रांची: विधायक, डीएसपी सहित कई पुलिस वालों की हत्या का आरोपी कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को हजारीबाग के ओपन जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. हजारीबाग की ओपन जेल में कुंदन अपनी पत्नी के साथ रह रहा है. 15 लाख के इनामी कुंदन पहन ने साल 2017 में रांची डीआईजी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.
आत्मसमर्पण नीति के तहत भेजा गया ओपेन जेल
ओपेन जेल में शिफ्ट करने की प्रक्रिया सरकार की आत्मसमर्पण नीति के प्रावधान के तहत की गई है. इससे पूर्व कुंदन पाहन रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में था. उसे ओपन जेल में शिफ्ट करने का आदेश 6 माह पहले ही हो गया था, लेकिन कानूनी अड़चन और न्यायालयों से स्वीकृति मिलने के बाद ओपेन जेल में शिफ्ट करने की प्रक्रिया पूरी की गई. ओपन जेल में जाने के लिए कुंदन ने कई दफा गुजारिश भी सरकार से की थी.
ये भी पढ़ें- तमाड़ में आजसू ने झोंकी ताकत, चूल्हा प्रमुख को पार्टी बना रही आधार
14 मई 2017 को किया था आत्मसमर्पण
कुख्यात कुंदन पाहन ने 14 मई 2017 को रांची डीआईजी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. आत्मसमर्पण के समय वह नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के झारखंड रीजनल कमेटी का सचिव था और उसपर 15 लाख का इनाम था. आत्मसमर्पण के वक्त उसपर रखे गए 15 लाख रुपये के इनाम का चेक उसे दे दिया गया. कुंदन पाहन के आत्मसमर्पण के दौरान पुलिस की तामझाम को लेकर काफी विवाद हुआ था.
खुद की थी पूर्व विधायक की हत्या
विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन खुद भी शामिल था. बैकअप दस्ता और मारक दस्ता अलग-अलग बना हुआ था, जिसके मारक दस्ते में खुद कुंदन भी था. 15 लाख के इनामी नक्सली कुंदन पाहन के आत्मसमर्पण के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो ने भी उससे लंबी पूछताछ की थी, जिसमें उसने अपने मारक दस्ते का भी नाम बताया था. रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में कुंदन पाहन के अलावा उसके अन्य 8 साथियों में किशोर मुंडा, विशाल, जकारिया, परीक्षित, महेश, सचिन, चिराग महतो और अरविंद जी (दस्ता सदस्य) शामिल था. डीएसपी प्रमोद, स्पेशल ब्रांच इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार के साथ ही कई पुलिस वालों की हत्या का आरोप भी कुंदन पाहन और उसके दस्ते पर है.