रांची: कोतवाली इलाके में सचिन नाम के जिस युवक की ट्रक चोरी का आरोप लगा कर पीट पीट कर मार डाला गया दरअसल वह ट्रक चोरी ही नहीं हुआ था. सचिन की हत्या ट्रक मालिक और मोटिया मजदूरों की रंजिश का परिणाम था. सचिन के घर के बाहर गाड़ी पार्क करने के विवाद में उसकी हत्या की गई. इस बात का खुलासा आरोपियों से हुई पूछताछ में हुआ है. पूछताछ में नौवाटोली निवासी सचिन कुमार वर्मा की मौत के मामले में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
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ट्रक मालिक की साजिश
जिस ट्रक के चोरी के मामले में सचिन कुमार को भीड़ ने मार डाला उस ट्रक की चोरी को लेकर कोतवाली थाने में अभी तक न तो लिखित शिकायत है और न ही प्राथमिकी दर्ज की गई. पुलिस का कहना है कि गाड़ी चोरी ही नहीं हुई. गाड़ी मालिक से रंजिश में ही मोटिया मजदूरों ने सचिन को पीटकर अधमरा कर दिया. पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि सचिन पर बीती 7 मार्च को नीलरतन स्ट्रीट से मनोज साव की गाड़ी चोरी करने का आरोप लगाया गया, जिसके बाद मोटिया मजदूरों ने उसे नीलरतन स्ट्रीट के मुहाने पर पकड़ा. रात 12 बजे सात-आठ मजदूरों ने उसे उठाकर ठाकुर बाड़ी मंदिर के कैंपस में बने एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया. सचिन के हाथ-पैर बांध दिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी. पीटते हुए फिर से कैंपस के एक कुंए में पास ले गए. वहां भी सचिन को जमकर पीटा. सिगरेट से शरीर को दागा गया, जिससे सचिन अधमरा हो गया. परिजनों की सूचना पर बीते सोमवार को पीसीआर पुलिस मौके पर पहुंची और सचिन को छुड़ाकर थाने लायी, जहां सचिन की मौत हो गई.
चार दिन पहले गाड़ी पार्क करने के विवाद में साजिश कर मार डाला
आरोपित गाड़ी मालिक मनोज साव और सचिन कुमार के बीच गाड़ी पार्क करने को लेकर घटना से 4 दिन पहले विवाद हुआ था. मनोज उसके घर के सामने वाली सड़क पर अपनी गाड़ी लगाया करता था. सचिन इसका हमेशा से विरोध करता था. घटना से चार दिन पहले इसी बात को लेकर सचिन और मनोज के बीच विवाद हुआ था. उसी दिन सचिन ने उसे उसकी गाड़ी गायब करने की धमकी दी थी.। गिरफ्तार आरोपित अखलदेव ने बताया कि सत्येंद्र राय, बिट्टू राय, इंद्रजीत, मंतोष, शिवनाथ, शकील राय समेत अन्य ने 7 मार्च की रात 12 से एक बजे के बीच में गाड़ी चोरी होने की झूठी कहानी गढ़कर सचिन को नील रतन स्ट्रीट के पास से पकड़ लिया. इसके बाद उसे मंदिर कैंपस में ले गए, जहां रस्सी से बांधकर कमरे में रखा गया और पीटा गया. पूछताछ में आरोपी ने अपने अन्य साथियों के नामों का भी खुलासा किया. उसने बताया कि वो एफसीआई गोदाम में मोटिया मजदूरी का काम करते हैं.
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया पेचकस घोपा और लगातार सिगरेट दागा
इस घटना में पुलिस के पास एक प्रत्यक्षदर्शी भी आया है. प्रत्यक्षदर्शी का नाम पंकज कुमार है. वह सचिन के पड़ोस में ही रहता है. प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि 8 मार्च सुबह करीब 5 बजे यह जानकारी मिली कि मोटिया मजदूर उनके घर के ठीक सामने मंदिर कैंपस में एक घर में सचिन वर्मा को पीट रहे हैं. यह सुनकर वह दौड़ते हुए पहुंचा. इस दौरान देखा कि मोटिया मजदूरों ने ठाकुर बाड़ी मंदिर कैंपस में कुंआ के पास सचिन को रस्सी से बांधकर घुटने के बल जमीन पर बिठाया हुआ है. सबके हाथ में लाठी, रॉड, पटरा और अन्य समान थे. चार से पांच लोग पटरे से सचिन को मार रहे थे. कुछ लोग सुलगती सिगरेट उसके हाथ पांव में दाग रहे थे. वहीं, एक मोटिया सचिन के शरीर के विभिन्न अंगों में पेचकस घोप रहा था.
मंदिर परिसर में गूंज रही थी कराहने की आवाज
सचिन से बार-बार गाड़ी कहां है, पूछा जा रहा था. सचिन बार-बार गाड़ी चोरी में संलिप्ता से इंकार कर रहा था. फिर भी उसकी लगातार पिटाई की जाती रही. जब-जब वह चोरी की बात से इंकार करता, तब तब मोटिया मजदूर सचिन को पीटते. उसके कराहने की आवाज मंदिर परिसर में गूंज रही थी. धमकी दी जा रही थी कि नहीं बताया तो इसी कुंए में डाल देंगे. पंकज जब उसे छुड़ाने के लिए आगे बढ़ा तो मजदूर उसके साथ भी धक्का-मुक्की करने लगे और उस पर पटरे से हमला किया. पंकज ने बताया कि पिटाई करने वाले यही कहते रहे कि जब तक यह गाड़ी के बारे में नहीं बताएगा, तब तक छोड़ेंगे नहीं. पंकज जब सचिन को उनके चंगुल से नहीं छुड़ा पाया तो वहां से भागकर मोहल्ले पहुंचा और लोगों को घटना की जानकारी दी. सचिन की मां मुन्नी देवी समेत मोहल्ले के अन्य लोग भी वहां पहुंच गए. इसी समय किसी ने पुलिस को सूचना दी. इसके बाद पुलिस उसे छुड़ाकर थाने ले गई. इसके बाद सचिन को अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
आरोपी मनोज साव फरार
वहीं सचिन को भीड़ के हाथों पीट-पीटकर मार डालने की साजिश रचने वाला मनोज साव घटना के बाद से फरार है. कोतवाली थाने की टीम आरोपी की तलाश में छापेमारी कर रही है.