रांचीः राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (Rajendra Institute of Medical Sciences) एम्स (AIIMS) की तर्ज का अस्पताल बताया जाता है. लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.
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साल 2002 में आरएमसीएच (RMCH) से बदलकर इस अस्पताल को एम्स (AIIMS) की तर्ज पर रिम्स (RIMS) बनाया गया. इसके लिए यहां के चिकित्साकर्मियों का वेतनमान भी एम्स की तर्ज पर दिया जा रहा है. इसके बावजूद भी हालात जस के तस हैं. कागजों में तो एम्स दिख रहा है, पर धरातल पर एम्स की कोई झलक इस अस्पताल में नहीं देखने को मिलती है.
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इसको लेकर रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. डीके सिन्हा ने बताया कि रिम्स अस्पताल अभी-भी आरएमसीएच की पुरानी भवनों में ही संचालित हो रहा है और मरीज की संख्या भी दिन-रात बढ़ती जा रही है. जिस वजह से कई तरह की समस्याएं आना स्वाभाविक है, इसीलिए जरूरी है कि जल्द से जल्द नए भवन का निर्माण हो. उन्होंने कहा कि रिम्स के नए निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद इसको लेकर संवेदनशील हैं और जल्द से जल्द पुराने भवनों की जगह नए भवन का निर्माण किया जाएगा, जिससे यहां इलाज कराने आए लोगों को राहत जरूर मिलेगी.