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PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप होटल-फ्लैट में करता है निवेश, नक्सली संगठन के पास हैं 55 AK -47 राइफल - Akhilesh Gop under police arrest

रांची पुलिस के हत्थे चढ़े पीएलएफआई नक्सली अखिलेश गोप ने पूछताछ के दौरान की अहम खुलासे किए हैं. अखिलेश ने पुलिस को बताया पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का रांची के जगन्नाथपुर इलाके के हेसाग में 4 फ्लैट और नगड़ी के पिस्का रेलवे क्रॉसिंग के पास एक होटल है. वहीं पीएलएफआई के पास 50-55 रायफल होने की बात कही.

पीएलएफआई नक्सली अखिलेश गोप
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Published : Nov 22, 2019, 9:32 AM IST

रांची: 1 लाख के इनामी नक्सली अखिलेश गोप को 6 दिन की रिमांड पर रखने के बाद वापस जेल भेज दिया गया. पूछताछ के दौरान अखिलेश ने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की कई संपत्तियों का भी पुलिस को ब्यौरा दिया है.

रांची पुलिस के हत्थे चढ़े पीएलएफआई कमांडर अखिलेश गोप को पुलिस ने 6 दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की. इसके बाद उसे वापस जेल भेज दिया. इससे पहले पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का रांची के जगन्नाथपुर इलाके के हेसाग में 4 फ्लैट और नगड़ी के पिस्का रेलवे क्रॉसिंग के पास एक होटल है. हेसाग वाले 4 फ्लैट को हेसाग मुस्लिम मोहल्ला निवासी मुबारक खान पिता इब्राहिम खान ने सीधे तौर पर दिनेश गोप से जुड़कर संगठन का पैसा इंवेस्टमेंट करवाकर बनवाया है. वह अपने भाई के जरिए सुप्रीमो से जुड़ा है. उसका ससुराल खूंटी के कर्रा में है. वह आर्म्स एक्ट के केस में जेल भी जा चुका है. जबकि नगड़ी वाले होटल के लिए बालकरण महतो ने दिनेश गोप से इंवेस्ट करवाकर बनवाया है.

ये भी पढ़ें- साधु चरण महतो के नामांकन समारोह में पहुंचे अर्जुन मुंडा, कहा- पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी बीजेपी

संगठन के पास है 55 एके -47
अखिलेश ने पूछताछ के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. अखिलेश के अनुसार, पीएलएफआई संगठन के पास लगभग 50 से 55 एके 47 रायफल हैं. इन हथियारों को दिनेश गोप के नेतृत्व में रखा जाता है. उसके इस्तेमाल की जिम्मेदारी भी दिनेश गोप के पास ही है.


बड़ी रकम की लेवी खुद वसूलता है सुप्रीमो
अखिलेश के अनुसार, दिनेश गोप बड़ी रकम की लेवी खुद वसूलता है. छोटी रकम अखिलेश खुद वसूलता था. दिनेश गोप के इशारे पर पुराना पानी स्थित जहाना ईंट भट्ठा से हर महीने 10 हजार रुपये, लतरातू और कजरिया मुखिया से हर महीने पांच हजार रुपये वसूलता है. नगड़ी के सीमेंट व्यवसायी बजरंग महतो पीएलएफआई का शुभचिंतक है. वह कभी-कभी लेवी की रकम देता है. कर्रा के सागोर निवासी सड़क निर्माण का ठेकेदार पवन सोनी से 5 फीसदी कमीशन लेता है. अबतक 40 हजार रुपये ले चुका है. जबकि सिरका क्रशर से 20 हजार सालाना लेवी वसूलता है. 2 लाख से ज्यादा की लेवी वसूली की जिम्मेदारी सबजोनल कमांडर राजेश गोप उर्फ तिलकेश्वर या खुद दिनेश गोप के जिम्मे होती है. दोनों क्षेत्र में घूम-घूमकर रहकर लेवी की रकम उठाते हैं. अखिलेश द्वारा उठाए गए लेवी की रकम में से 70 फीसदी दिनेश गोप ले लेता है. 30 फीसदी से ही संगठन का विस्तार करना और अन्य खर्च चलाना पड़ता है.

ये हैं मददगार
मंगरा उरांव, संग्राम तिर्की, धरम महतो, बिरसा तिर्की, शंकर महतो, पवन महतो, संदीप धान, उत्तम महतो, राजकुमार महतो, जठलू महतो, अवधेश यादव और दुर्गा सिंह. इनमें दुर्गा और अवधेश संगठन से जुड़े हैं.

अबतक 13 की कर चुका है हत्या
अखिलेश ने पहली बार साल 2016 में हत्या की घटना को अंजाम दिया था. अबतक के खुलासे में 13 लोगों की हत्या में संलिप्तता मिली है. कर्रा में दशरथ साहू और निशा कुमार, अनिल पारदिया और नंदकिशोर महतो की हत्या, तुपुदाना के हुडि़ंगदाग में जाकिर अंसारी सहित छह की हत्या, नगड़ी में लेवी के लिए बाबू खान की हत्या, चेटे गांव में कंस्ट्रक्शन साइट पर लगे इंजीनियर और सुपरवाइजर की हत्या की थी. बीती 3 नवंबर की रात बंडा गांव में 5 लाख लेवी के लिए ट्रैक्टर में आगजनी और मजदूर पर गोलीबारी की थी. अखिलेश के खिलाफ रांची के तुपुदाना, इटकी, नगड़ी, खूंटी के जरियागढ़, खूंटी, लापुंग और कर्रा थाने में मामले दर्ज हैं.


2014 में पीएलएफआई से जुड़ा था अखिलेश
अखिलेश ने बताया कि वह बिरसा कॉलेज खूंटी में 11वीं में दाखिला के बाद ही उग्रवादी बन गया था. वह खूंटी के बमरजा में दिनेश साव के संपर्क में आया था. इसके बाद साल 2014 में पीएलएफआई संगठन से जुड़ गया था. बीती 13 अक्टूबर को रांची और खूंटी पुलिस ने अखिलेश गोप, हार्डकोर विनोद सांगा उर्फ झुबलू सहित 13 उग्रवादियों को जेल भेजा था. अखिलेश नगड़ी से अपने 8 साथियों संग पकड़ा गया था, जबकि विनोद सांगा 3 साथियों के साथ कर्रा से पकड़ा गया था. 16 अक्टूबर को पुलिस रिमांड पर लिया गया था.

रांची: 1 लाख के इनामी नक्सली अखिलेश गोप को 6 दिन की रिमांड पर रखने के बाद वापस जेल भेज दिया गया. पूछताछ के दौरान अखिलेश ने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की कई संपत्तियों का भी पुलिस को ब्यौरा दिया है.

रांची पुलिस के हत्थे चढ़े पीएलएफआई कमांडर अखिलेश गोप को पुलिस ने 6 दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की. इसके बाद उसे वापस जेल भेज दिया. इससे पहले पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का रांची के जगन्नाथपुर इलाके के हेसाग में 4 फ्लैट और नगड़ी के पिस्का रेलवे क्रॉसिंग के पास एक होटल है. हेसाग वाले 4 फ्लैट को हेसाग मुस्लिम मोहल्ला निवासी मुबारक खान पिता इब्राहिम खान ने सीधे तौर पर दिनेश गोप से जुड़कर संगठन का पैसा इंवेस्टमेंट करवाकर बनवाया है. वह अपने भाई के जरिए सुप्रीमो से जुड़ा है. उसका ससुराल खूंटी के कर्रा में है. वह आर्म्स एक्ट के केस में जेल भी जा चुका है. जबकि नगड़ी वाले होटल के लिए बालकरण महतो ने दिनेश गोप से इंवेस्ट करवाकर बनवाया है.

ये भी पढ़ें- साधु चरण महतो के नामांकन समारोह में पहुंचे अर्जुन मुंडा, कहा- पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी बीजेपी

संगठन के पास है 55 एके -47
अखिलेश ने पूछताछ के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. अखिलेश के अनुसार, पीएलएफआई संगठन के पास लगभग 50 से 55 एके 47 रायफल हैं. इन हथियारों को दिनेश गोप के नेतृत्व में रखा जाता है. उसके इस्तेमाल की जिम्मेदारी भी दिनेश गोप के पास ही है.


बड़ी रकम की लेवी खुद वसूलता है सुप्रीमो
अखिलेश के अनुसार, दिनेश गोप बड़ी रकम की लेवी खुद वसूलता है. छोटी रकम अखिलेश खुद वसूलता था. दिनेश गोप के इशारे पर पुराना पानी स्थित जहाना ईंट भट्ठा से हर महीने 10 हजार रुपये, लतरातू और कजरिया मुखिया से हर महीने पांच हजार रुपये वसूलता है. नगड़ी के सीमेंट व्यवसायी बजरंग महतो पीएलएफआई का शुभचिंतक है. वह कभी-कभी लेवी की रकम देता है. कर्रा के सागोर निवासी सड़क निर्माण का ठेकेदार पवन सोनी से 5 फीसदी कमीशन लेता है. अबतक 40 हजार रुपये ले चुका है. जबकि सिरका क्रशर से 20 हजार सालाना लेवी वसूलता है. 2 लाख से ज्यादा की लेवी वसूली की जिम्मेदारी सबजोनल कमांडर राजेश गोप उर्फ तिलकेश्वर या खुद दिनेश गोप के जिम्मे होती है. दोनों क्षेत्र में घूम-घूमकर रहकर लेवी की रकम उठाते हैं. अखिलेश द्वारा उठाए गए लेवी की रकम में से 70 फीसदी दिनेश गोप ले लेता है. 30 फीसदी से ही संगठन का विस्तार करना और अन्य खर्च चलाना पड़ता है.

ये हैं मददगार
मंगरा उरांव, संग्राम तिर्की, धरम महतो, बिरसा तिर्की, शंकर महतो, पवन महतो, संदीप धान, उत्तम महतो, राजकुमार महतो, जठलू महतो, अवधेश यादव और दुर्गा सिंह. इनमें दुर्गा और अवधेश संगठन से जुड़े हैं.

अबतक 13 की कर चुका है हत्या
अखिलेश ने पहली बार साल 2016 में हत्या की घटना को अंजाम दिया था. अबतक के खुलासे में 13 लोगों की हत्या में संलिप्तता मिली है. कर्रा में दशरथ साहू और निशा कुमार, अनिल पारदिया और नंदकिशोर महतो की हत्या, तुपुदाना के हुडि़ंगदाग में जाकिर अंसारी सहित छह की हत्या, नगड़ी में लेवी के लिए बाबू खान की हत्या, चेटे गांव में कंस्ट्रक्शन साइट पर लगे इंजीनियर और सुपरवाइजर की हत्या की थी. बीती 3 नवंबर की रात बंडा गांव में 5 लाख लेवी के लिए ट्रैक्टर में आगजनी और मजदूर पर गोलीबारी की थी. अखिलेश के खिलाफ रांची के तुपुदाना, इटकी, नगड़ी, खूंटी के जरियागढ़, खूंटी, लापुंग और कर्रा थाने में मामले दर्ज हैं.


2014 में पीएलएफआई से जुड़ा था अखिलेश
अखिलेश ने बताया कि वह बिरसा कॉलेज खूंटी में 11वीं में दाखिला के बाद ही उग्रवादी बन गया था. वह खूंटी के बमरजा में दिनेश साव के संपर्क में आया था. इसके बाद साल 2014 में पीएलएफआई संगठन से जुड़ गया था. बीती 13 अक्टूबर को रांची और खूंटी पुलिस ने अखिलेश गोप, हार्डकोर विनोद सांगा उर्फ झुबलू सहित 13 उग्रवादियों को जेल भेजा था. अखिलेश नगड़ी से अपने 8 साथियों संग पकड़ा गया था, जबकि विनोद सांगा 3 साथियों के साथ कर्रा से पकड़ा गया था. 16 अक्टूबर को पुलिस रिमांड पर लिया गया था.

Intro:खुलासा -PlFI सुप्रीमो दिनेश गोप होटल - फ्लैट में करता है निवेश ,संगठन के पास है 55 एके -47 राइफल

एक लाख के इनामी नक्सली अखिलेश गोप को छह दिनके रिमांड पर रखने के बाद वापस जेल भेज दिया गया। के दौरान कुख्यात अखिलेश ने कई बड़े खुलासे किए हैं उसने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की कई संपत्तियों का भी पता पुलिस को दिया है।

दिनेश गोप की रांची में करोड़ो की संपत्ति

रांची पुलिस के हत्थे चढ़ा पीएलएफआई कमांडर अखिलेश गोप को पुलिस ने छह दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की। इसके बाद वापस जेल भेज दिया है। इससे पहले पुलिस की पूछताछ में उसने बताया है कि पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का रांची के जगन्नाथपुर इलाके के हेसाग में चार फ्लैट और नगड़ी के पिस्का रेलवे क्रॉसिंग के पास एक होटल है। हेसाग वाले चार फ्लैट को हेसाग मुस्लिम मोहल्ला निवासी मुबारक खान पिता इब्राहिम खान ने सीधे तौर पर दिनेश गोप से जुड़कर संगठन का पैसा इंवेस्टमेंट करवाकर बनवाया है। वह अपने भाई के माध्यम से सुप्रीमो से जुड़ा है। उसकी ससुराल खूंटी के कर्रा में है। वह आम्र्स एक्ट के केस में जेल भी जा चुका है। जबकि नगड़ी वाले होटल के लिए बालकरण महतो ने दिनेश गोप से इंवेस्ट करवा बनवाया है।

संगठन के पास है 55 एके -47
अखिलेश को अपने पूछताछ के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा किया है अखिलेश के अनुसार पीएलएफआई नक्सली संगठन के पास लगभग 50 से 55 एके 47 रायफल हैं। इन हथियारों को दिनेश गोप के नेतृत्व में रखा जाता है। उसके इस्तेमाल की जिम्मेवारी भी दिनेश गोप के पास ही है। 


बड़े रकम की लेवी खुद वसूलता है सुप्रीमो

अखिलेश की स्वीकारोक्ति बयान के अनुसार दिनेश गोप बड़े रकम की लेवी खुद वसूलता है। छोट लेवी की रकम अखिलेश खुद वसूलता था। दिनेश गोप के इशारे पर पुराना पानी के स्थित जहाना ईट भट्ठा से हर माह दस हजार रुपये, लतरातू और कजरिया मुखिया से हर माह  पांच हजार रुपये वसूलता है। नगड़ी के सीमेंट व्यवसायी बजरंग महतो पीएलएफआई का शुभचिंतक है। वह कभी-कभी लेवी की रकम देता है। कर्रा के सागोर निवासी सड़क निर्माण का ठेकेदार पवन सोनी से पांच फीसद कमीशन लेता है। अबतक 40 हजार रुपये ले चुका है। जबकि सिरका क्रशर से 20 हजार वार्षिक लेवी वसूलता है। दो लाख से ऊपर की लेवी वसूली की जिम्मेदारी सबजोनल कमांडर राजेश गोप उर्फ तिलकेश्वर या खुद दिनेश गोप के जिम्मे होती है। दोनों क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर लेवी की रकम उठाते हैं। अखिलेश द्वारा उठाए गए लेवी की रकम में से 70 फीसद दिनेश गोप ले लेता है। 30 फीसद से ही संगठन का विस्तार करना और अन्य खर्च चलाना पड़ता है। 


ये हैं मददगार

मंगरा उरांव, संग्राम तिर्की, धरम महतो, बिरसा तिर्की, शंकर महतो, पवन महतो, संदीप धान, उत्तम महतो, राजकुमार महतो, जठलू महतो, अवधेश यादव और दुर्गा सिंह। इनमें दुर्गा और अवधेश संगठन से जुड़े हैं।  

अबतक 13 की कर चुका है हत्या : 

अखिलेश ने पहली बार वर्ष 2016 में हत्या की घटना को अंजाम दिया था। अबतक के खुलासे में 13 लोगों की हत्या में संलिप्तता मिली है। कर्रा में दशरथ साहू व निशा कुमार, अनिल पारदिया व नंदकिशोर महतो की हत्या, तुपुदाना के हुडि़ंगदाग में जाकिर अंसारी सहित छह की हत्या, नगड़ी में लेवी के लिए बाबू खान की हत्या, चेटे गांव में कंस्ट्रक्शन साइट पर लगे इंजीनियर और सुपरवाइजर की हत्या की थी। हाल में बीते 3 नवंबर की रात बंडा गांव में पांच लाख लेवी के लिए ट्रैक्टर में आगजनी और मजदूर पर गोलीबारी की थी। अखिलेश के खिलाफ रांची के तुपुदाना, इटकी, नगड़ी, खूंटी के जरियागढ़, खूंटी, लापुंग और कर्रा थाने में मामले दर्ज हैं। 


2014 में पीएलएफआई से जुड़ा था अखिलेश : 

अखिलेश ने बताया है कि वह बिरसा कॉलेज खूंटी में 11वीं में दाखिला के बाद ही उग्रवादी बन गया था। वह खूटी के बमरजा में दिनेश साव के संपर्क में आया था। इसके बाद वर्ष 2014 में पीएलएफआई संगठन से जुड़ गया था। बीते 13 अक्टूबर को रांची और खूंटी पुलिस ने अखिलेश गोप, हार्डकोर विनोद सांगा उर्फ झुबलू सहित 13 उग्रवादियों को जेल भेजा था। अखिलेश नगड़ी से अपने आठ साथियों संग पकड़ा गया था। जबकि विनोद सांगा तीन साथियों के साथ कर्रा से पकड़ा गया था। 16 को पुलिस रिमांड पर लिया गया था। 

फोटो
अखिलेश गोप की फाइल फोटो
और गिरफ्तारी के समय की फोटोBody:1Conclusion:2
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