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धरती के भगवान को सलामः मरीज और उनके परिजनों ने डॉक्टर्स को दिया धन्यवाद

1 जुलाई को धरती के भगवान यानी डॉक्टर्स का दिन होता है. आज के दिन पूरे देश भर में डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. वहीं रांची में अपने परिजोंनों को मौत के मुंह से बाहर लाने वाले डॉक्टर्स को मरीज और उनके परिजनों ने डॉक्टर्स डे पर का धन्यवाद दिया. उनका कहना है कि अगर समाज में डॉक्टर न हो तो शायद जिंदगी और मौत के बीच का फासला बिल्कुल ही समाप्त हो जाएगा.

Patients thank the doctor on Doctor's Day in ranchi
डॉक्टर्स डे आज
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Published : Jul 1, 2020, 6:14 PM IST

रांचीः 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है इस अवसर पर प्रांत के डॉक्टरों को उनकी उपलब्धियों के लिए याद किया जाता है. देश के महान चिकित्सक डॉक्टर बीसी राय की जयंती और पुण्यतिथि पर 1 जुलाई को पूरे देश में डॉक्टर्स डे मनाया जाता है.

देखें स्पेशल स्टोरी
यह खास दिन स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले तमाम डॉक्टरों को समर्पित किया जाता है जो हर परिस्थिति में डॉक्टर के मूल्यों को बचाए रखते हुए अपना फर्ज निभाते हैं. डॉक्टर किसी भी परिस्थिति में मरीजों की जान बचाने के लिए अपना हर प्रयास करते हैं. ऐसे ही रांची में एक मरीज है जो वर्ष 2011 में कोमा तक पहुंच गया था, लेकिन डॉक्टरों की प्रयास से उसे फिर से वापस जिंदगी प्राप्त हो पाया.

कई जिंदगी को बचा चुके है डॉक्टर
दरअसल, रांची के गुलमोहर स्ट्रीट के पास रहने वाले इबरार मोहशीन बताते हैं कि उनका बेटा हिमोफिलिक मरीज है और उसे हमेशा ब्लड की जरूरत पड़ती रहती है. वर्ष 2011 में उसके सर पर चोट आने से उसे ब्रेन हेमरेज हो गया था और वह कोमा में पहुंच चुका था. जिसके बाद मरीज 8 दिनों तक होश में नहीं आया जिसको लेकर हम लोगों ने अपनी उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन डॉक्टरों ने अपने अथक प्रयास हमारे बच्चे की जिंदगी वापस कर दी.

वहीं, इस मरीज का इलाज कर रहे संतोष जसवाल बताते हैं कि हमने जब मरीज को बचा लिया और उसके माता-पिता के चेहरे पर एक खुशी देखी तो हमें लगा कि हम डॉक्टरों की मेहनत सफल हो गया है. डॉक्टर जयपुर हब भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि हमारी इलाज से मरीज खुश एवं स्वस्थ होकर अपने घर जाए ताकि उनकी दुआएं हमारी हिम्मत को बढ़ाते रहे. वहीं डॉक्टरों की अथक प्रयास से अपने बच्चे की जिंदगी पाने के बाद इबरार मोहसीन बताते हैं अगर समाज में डॉक्टर ना हो तो शायद जिंदगी और मौत के बीच का फासला बिल्कुल ही समाप्त हो जाएगा.

ये भी पढे़ं- डॉक्टर्स डे पर विशेष: आज भी मात्र 5 रुपए में मरीजों को देखते हैं पद्मश्री डॉ एसपी मुखर्जी

धरती के भगवान हैं डॉक्टर
वहीं, कैंसर जैसी बीमारी से जीत प्राप्त कर चुके मरीज शांतन कुमार बताते हैं कि धरती पर अगर कोई भगवान है तो वह सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर ही है. क्योंकि जब मौत करीब आती है तो लोग भगवान को याद करते हैं और मौत के मुंह से वापस लाकर जिंदगी देने वाला अगर धरती पर कोई है तो वह धरती का भगवान डॉक्टर ही हैं. कई ऐसे उदाहरण हैं जहां लोगों की जिंदगी देखकर डॉक्टरों ने यह साबित किया है कि सच में अगर धरती पर कोई भगवान रूपी है वह सिर्फ और सिर्फ चिकित्सक ही हैं क्योंकि कि जिंदगी में मौत को हराने में सबसे ज्यादा सक्षम होता है.

कोविड-19 को लेकर नहीं होगा कोई कार्यक्रम
एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के अध्यक्ष जोगेश गंभीर बताते हैं कि डॉक्टरों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है लेकिन डॉक्टर अपनी परेशानी और परिवार को भूलते हुए मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं. इसीलिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी डॉक्टरर्स डे पर राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्था में ब्लड सूगर, ब्लड स्क्रीनिंग, ईसीजी की जांच गरीब मरीजों के लिये मुफ्त किया जायेगा. डॉक्टर्स डे पर कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन होता है, लेकिन इस वर्ष कोविड-19 के खतरे को देखते हुए कार्यक्रम का आयोजन कम से कम किया गया है लेकिन डॉक्टरों के प्रति लोगों का सम्मान बरकरार है. डॉक्टर्स की जरूरत समाज में उतनी ही है जितनी एक व्यक्ति के जिंदगी में जिंदगी में जीने के लिए सांसो की जरूरत होती है. इसीलिए समाज के पायदान पर डॉक्टरों को सबसे ऊंचाई पर रखा गया है और इसी कारण शायद इन्हे धरती का भगवान भी कहा जाता है.

रांचीः 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है इस अवसर पर प्रांत के डॉक्टरों को उनकी उपलब्धियों के लिए याद किया जाता है. देश के महान चिकित्सक डॉक्टर बीसी राय की जयंती और पुण्यतिथि पर 1 जुलाई को पूरे देश में डॉक्टर्स डे मनाया जाता है.

देखें स्पेशल स्टोरी
यह खास दिन स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले तमाम डॉक्टरों को समर्पित किया जाता है जो हर परिस्थिति में डॉक्टर के मूल्यों को बचाए रखते हुए अपना फर्ज निभाते हैं. डॉक्टर किसी भी परिस्थिति में मरीजों की जान बचाने के लिए अपना हर प्रयास करते हैं. ऐसे ही रांची में एक मरीज है जो वर्ष 2011 में कोमा तक पहुंच गया था, लेकिन डॉक्टरों की प्रयास से उसे फिर से वापस जिंदगी प्राप्त हो पाया.

कई जिंदगी को बचा चुके है डॉक्टर
दरअसल, रांची के गुलमोहर स्ट्रीट के पास रहने वाले इबरार मोहशीन बताते हैं कि उनका बेटा हिमोफिलिक मरीज है और उसे हमेशा ब्लड की जरूरत पड़ती रहती है. वर्ष 2011 में उसके सर पर चोट आने से उसे ब्रेन हेमरेज हो गया था और वह कोमा में पहुंच चुका था. जिसके बाद मरीज 8 दिनों तक होश में नहीं आया जिसको लेकर हम लोगों ने अपनी उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन डॉक्टरों ने अपने अथक प्रयास हमारे बच्चे की जिंदगी वापस कर दी.

वहीं, इस मरीज का इलाज कर रहे संतोष जसवाल बताते हैं कि हमने जब मरीज को बचा लिया और उसके माता-पिता के चेहरे पर एक खुशी देखी तो हमें लगा कि हम डॉक्टरों की मेहनत सफल हो गया है. डॉक्टर जयपुर हब भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि हमारी इलाज से मरीज खुश एवं स्वस्थ होकर अपने घर जाए ताकि उनकी दुआएं हमारी हिम्मत को बढ़ाते रहे. वहीं डॉक्टरों की अथक प्रयास से अपने बच्चे की जिंदगी पाने के बाद इबरार मोहसीन बताते हैं अगर समाज में डॉक्टर ना हो तो शायद जिंदगी और मौत के बीच का फासला बिल्कुल ही समाप्त हो जाएगा.

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धरती के भगवान हैं डॉक्टर
वहीं, कैंसर जैसी बीमारी से जीत प्राप्त कर चुके मरीज शांतन कुमार बताते हैं कि धरती पर अगर कोई भगवान है तो वह सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर ही है. क्योंकि जब मौत करीब आती है तो लोग भगवान को याद करते हैं और मौत के मुंह से वापस लाकर जिंदगी देने वाला अगर धरती पर कोई है तो वह धरती का भगवान डॉक्टर ही हैं. कई ऐसे उदाहरण हैं जहां लोगों की जिंदगी देखकर डॉक्टरों ने यह साबित किया है कि सच में अगर धरती पर कोई भगवान रूपी है वह सिर्फ और सिर्फ चिकित्सक ही हैं क्योंकि कि जिंदगी में मौत को हराने में सबसे ज्यादा सक्षम होता है.

कोविड-19 को लेकर नहीं होगा कोई कार्यक्रम
एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के अध्यक्ष जोगेश गंभीर बताते हैं कि डॉक्टरों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है लेकिन डॉक्टर अपनी परेशानी और परिवार को भूलते हुए मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं. इसीलिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी डॉक्टरर्स डे पर राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्था में ब्लड सूगर, ब्लड स्क्रीनिंग, ईसीजी की जांच गरीब मरीजों के लिये मुफ्त किया जायेगा. डॉक्टर्स डे पर कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन होता है, लेकिन इस वर्ष कोविड-19 के खतरे को देखते हुए कार्यक्रम का आयोजन कम से कम किया गया है लेकिन डॉक्टरों के प्रति लोगों का सम्मान बरकरार है. डॉक्टर्स की जरूरत समाज में उतनी ही है जितनी एक व्यक्ति के जिंदगी में जिंदगी में जीने के लिए सांसो की जरूरत होती है. इसीलिए समाज के पायदान पर डॉक्टरों को सबसे ऊंचाई पर रखा गया है और इसी कारण शायद इन्हे धरती का भगवान भी कहा जाता है.

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