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विपक्षी दलों ने एक सुर में कहा- झारखंड में सफल रहा भारत बंद, कृषि कानून वापस लें, नहीं तो जवाब देगी जनता

कृषि कानून (Agricultural Law) के खिलाफ किसानों ने 27 सितंबर को भारत बंद (Bharat Bandh) का ऐलान था. देश के सभी विपक्षी दलों ने समर्थन दिया. एक तरफ बीजेपी ने भारत बंद को असफल बताया. वहीं विपक्ष दलों के नेताओं ने एक सुर में भारत बंद को सफल बताया.

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भारत बंद का समर्थन
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Published : Sep 27, 2021, 10:16 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 10:30 PM IST

रांची: 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर पूरे देश में भारत बंद (Bharat Bandh) का ऐलान किया गया था. इस बंद को कई राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संगठनों ने समर्थन भी दिया. झारखंड के भी सभी विपक्षी दलों ने कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन को लेकर बीजेपी नेताओं ने कहा कि झारखंड में भारत बंद असफल रहा. वहीं विपक्षी दलों ने एक सुर में कहा कि झारखंड की धरती से केंद्र सरकार को जल्द जवाब मिल जाएगा, क्योंकि भारत बंद को सफल बनाने में झारखंड की जनता ने खूब पसीने बहाए हैं.


इसे भी पढे़ं: जेएमएम ने बीजेपी से किया सवाल, कहा- मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री क्यों नहीं करते किसानों के मन की बात ?



बंद का समर्थन कर रही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि कृषि कानून को केंद्र सरकार वापसे लें, नहीं तो अब सिर्फ राजनीतिक पार्टियां ही नहीं, बल्कि सभी संगठन एकजुट हो रहे हैं, जो केंद्र सरकार को आने वाले समय में भारी पड़ेगा. वहीं जेएमएम के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र की सरकार बहरी हो गई है. उन्हें किसानों की समस्या नहीं सुनाई दे रही है. केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेना होगा. सभी विपक्षी दलों झारखंड में भारत बंद को सफल बनाया, ताकि केंद्र की थेथर सरकार तक हमारी बात पहुंच सके और कृषि कानून को वापस ले.

विपक्षी दलों ने भारत बंद का किया समर्थन


मजदूरों और किसानों ने किया देश का निर्माण: भाकपा माले


भाकपा माले के वरिष्ठ नेता शुभेंदु सेन ने कहा कि इस देश का निर्माण मजदूरों और किसानों ने किया है. उसके बावजूद भी केंद्र की मोदी सरकार मजदूरों और किसानों को दरकिनार कर नए कृषि कानून के माध्यम से उनका शोषण करना चाहती है. किसानों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का हमने समर्थन किया. अगर सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं लेती है तो आने वाले समय में हमारा विरोध और भी उग्र होगा.

इसे भी पढे़ं: भारत बंद को सफल बनाने में मुस्लिम लीग ने बच्चों का लिया सहारा, हाथों में झंडा देकर लगवाए नारे

किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार मौन: सीपीआईएम

वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता विनय सिन्हा ने कहा कि जिस देश का राजा व्यापारी हो जाए उस देश का कल्याण कभी नहीं हो सकता और हमारे देश के साथ भी यही विडंबना है. हमारे देश के प्रधानमंत्री व्यापारी हो चुके हैं, इसीलिए देश की सभी संपत्ति को निजीकरण कर लोगों पर आर्थिक बोझ दे रही है. जबकि सीपीआई(एम) के युवा नेता सुभाष मुंडा ने कहा कि भारत बंद को लेकर सभी लोगों का समर्थन है. उसके बावजूद भी मोदी सरकार कृषि कानून पर कुछ भी बोलने से बच रही है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छोटी-छोटी बातों पर ट्विटर के माध्यम से जवाब देते हैं. लेकिन किसानों के मुद्दे पर मौन साधे हुए हैं, जो कि सरासर गलत है.

आरजेडी ने किया भारत बंद का समर्थन


भारत बंद का आरजेडी ने भी समर्थन किया. आरजेडी नेता विशु विशाल यादव ने कहा कि देश का युवा और एक-एक व्यक्ति जाग चुका है. अगर सरकार कृषि कानून को वापस लेने पर विचार नहीं करती है तो आने वाले चुनाव में केंद्र सरकार को जनता जवाब देगी.

रांची: 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर पूरे देश में भारत बंद (Bharat Bandh) का ऐलान किया गया था. इस बंद को कई राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संगठनों ने समर्थन भी दिया. झारखंड के भी सभी विपक्षी दलों ने कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन को लेकर बीजेपी नेताओं ने कहा कि झारखंड में भारत बंद असफल रहा. वहीं विपक्षी दलों ने एक सुर में कहा कि झारखंड की धरती से केंद्र सरकार को जल्द जवाब मिल जाएगा, क्योंकि भारत बंद को सफल बनाने में झारखंड की जनता ने खूब पसीने बहाए हैं.


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बंद का समर्थन कर रही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि कृषि कानून को केंद्र सरकार वापसे लें, नहीं तो अब सिर्फ राजनीतिक पार्टियां ही नहीं, बल्कि सभी संगठन एकजुट हो रहे हैं, जो केंद्र सरकार को आने वाले समय में भारी पड़ेगा. वहीं जेएमएम के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र की सरकार बहरी हो गई है. उन्हें किसानों की समस्या नहीं सुनाई दे रही है. केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेना होगा. सभी विपक्षी दलों झारखंड में भारत बंद को सफल बनाया, ताकि केंद्र की थेथर सरकार तक हमारी बात पहुंच सके और कृषि कानून को वापस ले.

विपक्षी दलों ने भारत बंद का किया समर्थन


मजदूरों और किसानों ने किया देश का निर्माण: भाकपा माले


भाकपा माले के वरिष्ठ नेता शुभेंदु सेन ने कहा कि इस देश का निर्माण मजदूरों और किसानों ने किया है. उसके बावजूद भी केंद्र की मोदी सरकार मजदूरों और किसानों को दरकिनार कर नए कृषि कानून के माध्यम से उनका शोषण करना चाहती है. किसानों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का हमने समर्थन किया. अगर सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं लेती है तो आने वाले समय में हमारा विरोध और भी उग्र होगा.

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किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार मौन: सीपीआईएम

वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता विनय सिन्हा ने कहा कि जिस देश का राजा व्यापारी हो जाए उस देश का कल्याण कभी नहीं हो सकता और हमारे देश के साथ भी यही विडंबना है. हमारे देश के प्रधानमंत्री व्यापारी हो चुके हैं, इसीलिए देश की सभी संपत्ति को निजीकरण कर लोगों पर आर्थिक बोझ दे रही है. जबकि सीपीआई(एम) के युवा नेता सुभाष मुंडा ने कहा कि भारत बंद को लेकर सभी लोगों का समर्थन है. उसके बावजूद भी मोदी सरकार कृषि कानून पर कुछ भी बोलने से बच रही है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छोटी-छोटी बातों पर ट्विटर के माध्यम से जवाब देते हैं. लेकिन किसानों के मुद्दे पर मौन साधे हुए हैं, जो कि सरासर गलत है.

आरजेडी ने किया भारत बंद का समर्थन


भारत बंद का आरजेडी ने भी समर्थन किया. आरजेडी नेता विशु विशाल यादव ने कहा कि देश का युवा और एक-एक व्यक्ति जाग चुका है. अगर सरकार कृषि कानून को वापस लेने पर विचार नहीं करती है तो आने वाले चुनाव में केंद्र सरकार को जनता जवाब देगी.

Last Updated : Sep 27, 2021, 10:30 PM IST
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