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रांची: साइबर क्रिमिनल्स के निशाने पर अब फिक्स डिपॉजिट खाते, पुलिस ने जारी किया पोस्टर - रांची न्यूज

साइबर अपराधी वारदात के लिए रोजाना नए तरीके अपना रहे हैं. ये अपराधी लोगों के खाते में सेंध लगाने के लिए खाता हैक कर एफडी में कन्वर्ट कर रहे हैं. एफडी करने के बाद खाताधारक से ओटीपी मांग कर खाते से रुपये उड़ा ले रहे हैं. ये मामले लगातार आ रहे हैं, इसलिए मामले को देखते हुए रांची पुलिस ने इस मामले को लेकर आम लोगों को समझाने और जागरूक करने के लिए पोस्टर जारी किया है.

jharkhand Police
झारखंड पुलिस
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Published : Apr 3, 2021, 1:40 PM IST

Updated : Apr 3, 2021, 2:08 PM IST

रांची: साइबर अपराधी हर दिन नए तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनके खातों से पैसे उड़ा रहे हैं. शातिर साइबर अपराधी अब लोगों के फिक्स्ड डिपॉजिट खातों को भी हैक करने लगे हैं. लगातार आ रहे मामले को देखते हुए रांची पुलिस ने इस मामले को लेकर आम लोगों को समझाने और जागरूक करने के लिए पोस्टर जारी किया है.

Police released poster to make cyber crime aware
पुलिस ने साइबर अपराध के प्रति जागरूक करने के लिए पोस्टर जारी किया

ये भी पढ़ें- धनबाद में रेलवे का आउट हाउस छोड़ने का फरमान, प्रभावित बोले-आवंटन कर लें किराया

क्या है मामला

साइबर अपराधियों के निशाने पर अब फिक्स डिपॉजिट खाते और खाता धारक आ गए हैं. साइबर अपराधी लोगों के खाते में सेंध लगाने के लिए खाता हैक कर एफडी में कन्वर्ट कर रहे हैं. एफडी करने के बाद खाताधारक से ओटीपी मांग कर खाते से रुपये उड़ा ले रहे हैं. इसे लेकर रांची पुलिस ने अलर्ट जारी किया है. जिसमें ठगी के तरीके और बचाव के उपाय बताए गए हैं. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर सिटी एसपी ने पोस्टर जारी किया है. इस पोस्टर को सभी थानों को प्रचारित करने का भी निर्देश दिया गया है.

ऐसे की जा रही ठगी

  • हाल के दिनों में साइबर ठगों की ओर से खाता हैक कर उसमें मौजूद रकम की एफडी बनवाने के कई मामले सामने आए हैं.
  • जब पीड़ित के मोबाइल पर शून्य बैलेंस हो जाने का मैसेज पहुंचता है तब लोगों को उनकी बात पर यकीन हो जाता है.
  • ठग उनसे रकम वापस करने का झांसा देकर मोबाइल पर आने वाला ओटीपी बताने को कहता है.
  • ओटीपी बताते ही ठगों का काम पूरा हो जाता है.
  • खाते से निकाली गई रकम ठगों के खाते में ट्रांसफर हो जाती है.

    ऐसे हो सकता है बचाव

साइबर अपराधी लोगों का खाता हैक कर उसमें मौजूद रकम की जो एफडी बनवाते हैं वो एफडी एक दिन के लिए बनती है. लिहाजा उसी दिन या कुछ घंटे बाद उसकी अवधि पूरी हो जाती है. ऐसे में ठग के पास अपना खेल पूरा करने के लिए अधिकतम 12 घंटे होते हैं. वे खाताधारक से ओटीपी पूछते हैं और ओटीपी मिलते ही एफडी से रकम सीधे अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं.ओटीपी न बताने पर रकम ठग के खाते में नहीं जा सकती. समय रहते शिकायत की जाए तो इसे वापस खाते में लाया जा सकता है.

रांची: साइबर अपराधी हर दिन नए तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनके खातों से पैसे उड़ा रहे हैं. शातिर साइबर अपराधी अब लोगों के फिक्स्ड डिपॉजिट खातों को भी हैक करने लगे हैं. लगातार आ रहे मामले को देखते हुए रांची पुलिस ने इस मामले को लेकर आम लोगों को समझाने और जागरूक करने के लिए पोस्टर जारी किया है.

Police released poster to make cyber crime aware
पुलिस ने साइबर अपराध के प्रति जागरूक करने के लिए पोस्टर जारी किया

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क्या है मामला

साइबर अपराधियों के निशाने पर अब फिक्स डिपॉजिट खाते और खाता धारक आ गए हैं. साइबर अपराधी लोगों के खाते में सेंध लगाने के लिए खाता हैक कर एफडी में कन्वर्ट कर रहे हैं. एफडी करने के बाद खाताधारक से ओटीपी मांग कर खाते से रुपये उड़ा ले रहे हैं. इसे लेकर रांची पुलिस ने अलर्ट जारी किया है. जिसमें ठगी के तरीके और बचाव के उपाय बताए गए हैं. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर सिटी एसपी ने पोस्टर जारी किया है. इस पोस्टर को सभी थानों को प्रचारित करने का भी निर्देश दिया गया है.

ऐसे की जा रही ठगी

  • हाल के दिनों में साइबर ठगों की ओर से खाता हैक कर उसमें मौजूद रकम की एफडी बनवाने के कई मामले सामने आए हैं.
  • जब पीड़ित के मोबाइल पर शून्य बैलेंस हो जाने का मैसेज पहुंचता है तब लोगों को उनकी बात पर यकीन हो जाता है.
  • ठग उनसे रकम वापस करने का झांसा देकर मोबाइल पर आने वाला ओटीपी बताने को कहता है.
  • ओटीपी बताते ही ठगों का काम पूरा हो जाता है.
  • खाते से निकाली गई रकम ठगों के खाते में ट्रांसफर हो जाती है.

    ऐसे हो सकता है बचाव

साइबर अपराधी लोगों का खाता हैक कर उसमें मौजूद रकम की जो एफडी बनवाते हैं वो एफडी एक दिन के लिए बनती है. लिहाजा उसी दिन या कुछ घंटे बाद उसकी अवधि पूरी हो जाती है. ऐसे में ठग के पास अपना खेल पूरा करने के लिए अधिकतम 12 घंटे होते हैं. वे खाताधारक से ओटीपी पूछते हैं और ओटीपी मिलते ही एफडी से रकम सीधे अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं.ओटीपी न बताने पर रकम ठग के खाते में नहीं जा सकती. समय रहते शिकायत की जाए तो इसे वापस खाते में लाया जा सकता है.

Last Updated : Apr 3, 2021, 2:08 PM IST
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