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अब खून से लाल नहीं होंगी झारखंड की सड़कें, किया जा रहा है ये काम, अलर्ट पर कई डिपार्टमेंट - ROAD ACCIDENTS IN JHARKHAND

झारखंड में नवंबर से लेकर जनवरी तक सड़क हादसों में वृद्धि होती है. लेकिन इस साल इसे काबू करने की कवायद की जा रही है.

ROAD ACCIDENTS IN JHARKHAND
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 14 hours ago

रांची: झारखंड के 17 जिलों में आने वाले दिनों में कोहरा का असर और दिखेगा, खासकर हाईवे पर कोहरे के ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है. झारखंड के कई जिलों में कोहरे की वजह से पिछले एक महीने में कई दर्दनाक सड़क हादसे हुए हैं. ऐसे में झारखंड पुलिस मुख्यालय ने कोहरे को लेकर विशेष अलर्ट जारी किया है.

डीजीपी अनुराग गुप्ता का बयान (ईटीवी भारत)



कई हादसे आ चुके हैं सामने

सड़क सुरक्षा डिपार्टमेंट के आंकड़े यह बताते हैं कि झारखंड में हर वर्ष नवंबर से लेकर जनवरी महीने तक सड़क हादसों में वृद्धि हो जाती है और इसमें अपनी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ जाती है. आंकड़े यह भी बताते हैं कि ज्यादातर हादसे हाईवे पर होते हैं. हाईवे में धुंध की वजह से अधिकतर सड़क हादसे हो रहे हैं. इसी साल जनवरी से अक्टूबर तक सिर्फ हाईवे में 300 से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. इसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो हुई है. सबसे ज्यादा मौत जनवरी महीने में हुई थी. यही वजह है की झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है.

ROAD ACCIDENTS IN JHARKHAND
झारखंड में हादसों के आंकड़े (ईटीवी भारत)
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया की 'पूरे राज्य में कोहरे को लेकर ट्रैफिक पुलिस को तो अलर्ट किया ही गया है इसके साथ-साथ वैसे तमाम थाने जो हाईवे से सटे हुए हैं उन्हें यह निर्देश दिया गया है कि वह किसी भी कीमत पर खराब वाहनों को सड़क पर न रहने दे, इसके साथ ही यह देखा जाता है कि हाईवे पर कई ट्रक ड्राइवर अपने ट्रक को सड़क पर ही छोड़ देते हैं. धुंध की वजह से वह ट्रक दूसरे चालक को दिखाई नहीं देता है और वह पीछे से जाकर उसमें टक्कर मार देते हैं. ऐसे में तमाम पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वह किसी भी हाल में हाईवे पर किसी भी तरह के वाहन को पार्क ना होने दें' घाटी में लगाया जा रहा फॉग लाइट

झारखंड के कई जिलों में खतरनाक घाटियां हैं जिनमे युद्धस्तर पर फॉग लाइट लगाई जा रही है. अक्सर यह देखा जाता है कि कोहरे के समय घाटी में गाड़ियां आपस में टकरा जाती हैं, जिसकी वजह से कई लोग न सिर्फ घायल होते हैं बल्कि मौत भी हो जाती है. इन हादसों को रोकने के लिए चुटूपालू और तैमारा घाटी में फॉग लाइट लगाई जा रही है. रोड सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर हर जिले को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसमे यह बताया गया है की ठंड के मौसम में फॉग होने की वजह से घाटी में सड़कें नजर नहीं आती हैं और दुर्घटनाएं होती हैं. इसलिए घाटी में फॉग लाइट की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके.

पीली बत्ती लगाने का भी है प्रस्ताव

एक तरफ झारखंड पुलिस के तरफ से कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया गया है और हाईवे स्थित थानों को बेहद अलर्ट रहने को कहा गया है. वहीं दूसरी तरफ रोड सेफ्टी डिपार्टमेंट की तरफ से भी अगले एक साल की प्लानिंग की गई है, ताकि अगले साल तक सभी स्थानों पर फॉग लाइट लगा दी जाए. इसके अलावा उसके साथ-साथ पीली बत्ती भी लगाई जाए जो रात के अंधेरे में स्पष्ट दिखाई देती है. रोड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अनुसार ठंड के मौसम में हाईवे में ज्यादा धुंध होती है. दिन में भी धुंध की वजह से चालक को वाहन चलाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

सड़क नजर नहीं होने के कारण कई बार सड़क हादसे भी होते हैं. इससे बचने के लिए ओरमांझी टोल नाका से चुटूपालू घाटी से पहले तक और नामकुम से तमाड़ तक पीली बत्ती लगाई जाएगी. पीली बत्ती रात के अलावा दिन में भी ब्लींक करती रहेगी. पीली बत्ती लगने से चालक को सामने की सड़क नजर आएगी. यह भी पता चलेगा कि टर्निंग से लेकर आवागमन का भी पता चल जाएगा.ऐसा होने से हादसों में भी कमी आएगी.

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रांची: झारखंड के 17 जिलों में आने वाले दिनों में कोहरा का असर और दिखेगा, खासकर हाईवे पर कोहरे के ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है. झारखंड के कई जिलों में कोहरे की वजह से पिछले एक महीने में कई दर्दनाक सड़क हादसे हुए हैं. ऐसे में झारखंड पुलिस मुख्यालय ने कोहरे को लेकर विशेष अलर्ट जारी किया है.

डीजीपी अनुराग गुप्ता का बयान (ईटीवी भारत)



कई हादसे आ चुके हैं सामने

सड़क सुरक्षा डिपार्टमेंट के आंकड़े यह बताते हैं कि झारखंड में हर वर्ष नवंबर से लेकर जनवरी महीने तक सड़क हादसों में वृद्धि हो जाती है और इसमें अपनी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ जाती है. आंकड़े यह भी बताते हैं कि ज्यादातर हादसे हाईवे पर होते हैं. हाईवे में धुंध की वजह से अधिकतर सड़क हादसे हो रहे हैं. इसी साल जनवरी से अक्टूबर तक सिर्फ हाईवे में 300 से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. इसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो हुई है. सबसे ज्यादा मौत जनवरी महीने में हुई थी. यही वजह है की झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है.

ROAD ACCIDENTS IN JHARKHAND
झारखंड में हादसों के आंकड़े (ईटीवी भारत)
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया की 'पूरे राज्य में कोहरे को लेकर ट्रैफिक पुलिस को तो अलर्ट किया ही गया है इसके साथ-साथ वैसे तमाम थाने जो हाईवे से सटे हुए हैं उन्हें यह निर्देश दिया गया है कि वह किसी भी कीमत पर खराब वाहनों को सड़क पर न रहने दे, इसके साथ ही यह देखा जाता है कि हाईवे पर कई ट्रक ड्राइवर अपने ट्रक को सड़क पर ही छोड़ देते हैं. धुंध की वजह से वह ट्रक दूसरे चालक को दिखाई नहीं देता है और वह पीछे से जाकर उसमें टक्कर मार देते हैं. ऐसे में तमाम पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वह किसी भी हाल में हाईवे पर किसी भी तरह के वाहन को पार्क ना होने दें' घाटी में लगाया जा रहा फॉग लाइट

झारखंड के कई जिलों में खतरनाक घाटियां हैं जिनमे युद्धस्तर पर फॉग लाइट लगाई जा रही है. अक्सर यह देखा जाता है कि कोहरे के समय घाटी में गाड़ियां आपस में टकरा जाती हैं, जिसकी वजह से कई लोग न सिर्फ घायल होते हैं बल्कि मौत भी हो जाती है. इन हादसों को रोकने के लिए चुटूपालू और तैमारा घाटी में फॉग लाइट लगाई जा रही है. रोड सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर हर जिले को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसमे यह बताया गया है की ठंड के मौसम में फॉग होने की वजह से घाटी में सड़कें नजर नहीं आती हैं और दुर्घटनाएं होती हैं. इसलिए घाटी में फॉग लाइट की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके.

पीली बत्ती लगाने का भी है प्रस्ताव

एक तरफ झारखंड पुलिस के तरफ से कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया गया है और हाईवे स्थित थानों को बेहद अलर्ट रहने को कहा गया है. वहीं दूसरी तरफ रोड सेफ्टी डिपार्टमेंट की तरफ से भी अगले एक साल की प्लानिंग की गई है, ताकि अगले साल तक सभी स्थानों पर फॉग लाइट लगा दी जाए. इसके अलावा उसके साथ-साथ पीली बत्ती भी लगाई जाए जो रात के अंधेरे में स्पष्ट दिखाई देती है. रोड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अनुसार ठंड के मौसम में हाईवे में ज्यादा धुंध होती है. दिन में भी धुंध की वजह से चालक को वाहन चलाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

सड़क नजर नहीं होने के कारण कई बार सड़क हादसे भी होते हैं. इससे बचने के लिए ओरमांझी टोल नाका से चुटूपालू घाटी से पहले तक और नामकुम से तमाड़ तक पीली बत्ती लगाई जाएगी. पीली बत्ती रात के अलावा दिन में भी ब्लींक करती रहेगी. पीली बत्ती लगने से चालक को सामने की सड़क नजर आएगी. यह भी पता चलेगा कि टर्निंग से लेकर आवागमन का भी पता चल जाएगा.ऐसा होने से हादसों में भी कमी आएगी.

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