रांचीः झारखंड में 22 से 29 अप्रैल तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह चलाया जा रहा है. सरल शब्दों में कहें तो, राज्य में 22 से 29 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया है. कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. एक बार फिर चर्चा इस बात की है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाय कि नहीं, इसे लेकर ईटीवी भारत ने सोशल मीडिया पर एक पोल चलाया. जिसमें ज्यादातर लोगों ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का समर्थन किया है.
कोरोना महामारी जहां एक ओर लोगों से उनका जीवन छीन रही है, वहीं लॉकडाउन का असर गरीब और मध्यम परिवारों में कुछ ऐसा ही देखा जा सकता है. हालात ऐसे हैं कि कब क्या किया जाए, क्या होना चाहिए, इस पर किसी की समान सहमति नहीं है. कहीं लोग लॉकडाउन लगाए जाने के समर्थन में हैं तो कहीं लोग इसके खिलाफ हैं. उनका मानना है कि लॉकडाउन से सिर्फ लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी लेकिन कोरोना नहीं जाएगा.
ट्विटर और फेसबुक प्लेटफॉर्म पर किए गए पोल में लोगों के दिए गए जवाब के कुछ अंश इस तरह हैं-
लॉकडाउन का सपोर्ट
फेसबुक यूजर कमलेश पांडे लॉकडाउन समर्थन में हैं. वह भी सख्ती के साथ. उनका कहना है कि बिना लॉकडाउन के लोग सुधरने वाले नहीं हैं. झारखंड की भलाई के लिए कड़ाई जरूरी है. उन्होंने कहा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह कोरोना को डराने का झुनझुना मात्र है.
वहीं कमल सिंह ने भी संपूर्ण लॉकडाउन की बात कही. उन्होंने श्राद्धकर्म और शादी समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि अभी भी इन स्थानों पर भीड़ हो रही है. बीमारी तो फैल ही रही है. इसी तरह महेश भारती, राज कुमार भगत, मगराम दास, चंदन, अमरजीत राज और अनुज कुमार लॉकडाउन का समर्थन कर रहे थे.
लॉकडाउन का विरोध
इधर, लॉकडाउन के खिलाफ लोगों का जवाब किसी तंज से कम नहीं था. लॉकडाउन के विरोध में फेसबुक यूजर सलमान शेख ने तो यह तक कह डाला कि लॉकडाउन का समर्थन करने वाले अमीर हैं या फिर सरकारी कर्मचारी. दूसरे यूजर तिवारी पवन शांडिल्य ने लिखा कि झारखंड में तो लॉकडाउन का कोई मतलब ही नहीं है.
वहीं, संतोष कुमार ने अपना विरोध जाहिर करते हुए लिखा कि बिजली बिल, इंस्योरेंस के टाइम, लोन इंटरेस्ट और टैक्स का भी टाइम बढ़ा दिया जाना चाहिए कहा. मनीष कुमार ने कहा कि अगर लॉकडाउन लगाने से कोरोना भाग जाता है तो लॉकडाउन लगा सकते हैं. इसी तरह शिव शंकर गुप्ता, एमएस खान, शैलेश उपाध्याय, शशि सिंह, शेर मोहम्मद ने इसका विरोध किया. कई लोगों ने धारा 144 का सख्ती पालन करने की बात कही तो कई लोगों ने कहा कि लॉकडाउन में ज्यादातर लोग तो भूख से मर जाएंगे.