रांचीः झारखंड में चल रहे राज्यसभा चुनाव ने राज्य की राजनीतिक तपिश को बढ़ा दिया है. दिल्ली में समझौते की बात नहीं हो पाने के बाद हेमंत सोरेन की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार के ऐलान के बाद कांग्रेस के सभी नेता नाराज हैं. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी झारखंड में हैं और बंद कमरे में एक एक विधायकों से फीडबैक ले रहे हैं. कांग्रेस के सभी विधायकों ने एक सुर में कहा है कि हेमंत सरकार में शामिल सभी कांग्रेस के मंत्री इस्तीफा देंगे.
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मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस हेमंत सरकार को बाहर से समर्थन दे सकते हैं. अब झारखंड कांग्रेस को यह निर्णय लेना है कि सभी मंत्री पहले हेमंत सोरेन सरकार से इस्तीफा दें. अब देखने वाली बात यह होगी कि राज्यसभा का चुनाव और झारखंड मुक्ति मोर्चा का स्टैंड झारखंड में किस राजनीतिक रंग के अंजाम तक जाता है.
महानगर कांग्रेस अध्यक्ष संजय पांडे ने विवाद सुलझने तक कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को सभी सरकारी सुविधा वापस कर विरोध दर्ज कराने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि सारा पाप झारखंड मुक्ति मोर्चा करे और धोने का काम कांग्रेस करे. यह नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष सरकार के कॉमन मीनिमम प्रोग्राम, बोर्ड निगम आदि पर पॉलिसी नहीं बनती है, तब तक कांग्रेस प्रभारी को अपने मंत्रियों को सरकारी सुविधा नहीं लेने और मंत्रिमंडल की बैठकम में शामिल नहीं होने का निर्देश देना चाहिए. संजय पांडे ने कहा कि अब झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ आर पार की लड़ाई होगी. यदि सरकार चलेगी तो कांग्रेस की शर्तों पर नहीं तो नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यह लड़ाई स्वाभिमान की लड़ाई है.
विधायक इरफान अंसारी ने अपने पिता फुरकान अंसारी को टिकट नहीं मिलने पर दुख जताते हुए कहा कि झामुमो ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपमानित किया है. उन्होंने कहा कि गठबंधन में सभी दलों को साथ लेकर चलना चाहिए. बड़े भाई अपने हित में छोटे भाई का खयाल ना रखे. यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेस विधायक और मंत्री अपनी भावना से प्रदेश प्रभारी को अवगत करा दिया है. अब उन्होंने निर्णय लेना है.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कॉर्डिनेशन कमिटी के सदस्य केएन त्रिपाठी ने कहा कि गठबंधन में आई खटास के लिए जेएमएम दोषी है. उन्होंने सभी मुद्दों पर जेएमएम से दो टूक बात करने की सलाह देते हुए कहा कि सरकार चलाना सिर्फ कांग्रेस की जिम्मेवारी नहीं है, बल्कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी है. उन्होंने कहा कि गठबंधन किसी की मर्जी से नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि ना सरकार का कॉर्डिनेशन कमिटी बनी और ना ही कॉमन मिनिमम प्रोग्राम. अब राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस के साथ धोखा हुआ है.