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झारखंड में शिक्षकों की नियुक्ति की नई नियमावली लागू, भर्ती के लिए आचार्य और फाजिल की डिग्री भी होगी मान्य

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Published : Mar 10, 2022, 2:10 PM IST

झारखंड में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नई नियमावली लागू कर दी गई है. नए नियम के तहत राज्य के हाई स्कूलों में प्राच्य भाषा का शिक्षक बनने के लिए आचार्य और फाजिल की डिग्री भी मान्य होगी.

appointment of teachers in Jharkhand
झारखंड में शिक्षकों की नियुक्ति

रांची: झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से हाई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नियमावली बनाकर लागू कर दी गई है. इस नियमावली के मुताबिक झारखंड में प्राच्य भाषा के शिक्षक बनने के लिए सामान्य स्नातकोत्तर की डिग्री के अलावा आचार्य और फाजिल की डिग्री भी मान्य होगी. इससे पहले फाजिल और आचार्य की डिग्री को शिक्षक नियुक्ति नियमावली में लागू नहीं किया गया था. संशोधित नियमावली में और भी कई प्रावधान किए गए हैं. जिसका कुछ अभ्यर्थियों ने विरोध किया है तो कुछ अभ्यर्थी इसकी प्रशंसा भी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- शिक्षकों को अब नहीं लगाना होगा कार्यालयों का चक्कर, शिक्षक न्यायाधिकरण में सुनी जाएगी समस्याएं

झारखंड से मैट्रिक और इंटर पास करना जरूरी
झारखंड में हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति नियमावली के संशोधन की अधिसूचना जारी हो चुकी है. इसके साथ ही अब नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो गया है. हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति नियमावली के अनुसार हाई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए झारखंड से मैट्रिक और इंटर पास होना जरूरी हो गया है. इससे पहले अब तक जितने भी नियुक्तियां हुई वह 2015 में बनाए गए नियुक्ति नियमावली से होती रही है. लेकिन हेमंत सरकार ने हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव करते हुए संशोधित नियमावली की अधिसूचना जारी की है और इसके तहत कई प्रावधान भी जोड़े गए हैं.

देखें वीडियो

क्या है संशोधित नियमावली

संशोधित नियमावली में किए गए बदलाव में एक बदलाव यह भी है कि 3 वर्षीय स्नातक डिग्री धारी के अलावा पीजी की डिग्री लेने वाले स्टूडेंट भी अहर्ता पूरा करेंगे. नियमावली की अधिसूचना के मुताबिक माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए माध्यमिक स्तर पर जिन विषयों की पढ़ाई होती है. उन विषयों को लेकर 3 साल की स्नातक की डिग्री लेना जरूरी है. इसके अलावा संबंधित विषय में पीजी की डिग्री के साथ बीएड उम्मीदवार भी नियुक्ति के लिए योग्य माने जाएंगे.
आचार्य और फाजिल की डिग्री को मिली मान्यता
नई संशोधित नियमावली में और एक प्रावधान जोड़ा गया है इसके तहत प्राच्य भाषा के शिक्षक बनने के लिए स्नातकोत्तर डिग्री के अलावा आचार्य और फाजिल की डिग्री भी मान्य होगी. नोटिफिकेशन के अनुसार संस्कृत अरबी उर्दू और फारसी जैसी भाषाओं के शिक्षक जो अभ्यर्थी बनना चाहते हैं. उनका अब आचार्य और फाजिल की डिग्री मान्य होगा .नोटिफिकेशन के अनुसार संस्कृत अरबी उर्दू और फारसी जैसी भाषाओं के शिक्षक बनने के लिए पात्रता परीक्षा बीएड के साथ स्नातकोत्तर की डिग्री भी मान्य होगी. राज्य सरकार द्वारा बदले गए इस नियमावली से कुछ छात्र वर्ग खुश है तो कुछ विद्यार्थियों में नाराजगी भी है. हालांकि छात्रों ने कहा है कि इस संशोधित नियमावली में आचार्य फाजिल के डिग्री को मान्य किया गया है. यह सराहनीय पहल है .इससे पहले इन दोनों डिग्रियों की मान्यता हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति में नहीं थी.

रांची: झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से हाई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नियमावली बनाकर लागू कर दी गई है. इस नियमावली के मुताबिक झारखंड में प्राच्य भाषा के शिक्षक बनने के लिए सामान्य स्नातकोत्तर की डिग्री के अलावा आचार्य और फाजिल की डिग्री भी मान्य होगी. इससे पहले फाजिल और आचार्य की डिग्री को शिक्षक नियुक्ति नियमावली में लागू नहीं किया गया था. संशोधित नियमावली में और भी कई प्रावधान किए गए हैं. जिसका कुछ अभ्यर्थियों ने विरोध किया है तो कुछ अभ्यर्थी इसकी प्रशंसा भी कर रहे हैं.

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झारखंड से मैट्रिक और इंटर पास करना जरूरी
झारखंड में हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति नियमावली के संशोधन की अधिसूचना जारी हो चुकी है. इसके साथ ही अब नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो गया है. हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति नियमावली के अनुसार हाई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए झारखंड से मैट्रिक और इंटर पास होना जरूरी हो गया है. इससे पहले अब तक जितने भी नियुक्तियां हुई वह 2015 में बनाए गए नियुक्ति नियमावली से होती रही है. लेकिन हेमंत सरकार ने हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव करते हुए संशोधित नियमावली की अधिसूचना जारी की है और इसके तहत कई प्रावधान भी जोड़े गए हैं.

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क्या है संशोधित नियमावली

संशोधित नियमावली में किए गए बदलाव में एक बदलाव यह भी है कि 3 वर्षीय स्नातक डिग्री धारी के अलावा पीजी की डिग्री लेने वाले स्टूडेंट भी अहर्ता पूरा करेंगे. नियमावली की अधिसूचना के मुताबिक माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए माध्यमिक स्तर पर जिन विषयों की पढ़ाई होती है. उन विषयों को लेकर 3 साल की स्नातक की डिग्री लेना जरूरी है. इसके अलावा संबंधित विषय में पीजी की डिग्री के साथ बीएड उम्मीदवार भी नियुक्ति के लिए योग्य माने जाएंगे.
आचार्य और फाजिल की डिग्री को मिली मान्यता
नई संशोधित नियमावली में और एक प्रावधान जोड़ा गया है इसके तहत प्राच्य भाषा के शिक्षक बनने के लिए स्नातकोत्तर डिग्री के अलावा आचार्य और फाजिल की डिग्री भी मान्य होगी. नोटिफिकेशन के अनुसार संस्कृत अरबी उर्दू और फारसी जैसी भाषाओं के शिक्षक जो अभ्यर्थी बनना चाहते हैं. उनका अब आचार्य और फाजिल की डिग्री मान्य होगा .नोटिफिकेशन के अनुसार संस्कृत अरबी उर्दू और फारसी जैसी भाषाओं के शिक्षक बनने के लिए पात्रता परीक्षा बीएड के साथ स्नातकोत्तर की डिग्री भी मान्य होगी. राज्य सरकार द्वारा बदले गए इस नियमावली से कुछ छात्र वर्ग खुश है तो कुछ विद्यार्थियों में नाराजगी भी है. हालांकि छात्रों ने कहा है कि इस संशोधित नियमावली में आचार्य फाजिल के डिग्री को मान्य किया गया है. यह सराहनीय पहल है .इससे पहले इन दोनों डिग्रियों की मान्यता हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति में नहीं थी.

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