रायपुर: छत्तीसगढ़ में 27 से 29 दिसंबर तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. महोत्सव का शुभारंभ साइंस कॉलेज मैदान में 27 दिसंबर को सुबह 10 बजे से होगा. इसमें 24 राज्य और 6 देशों के आदिवासी नर्तक दल शामिल हो रहे हैं. राहुल गांधी आयोजन के मुख्य अतिथि होंगे. वहीं कई राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री इस आयोजन में शिरकत करेंगे.
छत्तीसगढ़ सरकार के कई मंत्रियों ने पिछले 15 दिनों से अलग-अलग राज्यों की यात्रा कर सभी मुख्यमंत्रियों के साथ ही अन्य गणमान्य लोगों को न्योता भेजा है. देश के अलग-अलग राज्यों के अलावा युगांडा, मालदीव बेलारूस, बांग्लादेश, श्रीलंका और थाईलैंड से भी कलाकार छत्तीसगढ़ की माटी पर अपने नृत्य की प्रस्तुति देंगे.
आयोजन में अलग-अलग जगहों के ढाई हजार से ज्यादा कलाकार हिस्सा लेंगे. छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि देश में पहली बार इस तरह का आयोजन हो रहा है.
ये अतिथि होंगे शामिल
- राज्यपाल 28 दिसंबर 2019 को बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे.
इन देशों के कलाकार थिरकेंगे
- महोत्सव में थाईलैंड, बांग्लादेश, बेलारूस, मालदीव एवं युगांडा से आमंत्रित कलाकार गैर प्रतियोगी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे.
भारत के ये राज्य होंगे शामिल
- महोत्सव में देश के 24 राज्यों के करीब 2500 आदिवासी कलाकार हिस्सा लेंगे. इसमें अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, लद्दाख, केरल, अंडमान-निकोबार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, जम्मू कश्मीर शामिल होंगे.
इस तारीख को होंगे ये कार्यक्रम-
27 दिसंबर
- कार्यक्रम की शुरुआत लद्दाख, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, बेलारूस और छत्तीसगढ़ के कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुति से होगी.
- सुबह 11.45 बजे से विवाह एवं अन्य संस्कार, पारंपरिक त्योहार एवं अनुष्ठान, फसल कटाई व कृषि और अन्य पारंपरिक विधाओं पर नृत्य प्रतियोगिताएं होंगी. असम के कलाकार बागरूंगा नृत्य प्रस्तुत करेंगे. तेलंगाना के कलाकार कोया नृत्य, झारखंड के कलाकार छाऊ नृत्य, ओडिशा के कलाकार सिंगारी नृत्य और गुजरात के कलाकर सिद्दी नृत्य की प्रस्तुत देंगे.
- दोपहर 3 बजे से राजस्थान के कलाकर सहरिया स्वांग, जम्मू का गुजर नृत्य, हिमाचल प्रदेश का घुरई नृत्य, लद्दाख का लद्दाखी नृत्य, उत्तराखण्ड का झांझी नृत्य, केरल का तैयम नृत्य, महाराष्ट्र का तड़पा नृत्य, तेलंगाना का गुसाड़ी नृत्य, मध्यप्रदेश का भगोरिया नृत्य, अरुणाचल प्रदेश का रेह नृत्य, आंध्रप्रदेश का लम्बाड़ी नृत्य और उत्तरप्रदेश का गरद नृत्य का आयोजन होगा.
- रात 8 से 9 तक थाईलैण्ड, बांग्लादेश, बेलारूस, मालदीव एवं युगांडा देशों से आमंत्रित कलाकार गैर प्रतियोगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे.
28 दिसम्बर
- सुबह 9 से दोपहर 12:50 बजे तक गुजरात का वसावा नृत्य, आंध्रप्रदेश का ढिमसा नृत्य, त्रिपुरा का ममिता नृत्य, झारखंड का पायका नृत्य, तमिलनाडु का टोडा नृत्य, अरुणाचल प्रदेश का आदि नृत्य, राजस्थान का गवरी नृत्य, छत्तीसगढ़ के कोंडागांव का हुल्की नृत्य सहित असम और मध्यप्रदेश के नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे.
- दोपहर 12:50 से 1:40 बजे तक श्रीलंका, थाईलैंड एवं मालदीव देशों से आमंत्रित कलाकार गैर प्रतियोगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी.
- दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक गुजरात के कलाकार राठवा नृत्य, हिमांचल प्रदेश का किन्नौरा नृत्य, पश्चिम बंगाल का संथाली नृत्य होंगे.
- शाम 5 बजे से 7:30 बजे तक ओडिशा का दुरवा नृत्य, बिहार का करमा नृत्य, अंडमान निकोबार का निकोबारी नृत्य, तेलंगाना का माथुरी नृत्य, त्रिपुरा का होजागिरी नृत्य, उत्तराखण्ड का हारूल नृत्य, मणिपुर का थांगकुल नृत्य, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के कलाकार दंडामि माडिय़ा नृत्य प्रस्तुति देंगे.
- 7:30 बजे से 8:15 बजे तक अतिथियों के आगमन पर मंचीय कार्यक्रम होगा. रात्रि 8.15 से 9 बजे तक बाग्लादेश, युगांडा एवं बेलारूस देशों से आमंत्रित कलाकार गैर प्रतियोगी सांस्कृति प्रस्तुत देंगे.
29 दिसम्बर
- उत्तराखण्ड के कलाकारों द्वारा लाष्पा नृत्य, जम्मू का बकरवाल नृत्य, मध्यप्रदेश का भड़म नृत्य, हिमाचल प्रदेश का गद्दी नृत्य, कर्नाटक और सिक्किम का नृत्य, झारखण्ड का दमकच नृत्य, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की दंडामी नृत्य प्रस्तुत की जाएगी.
- दोपहर 12:50 से 1:40 बजे तक श्रीलंका, थाईलैड एवं मालदीव देशों से आमंत्रित कलाकार, गैर प्रतियोगी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत देंगे.
- दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक तेलंगाना, लद्दाख का नृत्य, उत्तरखण्ड का मुखौटा नृत्य, गुजरात और सिक्किम का नृत्य, केरल का मरायूराट्टम नृत्य, त्रिपुरा का संगराई नृत्य, मध्यप्रदेश का करमा नृत्य और छत्तीसगढ़ के कोंडागांव का गौर मार नृत्य का आयोजन होगा.
- शाम 6 से 7 बजे तक बांग्लादेश, युगांडा एवं बेलारूस देशों के कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे.
- शाम 7 से रात 9 बजे तक समापन समारोह, पुरस्कार वितरण और सम्मान समारोह होगा. डांस फेस्ट में पहला इनाम पाने वाले दल को 20 लाख रुपए, दूसरे स्थान वाले दल को 12 लाख और तीसरे स्थान वाले दल को 8 लाख रुपए का नकद पुरुस्कार दिए जाएंगे.