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सब्जियों की कीमत में लगी आग, देखें लिस्ट किस रेट में बिक रही कौन सी सब्जी

राज्य में सब्जियों के दाम बढ़ने से आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है. लोग हरी सब्जियों की जगह आलू और प्याज से काम चला रहे हैं. वहीं, महंगाई का असर विक्रेताओं पर भी दिख रहा है उनकी सब्जी नहीं बिकने के कारण खराब हो रही है.

People are facing problems due to increase in prices of vegetables
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Published : Sep 7, 2020, 5:46 PM IST

रांची: राजधानी समेत पूरे राज्य भर में सब्जी की कीमत आसमान छू रही है. कोरोना काल में जहां लोगों को अपना पेट भरने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है. वहीं, सब्जी की बढ़ती कीमतों ने लोगों की परेशानियों को और भी दोगुना कर दिया है. कल तक 10 रुपये केजी बिकने वाली हरी सब्जी आज 40 रुपए केजी मिल रही है.

देखिए पूरी खबर

बरसात में सब्जी का उत्पादन कम

बरसात के इस मौसम में कुछ चुनिंदा सब्जी का ही उत्पादन होता है, जो लगातार हो रही बारिश के कारण इस बार बर्बाद हो गई. वहीं, राज्य में आपूर्ति की अपेक्षा सब्जी का उत्पादन कम होने की वजह से महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. सब्जी की बढ़ती महंगाई से लोगों के घरेलू बजट पर गहरा असर पड़ा है. महंगाई के इस दौर में लोग सब्जी खरीदने के लिए बाजार तो जरूर आ रहे हैं, लेकिन आवश्यकता से कम सब्जी लेकर घर जा रहे हैं.

People are facing problems due to increase in prices of vegetables
सब्जियों के दाम

नहीं बिक रही सब्जियां: दुकानदार

पिछले एक महीने से सब्जी की महंगाई चरम पर है. इससे आम लोगों को परेशानियां हो रही है. सब्जी विक्रेता बताते हैं कि अधिकतर खरीदार दाम पूछ कर आगे बढ़ जाते हैं. सब्जी की बढ़ती महंगाई से सब्जी बेचने वाले दुकानदार भी परेशान हैं. विक्रेताओं का कहना है कि देशभर में हुए संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से कई किसानों ने अपने खेतों में हरी सब्जी नहीं लगाया, जिसके कारण आज सब्जियों की कीमत में वृद्धि हुई है.

People are facing problems due to increase in prices of vegetables
सब्जियों के दाम

ये भी पढे़ं: घर में नहीं, इनका शौचालय में है 'घर', जानिए विधवा सोनिया धीवर की पूरी कहानी

बाजार नीति नहीं होने से नुकसान

झारखंड में फसल की पैदावार अच्छी होने पर किसानों को समतुल्य मूल्य नहीं मिल पाता है. ऐसे में किसानों की फसल बर्बाद होती है. प्रगतिशील किसान नकुल महतो की माने तो आज महंगी कीमत में हरी सब्जी बिक रही है, लेकिन किसान को इसका बिल्कुल भी फायदा नहीं हो रहा. उनका कहना है कि किसान ओने-पौने दाम में अपनी सब्जी को बाजार भेज देता है, लेकिन बिचौलिए उसे दोगुने दामों में बेचते हैं. सरकार की बाजार नीति नहीं होने के कारण किसानों को हमेशा नुकसान उठाना पड़ता है.

रांची: राजधानी समेत पूरे राज्य भर में सब्जी की कीमत आसमान छू रही है. कोरोना काल में जहां लोगों को अपना पेट भरने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है. वहीं, सब्जी की बढ़ती कीमतों ने लोगों की परेशानियों को और भी दोगुना कर दिया है. कल तक 10 रुपये केजी बिकने वाली हरी सब्जी आज 40 रुपए केजी मिल रही है.

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बरसात में सब्जी का उत्पादन कम

बरसात के इस मौसम में कुछ चुनिंदा सब्जी का ही उत्पादन होता है, जो लगातार हो रही बारिश के कारण इस बार बर्बाद हो गई. वहीं, राज्य में आपूर्ति की अपेक्षा सब्जी का उत्पादन कम होने की वजह से महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. सब्जी की बढ़ती महंगाई से लोगों के घरेलू बजट पर गहरा असर पड़ा है. महंगाई के इस दौर में लोग सब्जी खरीदने के लिए बाजार तो जरूर आ रहे हैं, लेकिन आवश्यकता से कम सब्जी लेकर घर जा रहे हैं.

People are facing problems due to increase in prices of vegetables
सब्जियों के दाम

नहीं बिक रही सब्जियां: दुकानदार

पिछले एक महीने से सब्जी की महंगाई चरम पर है. इससे आम लोगों को परेशानियां हो रही है. सब्जी विक्रेता बताते हैं कि अधिकतर खरीदार दाम पूछ कर आगे बढ़ जाते हैं. सब्जी की बढ़ती महंगाई से सब्जी बेचने वाले दुकानदार भी परेशान हैं. विक्रेताओं का कहना है कि देशभर में हुए संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से कई किसानों ने अपने खेतों में हरी सब्जी नहीं लगाया, जिसके कारण आज सब्जियों की कीमत में वृद्धि हुई है.

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सब्जियों के दाम

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बाजार नीति नहीं होने से नुकसान

झारखंड में फसल की पैदावार अच्छी होने पर किसानों को समतुल्य मूल्य नहीं मिल पाता है. ऐसे में किसानों की फसल बर्बाद होती है. प्रगतिशील किसान नकुल महतो की माने तो आज महंगी कीमत में हरी सब्जी बिक रही है, लेकिन किसान को इसका बिल्कुल भी फायदा नहीं हो रहा. उनका कहना है कि किसान ओने-पौने दाम में अपनी सब्जी को बाजार भेज देता है, लेकिन बिचौलिए उसे दोगुने दामों में बेचते हैं. सरकार की बाजार नीति नहीं होने के कारण किसानों को हमेशा नुकसान उठाना पड़ता है.

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