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झारखंड के 19 जिलों में नक्सली सक्रिय, चुनाव आयोग की PC के बाद रघुवर सरकार के दावों पर विपक्ष ने उठाया सवाल

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Published : Nov 2, 2019, 5:11 PM IST

झारखंड में विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है. एक नंवबर को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने झारखंड में पांच चरणों में चुनाव की जानकारी दी. वहीं चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद वार-पलटवार का दौर जारी हो गया.

झारखंड में नक्सलवाद

रांची: प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के राज्य में नक्सलवाद के खात्मे को लेकर किए जा रहे दावे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सवाल खड़ा किया है. पार्टी ने साफ तौर पर कहा कि बेबुनियाद बातें करना राज्य सरकार की आदत है. जेएमएम ने दावा किया कि नक्सलवाद पर लगाम तब लगी थी, जब प्रदेश में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री थे.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

'राज्य सरकार के दावे झूठ'
पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने शनिवार को कहा कि उस दौर में नक्सलवाद पर लगाम लगाई गई, लेकिन मौजूदा सरकार ने उन योजनाओं को कंटिन्यू नहीं किया. उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि खुद केंद्र ने राज्य सरकार के दावे को झूठ साबित कर दिया है.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: रांची विधानसभा क्षेत्र से विधायक सीपी सिंह का रिपोर्ट कार्ड

केंद्र के आंकड़े
केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के 24 में से 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं. इनमें से 13 अति नक्सल प्रभावित हैं. ऐसे में राज्य सरकार का नक्सलवाद के खात्मे का दावा बेबुनियाद है. इस बाबत बीजेपी ने साफ तौर पर कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में नक्सलवादी घटनाओं पर लगाम लगी है.

एडीजी ने भी माना नक्सलवाद को चुनौती
दरअसल, झारखंड पुलिस के एडीजी मुरारी लाल मीणा ने भी स्पष्ट तौर से कहा कि गृह मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से राज्य में 19 जिले अभी भी नक्सल प्रभावित हैं. हालांकि पिछले कुछ वर्षों में नक्सली घटनाओं में कमी आई है. उन्होंने कहा कि अभी भी 13 जिले अति नक्सल प्रभावित हैं.

इस साल कोल्हान में दो और रांची में एक नक्सली हमला
इस साल कोल्हान के सरायकेला जिले में दो नक्सली हमले हुए हैं. जिनमें मई महीने में आईईडी ब्लास्ट में 10 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हुए. वहीं जून में हुए नक्सली हमले में 5 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. इसके अलावा अक्टूबर महीने में रांची के दशम फॉल इलाके में 2 जवान नक्सलियों की कथित फायरिंग में शहीद हो गए.

ये भी पढ़ें- सांसद निशिकांत दुबे पर होगा FIR, चुनाव आयोग ने दिए निर्देश

पिछले दो वित्त वर्ष में एससीए के तहत 340 करोड़ जारी
केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में संथाल परगना के पांच जिलों देवघर, जामताड़ा, गोड्डा, साहिबगंज और पाकुड़ को छोड़कर बाकी के 19 जिलों में नक्सल एक समस्या है. पिछले 2 वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने स्पेशल सेंट्रल असिस्टेंस के तहत प्रदेश के अति नक्सल प्रभावित जिलों में 340 करोड़ रुपए रिलीज किए हैं. वित्त वर्ष 2017-18 में 16 जिलों के लिए 80 करोड़ रुपए और 2018-19 में 13 जिलों के लिए 260 करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने रिलीज किया है.

रांची: प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के राज्य में नक्सलवाद के खात्मे को लेकर किए जा रहे दावे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सवाल खड़ा किया है. पार्टी ने साफ तौर पर कहा कि बेबुनियाद बातें करना राज्य सरकार की आदत है. जेएमएम ने दावा किया कि नक्सलवाद पर लगाम तब लगी थी, जब प्रदेश में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री थे.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

'राज्य सरकार के दावे झूठ'
पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने शनिवार को कहा कि उस दौर में नक्सलवाद पर लगाम लगाई गई, लेकिन मौजूदा सरकार ने उन योजनाओं को कंटिन्यू नहीं किया. उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि खुद केंद्र ने राज्य सरकार के दावे को झूठ साबित कर दिया है.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: रांची विधानसभा क्षेत्र से विधायक सीपी सिंह का रिपोर्ट कार्ड

केंद्र के आंकड़े
केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के 24 में से 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं. इनमें से 13 अति नक्सल प्रभावित हैं. ऐसे में राज्य सरकार का नक्सलवाद के खात्मे का दावा बेबुनियाद है. इस बाबत बीजेपी ने साफ तौर पर कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में नक्सलवादी घटनाओं पर लगाम लगी है.

एडीजी ने भी माना नक्सलवाद को चुनौती
दरअसल, झारखंड पुलिस के एडीजी मुरारी लाल मीणा ने भी स्पष्ट तौर से कहा कि गृह मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से राज्य में 19 जिले अभी भी नक्सल प्रभावित हैं. हालांकि पिछले कुछ वर्षों में नक्सली घटनाओं में कमी आई है. उन्होंने कहा कि अभी भी 13 जिले अति नक्सल प्रभावित हैं.

इस साल कोल्हान में दो और रांची में एक नक्सली हमला
इस साल कोल्हान के सरायकेला जिले में दो नक्सली हमले हुए हैं. जिनमें मई महीने में आईईडी ब्लास्ट में 10 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हुए. वहीं जून में हुए नक्सली हमले में 5 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. इसके अलावा अक्टूबर महीने में रांची के दशम फॉल इलाके में 2 जवान नक्सलियों की कथित फायरिंग में शहीद हो गए.

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पिछले दो वित्त वर्ष में एससीए के तहत 340 करोड़ जारी
केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में संथाल परगना के पांच जिलों देवघर, जामताड़ा, गोड्डा, साहिबगंज और पाकुड़ को छोड़कर बाकी के 19 जिलों में नक्सल एक समस्या है. पिछले 2 वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने स्पेशल सेंट्रल असिस्टेंस के तहत प्रदेश के अति नक्सल प्रभावित जिलों में 340 करोड़ रुपए रिलीज किए हैं. वित्त वर्ष 2017-18 में 16 जिलों के लिए 80 करोड़ रुपए और 2018-19 में 13 जिलों के लिए 260 करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने रिलीज किया है.

Intro:
बाइट मनोज पांडे केंद्रीय प्रवक्ता झामुमो
बाइट एमएल मीणा, एडीजी झारखण्ड पुलिस की बाइट कल लाइव व्यू से गयी है। कृपया उसको देख लेंगे।

रांची। प्रदेश कि सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के राज्य में नक्सलवाद के खात्मे को लेकर किए जा रहे दावे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सवाल खड़ा किया है। पार्टी ने साफ तौर पर कहा कि बेबुनियाद बातें करना राज्य सरकार की आदत हो है। झामुमो ने दावा किया कि नक्सलवाद पर लगाम तब लगी थी जब प्रदेश में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री थे। पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने शनिवार को कहा कि उस दौर में नक्सलवाद पर लगाम लगाई गई, लेकिन मौजूदा सरकार ने उन योजनाओं को कंटिन्यू नहीं किया। उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि खुद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के दावे को झूठ साबित कर दिया है।


Body:केंद्र के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 24 में से 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं। उनमें से 13 अति नक्सल प्रभावित हैं। ऐसे में राज्य सरकार का नक्सलवाद के खात्मे का दावा बेबुनियाद है। इस बाबत बीजेपी ने साफ तौर पर कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में नक्सलवादी घटनाओं पर लगाम लगी है।

झारखण्ड पुलिस के एडीजी ने भी माना नक्सल है चुनौती
दरअसल झारखंड पुलिस के एडीजी मुरारी लाल मीणा ने भी स्पष्ट तौर से कहा कि गृह मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से राज्य में 19 जिले अभी भी नक्सल प्रभावित हैं। नक्सली अभी भी एक समस्या है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में नक्सली घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि अति नक्सल प्रभावित जिले घटकर 13 हुए हैं लेकिन अभी भी झारखंड के 19 जिले देश के गृह मंत्रालय की नजर में नक्सल प्रभावित हैं।

इस साल कोल्हान में दो और रांची में हुआ है एक नक्सल अटैक
दरअसल इस साल कोल्हान के सरायकेला जिले में दो नक्सली हमले हुए हैं। जिनमें मई महीने में आईईडी ब्लास्ट में 10 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हुए। वहीं जून में हुए नक्सली हमले में 5 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इसके अलावा अक्टूबर महीने में रांची के दशम फॉल इलाके में 2 जवान नक्सलियों की कथित फायरिंग में मारे गए।


Conclusion:पिछले दो वित्त वर्ष में एससीए के तहत रीलिज हुए हैं 340 करोड़
दरअसल केंद्र के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में संथाल परगना के पांच जिलों देवघर, जामताड़ा, गोड्डा, साहिबगंज और पाकुड़ को छोड़कर बाकी के 19 जिलों में नक्सल एक समस्या है। पिछले 2 वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने स्पेशल सेंट्रल असिस्टेंस के तहत प्रदेश के अति नक्सल प्रभावित जिलों में 340 करोड रुपए रिलीज किए हैं। वित्त वर्ष 2017-18 में 16 जिलों के लिए 80 करोड़ रुपए और 2018-19 में 13 जिलों के लिए 260 करोड रुपए केंद्र सरकार द्वारा रिलीज किए गए हैं।
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