रांची: नगर निगम में बुधवार को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के छापेमारी को रोकने के लिए मेयर आशा लकड़ा ने हस्तक्षेप किया. जिसके बाद एसीबी की टीम और मेयर के बीच कानूनी प्रावधान को लेकर वाद विवाद हुआ. कुछ समय के लिए एसीबी की टीम ने छापेमारी रोक दी. हालांकि फिर से एसीबी की तरफ से छानबीन शुरू कर दी गई.
क्या कहा मेयर ने
दरअसल, मेयर आशा लकड़ा का कहना था कि निगम ऑटोनॉमस बॉडी है. वहां बिना जानकारी के जांच पड़ताल नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि अगर जांच करनी थी तो पहले निगम को सूचना देनी चाहिए थी. जबकि एसीबी की टीम ने सीधे तौर पर कहा कि औचक निरीक्षण के दौरान किसी भी तरह की सूचना पहले से नहीं दी जाती और हालांकि इसकी सूचना नगर विकास विभाग को दे दी गई थी.
'सरकार की साजिश'
इस दौरान छापेमारी कुछ समय के लिए रुक गई. वहीं बातचीत में कोई हल नहीं निकला और एसीबी की टीम मेयर के कमरे से निकल गई और फिर से जांच में जुट गई. इसको लेकर मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि एसीबी की टीम ने जांच की कोई सूचना नहीं दी थी. यह कहीं न कहीं सरकार की साजिश के तहत किया जा रहा है.
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'पहले इसकी सूचना दी जानी चाहिए थी'
मेयर ने कहा कि बीजेपी की सरकार के समय चुने गए प्रतिनिधि और अधिकारियों को परेशान करने के लिए कार्रवाई की जा रही है. सरकार के इशारे पर ही निगम में भी छापेमारी कराई जा रही है. मेयर ने कहा कि ऑटोनॉमस बॉडी होने के नाते निगम को पहले इसकी सूचना दी जानी चाहिए थी.