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शिव के साथ इस मंदिर में रावण की भी होती है पूजा, कोरोना काल के कारण फिकी रही पहली सोमवारी

सावन की पहली सोमवारी कोरोना काल के कारण फीका रहा. रांची के पिठौरिया गांव के दशानन मंदिर में जहां श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रहती थी, वहीं आज मंदिर में चहल-पहल नहीं है. इस मंदिर की खास बात है कि शिव के साथ रावण की भी यहां पूजा होती है.

Dashanan temple in ranchi
दशानन मंदिर
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Published : Jul 6, 2020, 6:11 PM IST

रांचीः सावन का पहली सोमवारी शिव भक्तों के लिए काफी खास होता है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस सावन की पहली सोमवार थोड़ा फीका पड़ गया है. मंदिर में गिने-चुने शिवभक्त पहुंच रहे हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

राजधानी रांची के पिठौरिया गांव के दशानन मंदिर में सावन के महीने में काफी भीड़ हुआ करता था, क्योंकि इस मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ उनके सबसे बड़े भक्त रावण की पूजा होती है. मंदिर के बाहर रावण का चित्र बनाया हुआ है. बताया जाता है कि शिव के सबसे बड़े भक्त होने के कारण है इस मंदिर में रावण की आकृति बनाई गई है और सावन के महीने में इस दशानन मंदिर में शिव भक्तों का काफी हुआ करता था, लेकिन इस बार गिने-चुने शिव भक्त मंदिर आ रहे हैं क्योंकि वैश्विक महामारी के कारण मंदिरों का पट बंद कर दिया गया है.


ये भी पढे़ं- सावन की पहली सोमवारी पर भोलेनाथ की हो रही ऑनलाइन पूजा, बाबाधाम में नहीं उमड़ा भक्तों का सैलाब


मंदिर के पुजारी के अलावे आस-पास के रहने वाले कुछ महिला और बच्चे पूजा-अर्चना करने के लिए इस दशानन मंदिर में पहुंच तो रहे हैं, लेकिन इस बार पूजा पाठ करने का तरीका बिल्कुल ही बदला हुआ नजर आ रहा है. मंदिर में ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए शिवलिंग में जल चढ़ा कर लोग निकल रहे हैं. मंदिर के पुजारी का कहना है कि इस बार सावन में इस मंदिर में उस तरह का भीड़ नहीं देखने को मिल रहा है, क्योंकि महामारी का दौर चल रहा है लेकिन इसके बावजूद शिव भक्तों में आस्था भक्ति कम नहीं हुई है.

रांचीः सावन का पहली सोमवारी शिव भक्तों के लिए काफी खास होता है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस सावन की पहली सोमवार थोड़ा फीका पड़ गया है. मंदिर में गिने-चुने शिवभक्त पहुंच रहे हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं.

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राजधानी रांची के पिठौरिया गांव के दशानन मंदिर में सावन के महीने में काफी भीड़ हुआ करता था, क्योंकि इस मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ उनके सबसे बड़े भक्त रावण की पूजा होती है. मंदिर के बाहर रावण का चित्र बनाया हुआ है. बताया जाता है कि शिव के सबसे बड़े भक्त होने के कारण है इस मंदिर में रावण की आकृति बनाई गई है और सावन के महीने में इस दशानन मंदिर में शिव भक्तों का काफी हुआ करता था, लेकिन इस बार गिने-चुने शिव भक्त मंदिर आ रहे हैं क्योंकि वैश्विक महामारी के कारण मंदिरों का पट बंद कर दिया गया है.


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मंदिर के पुजारी के अलावे आस-पास के रहने वाले कुछ महिला और बच्चे पूजा-अर्चना करने के लिए इस दशानन मंदिर में पहुंच तो रहे हैं, लेकिन इस बार पूजा पाठ करने का तरीका बिल्कुल ही बदला हुआ नजर आ रहा है. मंदिर में ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए शिवलिंग में जल चढ़ा कर लोग निकल रहे हैं. मंदिर के पुजारी का कहना है कि इस बार सावन में इस मंदिर में उस तरह का भीड़ नहीं देखने को मिल रहा है, क्योंकि महामारी का दौर चल रहा है लेकिन इसके बावजूद शिव भक्तों में आस्था भक्ति कम नहीं हुई है.

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