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NIA जांच में खुलासा, आरके कंस्ट्रक्शन ने नक्सलियों को दिए हैं करोड़ों की लेवी, कर्मचारी भी शामिल

एनआईए की टीम ने मंगलवार को आरके कंस्ट्रक्शन कंपनी के दफ्तर समेत दूसरे ठिकानों पर छापेमारी की थी. जांच में यह बात सामने आई है कि आरके कंस्ट्रक्शन का कर्मचारी मनोज कुमार न सिर्फ आरके कंस्ट्रक्शन और माओवादी संगठन के बीच की कड़ी का काम करता था.

NIA raid in RK Construction ranchi, news related to RK Construction, RK Construction contacts Naxalites, एनआईए का आरके कंस्ट्रक्शन में छापा, आरके कंस्ट्रक्शन से जुड़ी खबरें, आरके कंस्ट्रक्शन का नक्सली से संपर्क
आरके कंस्ट्रक्शन में एनआईए का छापा
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Published : Jun 3, 2020, 7:44 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 8:27 PM IST

रांची: झारखंड के बड़े कंस्ट्रक्शन कंपनी में शामिल आरके कंस्ट्रक्शन में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को करोड़ों की लेवी दी है. एनआईए की छापेमारी में इस बात का खुलासा हुआ है. एनआईए की टीम ने मंगलवार को कंपनी के दफ्तर समेत दूसरे ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी संबंधित पूरी जानकारी बुधवार को एनआईए की तरफ से जारी की गई है.

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आरके कंस्ट्रक्शन में एनआईए का छापा
आरके कंस्ट्रक्शन का कर्मचारी था मिडिल मैन
दरअसल, आरके कंस्ट्रक्शन का एक कर्मी मनोज कुमार पूर्व में गिरिडीह के डुमरी इलाके से गिरफ्तार किया गया था. एनआईए ने साल 2018 में इस केस को टेकओवर किया था. अब जांच में यह बात सामने आई है कि आरके कंस्ट्रक्शन का कर्मचारी मनोज कुमार न सिर्फ आरके कंस्ट्रक्शन और माओवादी संगठन के बीच की कड़ी का काम करता था, बल्कि गिरिडीह इलाके में सड़क निर्माण के लिए काम करने वाली बाकी कंपनियों से भी लेवी की राशि वसूल कर माओवादियों के रीजनल कमांडर कृष्णा उर्फ अविनाश दा तक पहुंचाता था. मनोज नक्सली संगठन और कंपनी के बीच मिडिल मैन का काम भी किया करता था.

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एनआईए ने केस को टेकओवर कर लिया था
एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक, जांच एजेंसी ने माओवादियों के टेरर फंडिंग के मामले में 9 जुलाई 2018 को आरसी 21 /2018 केस दर्ज किया था. इस मामले में एनआईए ने रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के ठिकानों पर छापेमारी की थी. एनआईए अधिकारी के मुताबिक, 22 जनवरी 2018 को डुमरी में पुलिस ने 6 लाख के साथ मनोज कुमार को गिरफ्तार किया था. गिरिडीह के सीरिया निवासी मनोज के पास से छह लाख के अतिरिक्त कई कागजात बरामद किए गए थे. पुलिस की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई थी कि ठेकेदारों से लेवी के पैसे लेकर मनोज रीजनल कमांडर कृष्णा तक पहुंचाता था. मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए ने इस केस को टेकओवर कर लिया था.

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कंपनी के पैसे के साथ पकड़ा गया था मनोज
एनआईए की जांच में यह बात सामने आई कि मनोज कुमार जिस छह लाख रुपए के साथ पकड़ा गया था, वह राशि आरके कंस्ट्रक्शन कंपनी की थी. जांच में यह बात भी सामने आई कि माओवादी संगठन को करोड़ों की फंडिंग आरके कंस्ट्रक्शन से की गई थी. एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, लेवी की राशि से नक्सलियों ने हथियार और कारतूस खरीदे हैं. जिनका इस्तेमाल सुरक्षा बलों के खिलाफ किया जा रहा है.

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छापेमारी में क्या-क्या बरामद हुआ आरके कंस्ट्रक्शन से
आरके कंस्ट्रक्शन के कार्यालय में छापेमारी के दौरान एनआईए ने कैश बुक, बैंक खाते की डिटेल सहित कई अहम कागजात जब्त किए हैं. एनआईए सभी कागजातों की गहराई से जांच कर रही है. एनआईए के अनुसार इस मामले में आगे की जांच में कई नए तथ्य भी सामने आ सकते हैं, जिनकी गहराई से जांच की जा रही है.

रांची: झारखंड के बड़े कंस्ट्रक्शन कंपनी में शामिल आरके कंस्ट्रक्शन में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को करोड़ों की लेवी दी है. एनआईए की छापेमारी में इस बात का खुलासा हुआ है. एनआईए की टीम ने मंगलवार को कंपनी के दफ्तर समेत दूसरे ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी संबंधित पूरी जानकारी बुधवार को एनआईए की तरफ से जारी की गई है.

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आरके कंस्ट्रक्शन में एनआईए का छापा
आरके कंस्ट्रक्शन का कर्मचारी था मिडिल मैन
दरअसल, आरके कंस्ट्रक्शन का एक कर्मी मनोज कुमार पूर्व में गिरिडीह के डुमरी इलाके से गिरफ्तार किया गया था. एनआईए ने साल 2018 में इस केस को टेकओवर किया था. अब जांच में यह बात सामने आई है कि आरके कंस्ट्रक्शन का कर्मचारी मनोज कुमार न सिर्फ आरके कंस्ट्रक्शन और माओवादी संगठन के बीच की कड़ी का काम करता था, बल्कि गिरिडीह इलाके में सड़क निर्माण के लिए काम करने वाली बाकी कंपनियों से भी लेवी की राशि वसूल कर माओवादियों के रीजनल कमांडर कृष्णा उर्फ अविनाश दा तक पहुंचाता था. मनोज नक्सली संगठन और कंपनी के बीच मिडिल मैन का काम भी किया करता था.

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एनआईए ने केस को टेकओवर कर लिया था
एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक, जांच एजेंसी ने माओवादियों के टेरर फंडिंग के मामले में 9 जुलाई 2018 को आरसी 21 /2018 केस दर्ज किया था. इस मामले में एनआईए ने रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के ठिकानों पर छापेमारी की थी. एनआईए अधिकारी के मुताबिक, 22 जनवरी 2018 को डुमरी में पुलिस ने 6 लाख के साथ मनोज कुमार को गिरफ्तार किया था. गिरिडीह के सीरिया निवासी मनोज के पास से छह लाख के अतिरिक्त कई कागजात बरामद किए गए थे. पुलिस की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई थी कि ठेकेदारों से लेवी के पैसे लेकर मनोज रीजनल कमांडर कृष्णा तक पहुंचाता था. मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए ने इस केस को टेकओवर कर लिया था.

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कंपनी के पैसे के साथ पकड़ा गया था मनोज
एनआईए की जांच में यह बात सामने आई कि मनोज कुमार जिस छह लाख रुपए के साथ पकड़ा गया था, वह राशि आरके कंस्ट्रक्शन कंपनी की थी. जांच में यह बात भी सामने आई कि माओवादी संगठन को करोड़ों की फंडिंग आरके कंस्ट्रक्शन से की गई थी. एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, लेवी की राशि से नक्सलियों ने हथियार और कारतूस खरीदे हैं. जिनका इस्तेमाल सुरक्षा बलों के खिलाफ किया जा रहा है.

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छापेमारी में क्या-क्या बरामद हुआ आरके कंस्ट्रक्शन से
आरके कंस्ट्रक्शन के कार्यालय में छापेमारी के दौरान एनआईए ने कैश बुक, बैंक खाते की डिटेल सहित कई अहम कागजात जब्त किए हैं. एनआईए सभी कागजातों की गहराई से जांच कर रही है. एनआईए के अनुसार इस मामले में आगे की जांच में कई नए तथ्य भी सामने आ सकते हैं, जिनकी गहराई से जांच की जा रही है.

Last Updated : Jun 3, 2020, 8:27 PM IST
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