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टाटा सबलीज मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर, सीएम पर कमेटी के रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप

झारखंड हाईकोर्ट में टाटा सबलीज मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता दुर्गा उरांव ने जनहित याचिका दाखिल कर पीएसी (पब्लिक अकाउंट कमिटी) की अनुशंसा के अनुरूप पैसे रिकवरी करने की मांग की.

Petition Tata sublease case
टाटा सबलीज मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर
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Published : Dec 11, 2019, 10:23 PM IST

रांची: टाटा सबलीज मामले में टाटा पर बकाया राशि की वसूली को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता दुर्गा उरांव ने जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार से टाटा कंपनी पर सबलीज के बकाया राशि की वसूली की मांग की है. उन्होंने याचिका में झारखंड विधानसभा लोक लेखा समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया है.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

उन्होंने याचिका के माध्यम से कहा है कि लोक लेखा समिति ने जो रिपोर्ट दिया था, उस रिपोर्ट के अनुसार टाटा कंपनी पर सबलीज के लगभग 17 अरब से अधिक (17265024770.05) की वसूली के अनुशंसा की गई थी. जो अभी तक वसूल नहीं की गई है. उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास पर आरोप लगाया है कि उनके बेटे ललित दास टाटा कंपनी में लाइजनिंग पदाधिकारी और उनके लगभग 40 परिजनों को टाटा कंपनी में नौकरी मिली हुई है.

ये भी पढ़ें - शिवराज सिंह चौहान ने नाला विधानसभा क्षेत्र में की चुनावी सभा, कहा- देश के हित में NRC

जिसके कारण सरकार टाटा कंपनी से इस राशि की वसूली पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. मामले में याचिकाकर्ता ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, रेवेन्यू सचिव, डीसी पूर्वी सिंहभूम और अन्य को प्रतिवादी बनाया है.

समिति की क्या है अनुशंसा

पूर्व में लोक लेखा समिति ने अनुशंसा की थी कि टाटा लीज अंतर्गत पूर्व में अनुशंसित 59 सबलीज मामले में सन्निहित 144.33 एकड़ भूमि के विरुद्ध सलामी लगान और शेष के रूप में जो पैसे बकाया है उसकी वसूली जल्द की जाए.

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समिति अनुशंसा करती है कि संबंधित लीज भूमि पर राज्य सरकार के संपूर्ण स्वामित्व के तहत उपर्युक्त सभी 59 शब्द से संबंधित संपूर्ण भूमि को लीज क्षेत्र से बाहर निकालते हुए राज्य सरकार इसे रिज्यूम कर राजस्व हित को ध्यान में रखते हुए खुली और पारदर्शी नीलामी की प्रक्रिया अपनाते हुए भूमि की लीज की पुनः बंदोबस्ती की कार्रवाई करे.

ये भी पढ़ें - पाकुड़: मोबाइल जीपीएस से होगी पोलिंग पार्टी की निगरानी, सभी सेक्टर मजिस्ट्र को दिया गया प्रशिक्षण

समिति ने अनुशंसा करते हुए कहा कि लीज पर उद्योग या अन्य को जिन शर्तों के साथ राज्य सरकार ने भूमि उपलब्ध कराई है उन शर्तों का अनुपालन उचित तरीके से हो रहा है या नहीं सरकार प्रतिवर्ष उनकी समीक्षा करे, ताकि इस तरह की पुनरावृत्ति न हो.

दुर्गा उरांव कौन

दुर्गा उरांव वही शख्स हैं, जिन्होंने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और अन्य मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की सीबीआई जांच कराने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इनकी याचिका पर मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनके अन्य सहयोगियों की संपत्ति में जांच का हाई कोर्ट ने दिया था आदेश

पीएससी के अध्यक्ष और सदस्य

झारखंड विधानसभा लोक लेखा समिति के अध्यक्ष स्टीफन मरांडी, सदस्य विधायक राधा कृष्ण किशोर, विमला प्रधान, सुखदेव भगत और कुणाल षाड़ंगी है.

रांची: टाटा सबलीज मामले में टाटा पर बकाया राशि की वसूली को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता दुर्गा उरांव ने जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार से टाटा कंपनी पर सबलीज के बकाया राशि की वसूली की मांग की है. उन्होंने याचिका में झारखंड विधानसभा लोक लेखा समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया है.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

उन्होंने याचिका के माध्यम से कहा है कि लोक लेखा समिति ने जो रिपोर्ट दिया था, उस रिपोर्ट के अनुसार टाटा कंपनी पर सबलीज के लगभग 17 अरब से अधिक (17265024770.05) की वसूली के अनुशंसा की गई थी. जो अभी तक वसूल नहीं की गई है. उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास पर आरोप लगाया है कि उनके बेटे ललित दास टाटा कंपनी में लाइजनिंग पदाधिकारी और उनके लगभग 40 परिजनों को टाटा कंपनी में नौकरी मिली हुई है.

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जिसके कारण सरकार टाटा कंपनी से इस राशि की वसूली पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. मामले में याचिकाकर्ता ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, रेवेन्यू सचिव, डीसी पूर्वी सिंहभूम और अन्य को प्रतिवादी बनाया है.

समिति की क्या है अनुशंसा

पूर्व में लोक लेखा समिति ने अनुशंसा की थी कि टाटा लीज अंतर्गत पूर्व में अनुशंसित 59 सबलीज मामले में सन्निहित 144.33 एकड़ भूमि के विरुद्ध सलामी लगान और शेष के रूप में जो पैसे बकाया है उसकी वसूली जल्द की जाए.

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समिति अनुशंसा करती है कि संबंधित लीज भूमि पर राज्य सरकार के संपूर्ण स्वामित्व के तहत उपर्युक्त सभी 59 शब्द से संबंधित संपूर्ण भूमि को लीज क्षेत्र से बाहर निकालते हुए राज्य सरकार इसे रिज्यूम कर राजस्व हित को ध्यान में रखते हुए खुली और पारदर्शी नीलामी की प्रक्रिया अपनाते हुए भूमि की लीज की पुनः बंदोबस्ती की कार्रवाई करे.

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समिति ने अनुशंसा करते हुए कहा कि लीज पर उद्योग या अन्य को जिन शर्तों के साथ राज्य सरकार ने भूमि उपलब्ध कराई है उन शर्तों का अनुपालन उचित तरीके से हो रहा है या नहीं सरकार प्रतिवर्ष उनकी समीक्षा करे, ताकि इस तरह की पुनरावृत्ति न हो.

दुर्गा उरांव कौन

दुर्गा उरांव वही शख्स हैं, जिन्होंने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और अन्य मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की सीबीआई जांच कराने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इनकी याचिका पर मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनके अन्य सहयोगियों की संपत्ति में जांच का हाई कोर्ट ने दिया था आदेश

पीएससी के अध्यक्ष और सदस्य

झारखंड विधानसभा लोक लेखा समिति के अध्यक्ष स्टीफन मरांडी, सदस्य विधायक राधा कृष्ण किशोर, विमला प्रधान, सुखदेव भगत और कुणाल षाड़ंगी है.

Intro:रांची
बाइट-- दुर्गा उरांव याचिकाकर्ता

झारखंड हाईकोर्ट में टाटा सबलीज मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता दुर्गा उरांव ने जनहित याचिका दाखिल कर पीएसी( पब्लिक अकाउंट कमिटी )की अनुशंसा के अनुरूप पैसे रिकवरी करने की मांग की गई है। याचिका के माध्यम से आरोप लगाया गया है कि टाटा सबलीज मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने परिवार के अलावा परिवार के कई लोगों को टाटा में नौकरी दिलाया है और कई तरीके से कंपनी से फायदा ले रही है इसलिए उन्होंने विधानसभा कमेटी रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया है याचिका में कहा गया है कि जो विधानसभा रिकारमेंट है उसे पुनः लागू किया जाए


Body:टाटा सबलीज पर 17.65 करोड़ रूपया पीएससी( पब्लिक अकाउंट कमिटी) विधानसभा 2016 के ऑडिट रिपोर्ट के बेसिस पर जब बृहद सुनवाई की थी और टाटा कंपनी एरिया में 59 सबलीज के बारे में निर्देशित किया कि पुनः 59 सबलीज केंसिल को फिर से ऑक्शन किया जाए और सही तरीके से एडवर्टाइज किया जाए ताकि सरकार को ज्यादा से ज्यादा रेवन्यू आ सके और कहा था कि टाटा सबलिज से 17.65 करोड रुपया रिकवर किया जाए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ । झारखंड हाई कोर्ट में आज याचिका दायर कर विधानसभा के द्वारा पूर्व में निर्देशित आदेश को लागू करने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है


Conclusion:
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