रांची: राजधानी रांची के अशोकनगर स्थित एक निजी न्यूज चैनल के दफ्तर में दो सगे भाइयों की हत्या की गुत्थी हत्या में शामिल बॉडीगार्ड के गिरफ्तारी के बाद भी अनसुलझी ही रह गई. हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी के निजी बॉडीगार्ड सुनील सिंह को पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है.
हत्याकांड अभी भी अनसुलझी
छह मार्च की शाम रांची के अशोकनगर स्थित एक निजी चैनल के दफ्तर में हुए दोहरे हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है. पुलिस ने फिलहाल मामले का खुलासा तो नहीं किया है. लेकिन एक अभियुक्त की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि घटना के वक्त कमरे में लोकेश चौधरी उसके दो निजी बॉडीगार्ड के अलावा एमके सिंह नाम का एक शख्स भी मौजूद था, जो खुद को आईबी का अधिकारी बताता था. पुलिस की जांच की दिशा अब एनके सिंह और लोकेश चौधरी के चारों तरफ घूम रही है. इन दोनों में से किसी एक की गिरफ्तारी के बाद ही दोहरे हत्याकांड के असली वजह का खुलासा हो पाएगा.
हत्या के समय मौजूद था सुनील
कोलकाता से गिरफ्तार हत्याकांड का अभियुक्त और गवाह सुनील सिंह ने गिरफ्तारी के बाद बताया कि घटना वाले दिन कमरे में वह भी था. कमरे में लोकेश चौधरी और एमके सिंह के साथ अग्रवाल बंधु की जोरदार बहस चल रही थी. इस दौरान अग्रवाल भाइयों ने लोकेश चौधरी पर यह आरोप लगाया कि उसने पैसों को लेकर आईबी की टीम को सूचना देकर रेड मरवाई. जिस आईबी अफसर की बात कमरे में चल रही थी वह एमके सिंह ही था.
चार गोली चली
हालांकि, पुलिस जांच में यह साफ हो गया है कि एमके सिंह फर्जी आईबी अफसर बन कर अग्रवाल बंधुओं से पैसे की ठगी कर रहा था. सुनील के अनुसार सबसे पहले एमके सिंह ने उसका रिवाल्वर छीनकर अग्रवाल बंधुओं पर गोलियां चलाई थी. लेकिन दोनों गोलियां अग्रवाल बंधुओं को नहीं लगी थी. सुनील के अनुसार इस बीच में एमके सिंह से अपना रिवाल्वर वापस लिया और दरवाजे से बाहर निकल गया. इसी बीच चार गोलियां चलने की आवाज हुई. दौड़ कर सुनील जब कमरे के अंदर गया तो देखा दोनों भाई खून से लथपथ फर्श पर गिरे हुए हैं.
मृतक के मोबाइल , डीबीआर और कपड़े जला दिए
दोनों भाइयों की हत्या के बाद लोकेश चौधरी, एमके सिंह बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी ने तुरंत सीसीटीवी का डीबीआर नोच लिया. आनन-फानन में सभी कमरों में ताला बंद किया और धुर्वा स्थित बस स्टैंड जाकर अपने खून से सने कपड़े, मृतकों के मोबाइल और डीबीआर को जलाकर अलग-अलग फरार हो गए. सुनील की निशानदेही पर पुलिस ने जला हुआ डीबीआर मृतकों के मोबाइल और कपड़े बरामद कर लिए हैं.
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कई सवाल बरकरार
निजी चैनल के दफ्तर में हुए दोहरे हत्याकांड की गुत्थी में अभी कई सवाल बरकरार हैं. एकमात्र अभियुक्त की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस के हाथ उन सवालों के जवाब नहीं लगे जो सबके मन में सुलग रहे हैं. सवाल यह है कि आखिर बंद कमरे में ऐसा क्या कुछ हुआ कि दो सगे भाइयों को जान गंवानी पड़ी. फिलहाल पुलिस के हिसाब से जो स्क्रिप्ट लिखी गई है उसमें एमके सिंह नाम का फर्जी आईबी अफसर भी शामिल हो गया है. अब जब तक लोकेश चौधरी और फर्जी आईबी अफसर की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक इस दोहरे हत्याकांड की गुत्थी अनसुलझी ही रहेगी.