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पासपोर्ट और 10.22 लाख बरामदगी मामले में पुलिस की खानापूर्ति, पांचवे दिन चुटिया थाना में एफआईआर दर्ज

रांची में नकद और पासपोर्ट बरामद मामले में आखिरकार पुलिस ने पांचवे दिन चुटिया थाने में एफआईआर दर्ज की है. इस एफआईआर में खानापूर्ति के साथ पुलिस की जबर्दस्त मनमानी भी सामने आई है. वहीं, अब पांच दिन थाने के हिरासत में रखने के बाद पकड़े गए राजेश को पुलिस को शनिवार को जेल भेजेगी, जबकि नियमानुसार 24 घंटे के भीतर कोर्ट में प्रस्तुत करना था.

Police filed FIR in passport recovery case in ranchi
चुटिया थाना
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Published : Oct 17, 2020, 12:09 AM IST

रांची: बिरसा चौक से जब्त किए गए नकद और पासपोर्ट के मामले में आखिरकार पुलिस ने पांचवे दिन चुटिया थाने में एफआईआर दर्ज की है. इस एफआईआर में खानापूर्ति के साथ पुलिस की जबर्दस्त मनमानी भी सामने आई है. एफआईआर में पासपोर्ट जब्त किए जाने से संबंधित बातें और जगन्नाथपुर में मिलने का कोई जिक्र नहीं है. एफआईआर ठगी से संबंधित किया गया है.

वहीं, अब पांच दिन थाने के हिरासत में रखने के बाद पकड़े गए राजेश को पुलिस को शनिवार को जेल भेजेगी, जबकि नियमानुसार 24 घंटे के भीतर कोर्ट में प्रस्तुत तक नहीं किया गया था. 16 अक्टूबर की गिरफ्तारी दर्शाकर पुलिस कोर्ट में प्रस्तुत कर जेल भेजेगी. राजेश प्रसाद का दोबारा कोविड-19 टेस्ट करवाया गया है.

मो. सलीम के बयान पर मामला दर्ज

इस मामले में जमशेदपुर में प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले मो. सलीम के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें बताया है कि वह जमशेदपुर के साकची में कबीर एसोसिएट नाम से कंसल्टेंसी चलाता है. उसकी मुलाकात रांची के सिटी सेंटर स्थित गोल्डेन इंटरप्राइजेज मैनपावर कंसल्टेंसी के संचालक राजेश कुमार सिंह से हुई थी. उसने ओमान, साउथ अफ्रीका और रशिया में नौकरी लगाने की बात कही थी. इसके बाद 17 लोगों का पासपोर्ट और 2.68 लाख रुपये दिए थे. इस रकम के दिए जाने के बाद बताया था कि प्रति व्यक्ति 32 हजार रुपये के हिसाब से लूंगा और सभी का वीजा, टिकट और पासपोर्ट दे दिया जाएगा.

15 अक्टूबर का दिया गया था समय

नौकरी के लिए जमा किए गए लोगों को 15 अक्टूबर तक वीजा देने की बात कही गई थी. इसबीच 12 अक्टूबर को जब सलीम राजेश के कार्यालय पर पहुंचा तो गोल्डेन इंटरप्राइजेज कार्यालय बंद मिला. इसके बाद जानकारी मिली है कि उन्हीं की तरह हजारों लोगों का पासपोर्ट और पैसे लेकर ठगी किया गया है. इस एफआईआर में सवाल उठते हैं कि नौकरी के नाम पर जब पैसे दिए, तो उन्हें 15 अक्टूबर तक का समय मिला था, लेकिन 12 अक्टूबर सोमवार को जमशेदपुर भेजने के दौरान ही राजेश कुमार सिंह का स्टाफ राजेश प्रसाद पकड़ा गया. इसके बाद से राजेश सिंह भी फरार है.

ये भी पढ़ें: बिहार में वोटकटवा है लोजपा, केरल सोना तस्करी मामले में इस्तीफा दें विजयन : भाजपा

चुटिया पुलिस को सौंपा गया पासपाेर्ट

चुटिया थाने में एफआईआर दर्ज करने के साथ ही सभी पासपोर्ट को जगन्नाथपुर थाने की पुलिस को चुटिया थाने को सौंप दिया गया है. चुटिया पुलिस ने पासपोर्ट को जब्त किया. अब सभी पासपोर्ट कोर्ट की अनुमति के बाद ही धारकों को लौटाए जा सकेंगे. बता दें कि बीते 12 अक्टूबर को 1325 पासपोर्ट जब्त किए गए थे. इसके साथ ही 10.22 लाख रुपये नकद बरामद किए गए थे. इसके साथ राजेश प्रसाद पकड़ा गया था. उसके साथ पुलिस पिछले पांच दिनों तक छापेमारी करती रही. इस दौरान गोल्डन इंटरप्राइजेज कार्यालय में छापेमारी कर 35 पासपोर्ट, एजेंसी के प्रमाण पत्र, कंप्यूटर, लैपटॉप सहित एजेंसी के प्रमाण पत्र, कंप्यूटर, लैपटॉप सहित अन्य दस्तावेज जब्त किया गया था. पुलिस के अनुसार, प्लेसमेंट से संबंधित एजेंसी के प्रमाण पत्र की वैद्यता समाप्त हाे चुकी थी. इससे संबंधित बिंदू पर पुलिस अब तक जांच कर रही है.

रांची: बिरसा चौक से जब्त किए गए नकद और पासपोर्ट के मामले में आखिरकार पुलिस ने पांचवे दिन चुटिया थाने में एफआईआर दर्ज की है. इस एफआईआर में खानापूर्ति के साथ पुलिस की जबर्दस्त मनमानी भी सामने आई है. एफआईआर में पासपोर्ट जब्त किए जाने से संबंधित बातें और जगन्नाथपुर में मिलने का कोई जिक्र नहीं है. एफआईआर ठगी से संबंधित किया गया है.

वहीं, अब पांच दिन थाने के हिरासत में रखने के बाद पकड़े गए राजेश को पुलिस को शनिवार को जेल भेजेगी, जबकि नियमानुसार 24 घंटे के भीतर कोर्ट में प्रस्तुत तक नहीं किया गया था. 16 अक्टूबर की गिरफ्तारी दर्शाकर पुलिस कोर्ट में प्रस्तुत कर जेल भेजेगी. राजेश प्रसाद का दोबारा कोविड-19 टेस्ट करवाया गया है.

मो. सलीम के बयान पर मामला दर्ज

इस मामले में जमशेदपुर में प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले मो. सलीम के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें बताया है कि वह जमशेदपुर के साकची में कबीर एसोसिएट नाम से कंसल्टेंसी चलाता है. उसकी मुलाकात रांची के सिटी सेंटर स्थित गोल्डेन इंटरप्राइजेज मैनपावर कंसल्टेंसी के संचालक राजेश कुमार सिंह से हुई थी. उसने ओमान, साउथ अफ्रीका और रशिया में नौकरी लगाने की बात कही थी. इसके बाद 17 लोगों का पासपोर्ट और 2.68 लाख रुपये दिए थे. इस रकम के दिए जाने के बाद बताया था कि प्रति व्यक्ति 32 हजार रुपये के हिसाब से लूंगा और सभी का वीजा, टिकट और पासपोर्ट दे दिया जाएगा.

15 अक्टूबर का दिया गया था समय

नौकरी के लिए जमा किए गए लोगों को 15 अक्टूबर तक वीजा देने की बात कही गई थी. इसबीच 12 अक्टूबर को जब सलीम राजेश के कार्यालय पर पहुंचा तो गोल्डेन इंटरप्राइजेज कार्यालय बंद मिला. इसके बाद जानकारी मिली है कि उन्हीं की तरह हजारों लोगों का पासपोर्ट और पैसे लेकर ठगी किया गया है. इस एफआईआर में सवाल उठते हैं कि नौकरी के नाम पर जब पैसे दिए, तो उन्हें 15 अक्टूबर तक का समय मिला था, लेकिन 12 अक्टूबर सोमवार को जमशेदपुर भेजने के दौरान ही राजेश कुमार सिंह का स्टाफ राजेश प्रसाद पकड़ा गया. इसके बाद से राजेश सिंह भी फरार है.

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चुटिया पुलिस को सौंपा गया पासपाेर्ट

चुटिया थाने में एफआईआर दर्ज करने के साथ ही सभी पासपोर्ट को जगन्नाथपुर थाने की पुलिस को चुटिया थाने को सौंप दिया गया है. चुटिया पुलिस ने पासपोर्ट को जब्त किया. अब सभी पासपोर्ट कोर्ट की अनुमति के बाद ही धारकों को लौटाए जा सकेंगे. बता दें कि बीते 12 अक्टूबर को 1325 पासपोर्ट जब्त किए गए थे. इसके साथ ही 10.22 लाख रुपये नकद बरामद किए गए थे. इसके साथ राजेश प्रसाद पकड़ा गया था. उसके साथ पुलिस पिछले पांच दिनों तक छापेमारी करती रही. इस दौरान गोल्डन इंटरप्राइजेज कार्यालय में छापेमारी कर 35 पासपोर्ट, एजेंसी के प्रमाण पत्र, कंप्यूटर, लैपटॉप सहित एजेंसी के प्रमाण पत्र, कंप्यूटर, लैपटॉप सहित अन्य दस्तावेज जब्त किया गया था. पुलिस के अनुसार, प्लेसमेंट से संबंधित एजेंसी के प्रमाण पत्र की वैद्यता समाप्त हाे चुकी थी. इससे संबंधित बिंदू पर पुलिस अब तक जांच कर रही है.

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