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सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर पर केस दर्ज, दलित छात्र पर जातिगत टिप्पणी कर अपमानित करने का आरोप - राष्ट्रीय एससी एसटी आयोग

सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर (former Chancellor of siddu Kannu University) पर पीएचडी के एक छात्र जातिगत टिप्पणी कर अपमानित करने और जाति के कारण नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया है. इस मामले में थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है. इस मामले में राष्ट्रीय एससी एसटी आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है.

former Chancellor of siddu Kannu University
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Published : Sep 9, 2022, 9:08 PM IST

Updated : Sep 9, 2022, 10:59 PM IST

नई दिल्ली: सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर (former Chancellor of siddu Kannu University) पर पीएचडी के एक छात्र ने जातिगत टिप्पणी कर अपमानित करने का आरोप लगाया है. इस मामले में राष्ट्रीय एससी एसटी आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा कि यह मामला अनुच्छेद 338 का घोर उल्लंघन है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

इस मामले की विषय-वस्तु को सामने रखते हुए हलदर ने कहा कि पीएचडी स्कॉलर राजेश कुमार दास ने सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन किया था. इस मामले में कुछ दिन पहले ही सेवानिवृत्त हुए पूर्व अध्यक्ष ने अपने पद का दुरुपयोग किया और रिक्तियों के अनुसार राजेश कुमार दास को योग्यता के आधार पर नौकरी नहीं दी. इस दौरान कुलाधिपति ने राजेश के खिलाफ अपमानजनक और जातिगत टिप्पणी की.

राजेश कुमार दास ने आरोप लगाया कि उन्होंने चांसलर से कई बार मुलाकात कर उनके आवेदन को अंतिम रूप देने का अनुरोध किया, लेकिन उन्हें बार-बार प्रताड़ित किया गया. इस दौरान चांसलर ने राजेश को नौकरी ना मिले इसकी पूरी कोशिश की. उन्हें यह कह कर भी प्रताड़ित किया गया कि आप जैसे लोग प्रोफेसर कैसे बन सकते हैं. इस मामले में एससी एसटी के राष्ट्रीय आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा कि राजेश के कई अनुरोधों के बावजूद, उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और विभाग द्वारा लगातार कोशिश की जा रही थी कि उन्हें नौकरी न मिले.

अरुण हलदर ने कहा कि इस मामले में आयोग ने बहुत गंभीर रुख अपनाया है और पुलिस में शिकायत भी दर्ज की है. उन्होंने 24 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार करने की भी मांग की है. उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में अगर कोई भी पुलिस अधिकारी केस को कमजोर करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

नई दिल्ली: सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर (former Chancellor of siddu Kannu University) पर पीएचडी के एक छात्र ने जातिगत टिप्पणी कर अपमानित करने का आरोप लगाया है. इस मामले में राष्ट्रीय एससी एसटी आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा कि यह मामला अनुच्छेद 338 का घोर उल्लंघन है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

इस मामले की विषय-वस्तु को सामने रखते हुए हलदर ने कहा कि पीएचडी स्कॉलर राजेश कुमार दास ने सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन किया था. इस मामले में कुछ दिन पहले ही सेवानिवृत्त हुए पूर्व अध्यक्ष ने अपने पद का दुरुपयोग किया और रिक्तियों के अनुसार राजेश कुमार दास को योग्यता के आधार पर नौकरी नहीं दी. इस दौरान कुलाधिपति ने राजेश के खिलाफ अपमानजनक और जातिगत टिप्पणी की.

राजेश कुमार दास ने आरोप लगाया कि उन्होंने चांसलर से कई बार मुलाकात कर उनके आवेदन को अंतिम रूप देने का अनुरोध किया, लेकिन उन्हें बार-बार प्रताड़ित किया गया. इस दौरान चांसलर ने राजेश को नौकरी ना मिले इसकी पूरी कोशिश की. उन्हें यह कह कर भी प्रताड़ित किया गया कि आप जैसे लोग प्रोफेसर कैसे बन सकते हैं. इस मामले में एससी एसटी के राष्ट्रीय आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा कि राजेश के कई अनुरोधों के बावजूद, उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और विभाग द्वारा लगातार कोशिश की जा रही थी कि उन्हें नौकरी न मिले.

अरुण हलदर ने कहा कि इस मामले में आयोग ने बहुत गंभीर रुख अपनाया है और पुलिस में शिकायत भी दर्ज की है. उन्होंने 24 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार करने की भी मांग की है. उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में अगर कोई भी पुलिस अधिकारी केस को कमजोर करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Sep 9, 2022, 10:59 PM IST
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