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झारखंड के ऐतिहासिक विरासतों को 'स्वदेश दर्शन योजना' में सरकार करे शामिल: समीर उरांव - रामरेखा धाम

बीजेपी के राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने सदन में झारखंड की समृद्ध, सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत को देखते हुए 'स्वदेश दर्शन योजना' के तहत इन्हें शामिल करने की मांग की. उन्होंने झारखंड के कई धार्मिक स्थलों के बारे में सदन में बताया जहां विकास नहीं हो पाया है.

राज्यसभा सांसद समीर उरांव
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Published : Jul 19, 2019, 9:01 PM IST

नई दिल्ली: बीजेपी के राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने सदन में झारखंड के मंदिरों के साथ पर्यटनस्थल के बारे में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि गुमला जिले में टांगीनाथ धाम है जो विशेष रुप से दर्शनीय है. समीर उरांव ने गुमला से 20 किलोमीटर पर पालकोट के पंपापुर पौराणिक स्थल का भी जिक्र किया.

राज्यसभा सांसद समीर उरांव

हनुमान जन्मस्थली आंजन
समीर उरांव ने कहा कि हनुमान जन्मस्थली आंजन जो गुमला क्षेत्र में ही आता है, उस अंजनी धाम को आज भी समुचित महत्व नहीं मिल पाया है. वहीं उन्होंने सिसई में स्थित नवरत्नगढ़ और डोलसागढ़ के बारे में बताते हुए कहा कि इसे वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल करने के बावजूद इसपर ध्यान नहीं दिया जा सका है.

'विशेष ध्यान नहीं दिया जा सका है'
उन्होंने आगे कहा कि सिमडेगा जिले में रामरेखा धाम है. जहां की मान्यता है कि भगवान राम के वनवास के दौरान पहली बार सीता ने उनके लिए यहीं खाना बनाया था. इस धाम पर भी विशेष ध्यान नहीं दिया जा सका है.

ये भी पढ़ें- जंगल से नक्सलियों का शव लाना पुलिस के लिए बनी चुनौती, मारे गए थे 3 लाल लड़ाके

'स्वदेश दर्शन योजना' के तहत करें शामिल'
समीर उरांव ने आग्रह किया कि यहां के धार्मिक स्थलों के विकास के बारे में चिंतन किया जाए और झारखंड की समृद्ध, सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत को देखते हुए 'स्वदेश दर्शन योजना' के तहत इसे शामिल किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली: बीजेपी के राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने सदन में झारखंड के मंदिरों के साथ पर्यटनस्थल के बारे में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि गुमला जिले में टांगीनाथ धाम है जो विशेष रुप से दर्शनीय है. समीर उरांव ने गुमला से 20 किलोमीटर पर पालकोट के पंपापुर पौराणिक स्थल का भी जिक्र किया.

राज्यसभा सांसद समीर उरांव

हनुमान जन्मस्थली आंजन
समीर उरांव ने कहा कि हनुमान जन्मस्थली आंजन जो गुमला क्षेत्र में ही आता है, उस अंजनी धाम को आज भी समुचित महत्व नहीं मिल पाया है. वहीं उन्होंने सिसई में स्थित नवरत्नगढ़ और डोलसागढ़ के बारे में बताते हुए कहा कि इसे वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल करने के बावजूद इसपर ध्यान नहीं दिया जा सका है.

'विशेष ध्यान नहीं दिया जा सका है'
उन्होंने आगे कहा कि सिमडेगा जिले में रामरेखा धाम है. जहां की मान्यता है कि भगवान राम के वनवास के दौरान पहली बार सीता ने उनके लिए यहीं खाना बनाया था. इस धाम पर भी विशेष ध्यान नहीं दिया जा सका है.

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'स्वदेश दर्शन योजना' के तहत करें शामिल'
समीर उरांव ने आग्रह किया कि यहां के धार्मिक स्थलों के विकास के बारे में चिंतन किया जाए और झारखंड की समृद्ध, सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत को देखते हुए 'स्वदेश दर्शन योजना' के तहत इसे शामिल किया जाना चाहिए.

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