्नाथपुर थाना का हाजत. तुपुदाना ओपी में भी दर्जनों पदाधिकारी दिन रात रहते हैं. इसके बावजूद बिना सुरक्षा का सीटीओ टीओपी में रखा गया था. उसके भागने में कोई बड़ी साजिश हो सकती है. राजू गोप की पत्नी मीना देवी सोमवार को एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा से मिली. उन्होंने सीठियो हाजत से फरार राजू गोप की तलाश करने की गुहार लगायी. उन्होंने एसएसपी से समक्ष अनहोनी की भी आशंका जतायी. उन्होंने आरोप लगाया है कि उसे बेवजह पुलिस ने इस मामले में फंसाया है इसकी जांच करायी जाए.
टीओपी से अपराधी हुआ था फरार
कुख्यात अपराधी राजू गोप सीठियो टीओपी से शनिवार की देर रात फरार हो गया. उसे बिना हाजत वाले सीठियो टीओपी में रखकर पुलिसकर्मी सो जाते थे. इस बीच अपराधी कमरानुमा हॉल का छिटकनी खोलकर फरार हो गया. वहां तैनात तीन जवानों में एक जवान सुबह करीब तीन बजे जगा तो देखा दरवाजा खुला हुआ था और राजू गोप भाग चुका था. इसके बाद इसकी सूचना केस के अनुसंधानकर्ता सत्येंद्र सिंह, तुपुदाना ओपी प्रभारी तारिक अनवर, धुर्वा प्रभारी राजीव कुमार सहित अन्य को दी गई. सूचना मिलने के बाद महकमा में हड़कंप मच गया. पुलिस की अलग-अलग टीमें अपराधी की तलाश में जुटी है.
फायरिंग और पोस्टरबाजी मामले में पकड़ा गया था
15 जुलाई को राजू गोप को रांची-खूंटी मार्ग के टोरियन वर्ल्ड स्कूल के पास देर रात ताबड़तोड़-फायरिंग और पोस्टरबाजी मामले में गिरफ्तार किया गया था. लेवी की मांग को लेकर पोस्टरबाजी की गई थी. 20 से ज्यादा क्रशर संचालकों को पर्चा भी सौंपा गया था. राजू गोप की गिरफ्तारी के बाद बीते शनिवार की शाम तुपुदाना थाने का घेराव कर महिलाओं ने खूब हंगामा किया था. हंगामे के बीच पुलिस उसे लेकर कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए ले जा रही थी. इस दौरान राजू गोप चिल्ला-चिल्लाकर कहा था कि जब सुधर रहा था तो पुलिस क्रिमिनल बनाकर जेल भेज रही तो अब क्रिमिनल ही रहूंगा और बड़ा क्रिमिनल बनकर दिखाउंगा. पुलिस मेडिकल और कोरोना टेस्ट कराने अस्पताल ले गई थी. इसके बाद कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था. हालांकि, शाम होने की वजह से राजू गोप को जेल नहीं भेजा जा सका और उसे सीठियो टीओपी में रखा गया था. राजू गोप के अलावा लाका पहान और अनिल मुंडा को नामजद आरोपी बनाते हुए तुपुदाना ओपी में एफआईआर दर्ज किया गया है.
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लखन की तरह ही भागा राजू
कभी कुख्यात अपराधी लखन के लिए काम कर चुका राजू गोप लखन की तरह ही भागा. लखन साव भी भागकर पीठिया टोली पहुंचा था. वहां से भाग निकला था. लखन आज तक नहीं पकड़ा गया. लखन को लेकर पुलिस महकमे में कई तरह की बातें सामने आती रहती हैं. कुछ सूत्र यह भी बताते हैं कि पुलिसवालों ने ही लखन को मार डाला था. हालांकि, इसकी पुष्टि आज तक नहीं हो पाई. बता दें कि राजू गोप बीते 19 जून को जेल से छूटा था. बीते तीन अगस्त 2015 को राजू गोप को मांडर थाना क्षेत्र के चान्हो सीमा पर बिजूपाड़ा स्थित करकट जंगल में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद पकड़ा था. राजू गोप मूल रूप से तुपुदाना के बुंगरू का रहने वाला है. वह तुपुदाना चौक पर जमीन कारोबारी लाल अशोक नाथ शाहदेव की हत्या के बाद चर्चे में आया था.