रांची: आज से झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होना है. ऐसे में राज्य में मॉब लिंचिंग, बिजली, पानी, किसानों की समस्या, सुखाड़ जैसे ज्वलंत मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है. जबकि सत्र हंगामे की भेंट न चढ़े. इसके लिए सत्तारूढ़ बीजेपी ने विपक्षी दलों को सद्बुद्धि देने की कामना की है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने अंतिम सत्र कम दिनों के होने पर अफसोस जाहिर की है.
कम दिनों के सत्र से विपक्ष को मलाल
सोमवार से झारखंड विधानसभा में 5 दिनों का मानसून सत्र शुरू होने वाला है. जो 26 जुलाई तक चलेगा. ऐसे में पक्ष और विपक्ष सत्र को लेकर पूरी तरह से तैयार दिख रहे हैं. लेकिन विपक्ष को सत्र की अवधि छोटे होने से नाराजगी है. क्योंकि विपक्ष का मानना है कि कम दिनों के सत्र में जनमुद्दों को जगह नहीं मिल पाएगी.
वहीं, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा है कि वर्तमान में किसानों और सुखाड़ की समस्या सबसे अहम है. इस मुद्दे को सत्र में उठाया जाएगा. उन्होंने कहा है कि संभवत यह इस सरकार का आखिरी सत्र है. ऐसे में सत्र ज्यादा दिनों का होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में मॉब लिंचिंग, बिजली, पानी की समस्या जैसे मुद्दों को सदन में विपक्ष उठाएगी.
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विपक्ष के जवाब के लिए तैयर है बीजेपी
जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी का मानना है कि सत्र हमेशा विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ता रहा है. ऐसे में कम दिनों के मॉनसून सत्र की बात कह कर विपक्ष घड़ियाली आंसू बहा रहा है. बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने कहा है कि सरकार, विपक्ष के सवालों के जवाब के लिए तैयार है. लेकिन विपक्ष हमेशा सत्र में हंगामा करती आई है. ऐसे में ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे. ताकि इस मानसून सत्र में जन मुद्दों की बात हो सके और सत्र हंगामे की भेंट न चढ़े.