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नए झारखंड विधानसभा भवन को बने 1 साल पूरे, खूबियों के बीच विवादों से भी रहा नाता

झारखंड विधानसभा भवन के नए भवन के अंदर स्थानीय कलाकारों ने बेहद की खूबसूरती से स्थानीय कला को और आदिवासी सभ्यता को दर्शाया है, साथ ही इस बिल्डिंग को इस तरह से बनाया गया है कि आने वाले दिनों में सीटों के परिसीमन की स्थिति में और लोगों के लिए भी जगह बनाई जा सके. अगर बिल्डिंग की खूबसूरती की बात करें तो ये किसी भी तरह से देश के दूसरे राज्यों की विधानसभा से कमतर नहीं है.

New Jharkhand assembly building completed 1 year
नए झारखंड विधानसभा भवन को बने 1 साल पूरे
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Published : Sep 12, 2020, 6:01 AM IST

Updated : Sep 25, 2020, 8:59 PM IST

रांची: राजधानी रांची के चर्चित जगन्नाथ मंदिर से चंद फासले पर बना है झारखंड विधानसभा भवन. इसे पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की इच्छाशक्ति की मिसाल कहें तो शायद गलत नहीं होगा. इस भवन की खूबियां बेशुमार हैं. दूसरी तरफ नींव रखे जाने से लेकर अबतक विवादों से भी नाता रहा है. नींव रखे जाने से पहले विस्थापन के मुद्दे से सामना हुआ. धुर्वा के कूटे गांव के लोगों ने आंदोलन किया. यह समस्या सुलझी तो निर्माण लागत पर सवाल उठे.

देखिए पूरी खबर

पूर्व में 290 करोड़ की लागत से निर्माण होना था. काम मिला था रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को. फिर यह राशि बढ़कर 465 करोड़ हो गई. टेंडर अवार्ड में अनियमितता की बात आई. इन सबके बीच निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंचा भी नहीं था कि उद्घाटन की तारीख तय कर दी गई. 12 सितंबर 2019 को आनन-फानन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटन करा दिया गया. चूंकि झारखंड में नवंबर 2019 में विस चुनाव थे. इसलिए 13 सितंबर 2019 को नवनिर्मित भवन में एक दिन का विशेष सत्र आहूत करा दिया गया. इस सत्र का मुख्य विपक्षी पार्टी झामुमो ने बॉयकॉट किया था. इस चुनाव में नतीजे रघुवर सरकार के खिलाफ आए. अब सत्ता की बागडोर हेमंत सोरेन के हाथ में आ गई. तब भी इस भवन को लेकर राजनीति हुई.

New Jharkhand assembly building completed 1 year
2 सितंबर 2019 को हुआ झारखंड विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन

लाइब्रेरी की फॉल सीलिंग टूटकर गिरी

सरकार बनने के बाद पहला सत्र पुराने विधानसभा भवन में ही आहूत हुआ. जब बजट सत्र की बात आई तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवनिर्मित भवन का फिर से उद्घाटन किया. इसको लेकर भी सवाल उठे. इससे पहले उद्घाटन के दो माह बाद ही नवनिर्मित भवन के पश्चिमी हिस्से में जबरदस्त आग लग गई. इससे भारी नुकसान हुआ. तब फायर फाइटिंग सिस्टम को लेकर सवाल खड़े हुए. अभी विवाद खत्म भी नहीं हुआ था कि कोरोना काल में 4 अगस्त को लाइब्रेरी की फॉल सीलिंग टूटकर गिर गई. अगर लाइब्रेरी बंद नहीं होती तो किसी की जान भी जा सकती थी.

बिना पर्यावरण क्लियरेंस के भवन निर्माण

अब 18 सितंबर से मॉनसून सत्र शुरू होना है लेकिन इससे पहले बिना पर्यावरण क्लियरेंस के भवन निर्माण होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 47 करोड़ का जुर्माना ठोक दिया है. यानी जिस पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने स्टेट एंवायरमेंटल इंपेक्ट ऑथोरिटी का हवाला देकर प्रधानमंत्री से उद्घाटन कराया था, वो पूरी तरह से गैरकानूनी था. बहरहाल, इन विवादों को अलग कर दें तो इस भवन ने राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड को पहचान दिलायी है. भाड़े के भवन में सबसे बड़ी पंचायत के संचालन के कारण झारखंड की खूब किरकिरी होती थी. अब यहां लोग सेल्फी लेने आते हैं. सभी यही मानते हैं कि विवादित मसलों की जांच तो होनी ही चाहिए लेकिन इस भवन को देखकर हर झारखंडी को गर्व महसूस होता है.

New Jharkhand assembly building completed 1 year
465 करोड़ रुपये की लागत से हुआ निर्माण

दूसरे राज्यों की विधानसभा से कमतर नहीं

विधानसभा भवन के अंदर स्थानीय कलाकारों ने बेहद की खूबसूरती से स्थानीय कला को और आदिवासी सभ्यता को दर्शाया है, साथ ही इस बिल्डिंग को इस तरह से बनाया गया है कि आने वाले दिनों में सीटों के परिसीमन की स्थिति में और लोगों के लिए भी जगह बनाई जा सके. अगर बिल्डिंग की खूबसूरती की बात करें तो ये किसी भी तरह से देश के दूसरे राज्यों की विधानसभा से कमतर नहीं है.

New Jharkhand assembly building completed 1 year
नए झारखंड विधानसभा भवन को बने 1 साल पूरे

भवन की खासियत

39 एकड़ जमीन पर हुआ निर्माण

करीब 465 करोड़ रुपये की लगात से बना झारखंड विधानसभा भवन 39 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है. इस विधानसभा के ऊपर बना गुंबद देश में सबसे ऊंचा है. इसकी ऊंचाई 37 मीटर है.

सेंट्रल विंग : एसेंबली हॉल (150 लोगों के बैठने की व्यवस्था), मुख्यमंत्री का चैंबर, स्पीकर का कक्ष, डिप्टी स्पीकर का कक्ष, कांफ्रेंस हॉल (400 लोगों के बैठने की व्यवस्था), एसेंबली सेक्रेटरी का कक्ष, मुख्य सचिव का कार्यालय, प्रधान सचिव का कार्यालय, एमएलए लॉबी, वीआइपी विजिटर गैलरी, मीडिया गैलरी, लाइब्रेरी, कैंटीन आदि। (19837.62 वर्ग मीटर)

पूर्वी विंग : मंत्रियों के कक्ष (22), कमेटी रूम (6), चीफ ह्वीप का कक्ष (1), संयुक्त सचिव, अपर सचिव, उप सचिव व अंडर सेक्रेटरी का कक्ष एवं कार्यालय। (13466.08 वर्ग मीटर)

New Jharkhand assembly building completed 1 year
दूसरे राज्यों की विधानसभा से कमतर नहीं

पश्चिमी विंग : नेता प्रतिपक्ष का कार्यालय, कमेटी रूम (5), कमेटी के चेयरमैन का कक्ष (25), मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों के नेता का कक्ष (5), विपक्ष के चीफ ह्वीप का कक्ष (1), ह्वीप (5) और अन्य कार्यालय समेत बैंक व पोस्ट ऑफिस जैसी सेवाओं के लिए जगह.

थ्री स्टार रेटेड ग्रीन बिल्डिंग है विधानसभा
विधानसभा के नए भवन का निर्माण ग्रीन स्टार बिल्डिंग की तरह किया गया है. इस तरह के भवनों को 5 स्टार तक मिलते हैं, जिसमें विधानसभा भवन को 3 स्टार मिले हैं. भवन में कम ऊर्जा का इस्तेमाल, ऊर्जा संरक्षण के उपाय, जल संरक्षण के उपाय, वर्षा जल संरक्षण और ग्रीन लाइफस्टाइल के उपाय होने पर ग्रीन बिल्डिंग माना जाता है. जन स्वास्थ्य, लैंडस्केप डिजाइन आदि का भी ख्याल रखा गया है. भवन में 400 से अधिक कार के लिए कवर्ड पार्किंग की व्यवस्था है.

New Jharkhand assembly building completed 1 year
झारखंड विधानसभा भवन में आदिवासी सभ्यता को दर्शाया गया

नई विधानसभा में क्या है पूरे देश से सबसे अलग

  • 37 मीटर ऊंचा डोम, देश में पहला
  • छत पर दिखेगी झारखंडी संस्कृति
  • देश की पहली ई-विधानसभा होगी, जल्द पूरी तरह पेपरलेस किया जाएगा
  • 150 विधायकों के बैठने की सेंट्रल हॉल में होगी व्यवस्था
  • 300 केवीए के 2 सोलर पावर सिस्टम लगाए गए हैं, इन्हीं से पूरी की जाएगी बिजली की जरूरत

रांची: राजधानी रांची के चर्चित जगन्नाथ मंदिर से चंद फासले पर बना है झारखंड विधानसभा भवन. इसे पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की इच्छाशक्ति की मिसाल कहें तो शायद गलत नहीं होगा. इस भवन की खूबियां बेशुमार हैं. दूसरी तरफ नींव रखे जाने से लेकर अबतक विवादों से भी नाता रहा है. नींव रखे जाने से पहले विस्थापन के मुद्दे से सामना हुआ. धुर्वा के कूटे गांव के लोगों ने आंदोलन किया. यह समस्या सुलझी तो निर्माण लागत पर सवाल उठे.

देखिए पूरी खबर

पूर्व में 290 करोड़ की लागत से निर्माण होना था. काम मिला था रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को. फिर यह राशि बढ़कर 465 करोड़ हो गई. टेंडर अवार्ड में अनियमितता की बात आई. इन सबके बीच निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंचा भी नहीं था कि उद्घाटन की तारीख तय कर दी गई. 12 सितंबर 2019 को आनन-फानन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटन करा दिया गया. चूंकि झारखंड में नवंबर 2019 में विस चुनाव थे. इसलिए 13 सितंबर 2019 को नवनिर्मित भवन में एक दिन का विशेष सत्र आहूत करा दिया गया. इस सत्र का मुख्य विपक्षी पार्टी झामुमो ने बॉयकॉट किया था. इस चुनाव में नतीजे रघुवर सरकार के खिलाफ आए. अब सत्ता की बागडोर हेमंत सोरेन के हाथ में आ गई. तब भी इस भवन को लेकर राजनीति हुई.

New Jharkhand assembly building completed 1 year
2 सितंबर 2019 को हुआ झारखंड विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन

लाइब्रेरी की फॉल सीलिंग टूटकर गिरी

सरकार बनने के बाद पहला सत्र पुराने विधानसभा भवन में ही आहूत हुआ. जब बजट सत्र की बात आई तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवनिर्मित भवन का फिर से उद्घाटन किया. इसको लेकर भी सवाल उठे. इससे पहले उद्घाटन के दो माह बाद ही नवनिर्मित भवन के पश्चिमी हिस्से में जबरदस्त आग लग गई. इससे भारी नुकसान हुआ. तब फायर फाइटिंग सिस्टम को लेकर सवाल खड़े हुए. अभी विवाद खत्म भी नहीं हुआ था कि कोरोना काल में 4 अगस्त को लाइब्रेरी की फॉल सीलिंग टूटकर गिर गई. अगर लाइब्रेरी बंद नहीं होती तो किसी की जान भी जा सकती थी.

बिना पर्यावरण क्लियरेंस के भवन निर्माण

अब 18 सितंबर से मॉनसून सत्र शुरू होना है लेकिन इससे पहले बिना पर्यावरण क्लियरेंस के भवन निर्माण होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 47 करोड़ का जुर्माना ठोक दिया है. यानी जिस पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने स्टेट एंवायरमेंटल इंपेक्ट ऑथोरिटी का हवाला देकर प्रधानमंत्री से उद्घाटन कराया था, वो पूरी तरह से गैरकानूनी था. बहरहाल, इन विवादों को अलग कर दें तो इस भवन ने राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड को पहचान दिलायी है. भाड़े के भवन में सबसे बड़ी पंचायत के संचालन के कारण झारखंड की खूब किरकिरी होती थी. अब यहां लोग सेल्फी लेने आते हैं. सभी यही मानते हैं कि विवादित मसलों की जांच तो होनी ही चाहिए लेकिन इस भवन को देखकर हर झारखंडी को गर्व महसूस होता है.

New Jharkhand assembly building completed 1 year
465 करोड़ रुपये की लागत से हुआ निर्माण

दूसरे राज्यों की विधानसभा से कमतर नहीं

विधानसभा भवन के अंदर स्थानीय कलाकारों ने बेहद की खूबसूरती से स्थानीय कला को और आदिवासी सभ्यता को दर्शाया है, साथ ही इस बिल्डिंग को इस तरह से बनाया गया है कि आने वाले दिनों में सीटों के परिसीमन की स्थिति में और लोगों के लिए भी जगह बनाई जा सके. अगर बिल्डिंग की खूबसूरती की बात करें तो ये किसी भी तरह से देश के दूसरे राज्यों की विधानसभा से कमतर नहीं है.

New Jharkhand assembly building completed 1 year
नए झारखंड विधानसभा भवन को बने 1 साल पूरे

भवन की खासियत

39 एकड़ जमीन पर हुआ निर्माण

करीब 465 करोड़ रुपये की लगात से बना झारखंड विधानसभा भवन 39 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है. इस विधानसभा के ऊपर बना गुंबद देश में सबसे ऊंचा है. इसकी ऊंचाई 37 मीटर है.

सेंट्रल विंग : एसेंबली हॉल (150 लोगों के बैठने की व्यवस्था), मुख्यमंत्री का चैंबर, स्पीकर का कक्ष, डिप्टी स्पीकर का कक्ष, कांफ्रेंस हॉल (400 लोगों के बैठने की व्यवस्था), एसेंबली सेक्रेटरी का कक्ष, मुख्य सचिव का कार्यालय, प्रधान सचिव का कार्यालय, एमएलए लॉबी, वीआइपी विजिटर गैलरी, मीडिया गैलरी, लाइब्रेरी, कैंटीन आदि। (19837.62 वर्ग मीटर)

पूर्वी विंग : मंत्रियों के कक्ष (22), कमेटी रूम (6), चीफ ह्वीप का कक्ष (1), संयुक्त सचिव, अपर सचिव, उप सचिव व अंडर सेक्रेटरी का कक्ष एवं कार्यालय। (13466.08 वर्ग मीटर)

New Jharkhand assembly building completed 1 year
दूसरे राज्यों की विधानसभा से कमतर नहीं

पश्चिमी विंग : नेता प्रतिपक्ष का कार्यालय, कमेटी रूम (5), कमेटी के चेयरमैन का कक्ष (25), मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों के नेता का कक्ष (5), विपक्ष के चीफ ह्वीप का कक्ष (1), ह्वीप (5) और अन्य कार्यालय समेत बैंक व पोस्ट ऑफिस जैसी सेवाओं के लिए जगह.

थ्री स्टार रेटेड ग्रीन बिल्डिंग है विधानसभा
विधानसभा के नए भवन का निर्माण ग्रीन स्टार बिल्डिंग की तरह किया गया है. इस तरह के भवनों को 5 स्टार तक मिलते हैं, जिसमें विधानसभा भवन को 3 स्टार मिले हैं. भवन में कम ऊर्जा का इस्तेमाल, ऊर्जा संरक्षण के उपाय, जल संरक्षण के उपाय, वर्षा जल संरक्षण और ग्रीन लाइफस्टाइल के उपाय होने पर ग्रीन बिल्डिंग माना जाता है. जन स्वास्थ्य, लैंडस्केप डिजाइन आदि का भी ख्याल रखा गया है. भवन में 400 से अधिक कार के लिए कवर्ड पार्किंग की व्यवस्था है.

New Jharkhand assembly building completed 1 year
झारखंड विधानसभा भवन में आदिवासी सभ्यता को दर्शाया गया

नई विधानसभा में क्या है पूरे देश से सबसे अलग

  • 37 मीटर ऊंचा डोम, देश में पहला
  • छत पर दिखेगी झारखंडी संस्कृति
  • देश की पहली ई-विधानसभा होगी, जल्द पूरी तरह पेपरलेस किया जाएगा
  • 150 विधायकों के बैठने की सेंट्रल हॉल में होगी व्यवस्था
  • 300 केवीए के 2 सोलर पावर सिस्टम लगाए गए हैं, इन्हीं से पूरी की जाएगी बिजली की जरूरत
Last Updated : Sep 25, 2020, 8:59 PM IST
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