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रांची में राइट टू एजुकेशन पर राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो हुए शामिल - Ranchi news

सरकारी स्कूलों (Government schools) में मैनेजमेंट कमेटी की भूमिका और जिम्मेदारियों को लेकर रांची में राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में राज्य के 24 जिलों के प्रतिनिधि शामिल हुये.

seminar on Right to Education
रांची में राइट टू एजुकेशन पर राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन
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Published : Jun 28, 2022, 4:05 PM IST

रांचीः झारखंड के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है. ड्रॉपआउट की समस्या दूर हो, शिक्षा का अधिकार अधिनियम को सख्ती से पालन किया जाये और विद्यार्थियों को स्कूलों में हर सुविधा मिले. इसको लेकर राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो मंगलवार को राइट टू एजुकेशन फोरम केयर लीड्स की ओर से राइट टू एजुकेशन विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.

यह भी पढ़ेंः3डी इमेज ने बदली सरकारी स्कूल की दुनिया, स्मार्ट क्लास से जुड़कर होनहार बन रहे नौनिहाल

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों के बीच कम्युनिकेशन गैप नहीं हो. इसको लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके बावजूद सरकारी स्कूलों की हालत नहीं सुधर रही है. इसपर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने भी चिंता व्यक्त की है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को हर हाल में शिक्षा मिले. इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं सरकारी स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की भूमिका पर भी लगातार चर्चाएं होती रही है.

देखें पूरी खबर


शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाना ही मुख्य उद्देश्य है. कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षा मिले. इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने शिक्षा जगत से जुड़े प्रतिनिधियों और आयोजन समिति के सदस्यों से अपील करते हुये कहा कि राइट टू एजुकेशन को सख्ती से लागू करने में मदद करें. शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि प्रथम चरण में राज्य के 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी. दूसरे चरण में 60 हजार शिक्षकों की नियुक्ति विभिन्न स्कूलों में की जाएगी. इसके साथ ही 125 हाई स्कूल को प्लस टू स्कूल में अपग्रेड किया है, ताकि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार हो सके.

रांचीः झारखंड के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है. ड्रॉपआउट की समस्या दूर हो, शिक्षा का अधिकार अधिनियम को सख्ती से पालन किया जाये और विद्यार्थियों को स्कूलों में हर सुविधा मिले. इसको लेकर राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो मंगलवार को राइट टू एजुकेशन फोरम केयर लीड्स की ओर से राइट टू एजुकेशन विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.

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सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों के बीच कम्युनिकेशन गैप नहीं हो. इसको लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके बावजूद सरकारी स्कूलों की हालत नहीं सुधर रही है. इसपर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने भी चिंता व्यक्त की है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को हर हाल में शिक्षा मिले. इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं सरकारी स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की भूमिका पर भी लगातार चर्चाएं होती रही है.

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाना ही मुख्य उद्देश्य है. कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षा मिले. इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने शिक्षा जगत से जुड़े प्रतिनिधियों और आयोजन समिति के सदस्यों से अपील करते हुये कहा कि राइट टू एजुकेशन को सख्ती से लागू करने में मदद करें. शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि प्रथम चरण में राज्य के 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी. दूसरे चरण में 60 हजार शिक्षकों की नियुक्ति विभिन्न स्कूलों में की जाएगी. इसके साथ ही 125 हाई स्कूल को प्लस टू स्कूल में अपग्रेड किया है, ताकि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार हो सके.

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