रांची: एक लंबे समय से रांची विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के शिक्षकेतर कर्मचारी संघ स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. इनकी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय ने सिंडिकेट की बैठक में एक समिति गठन कर यह निर्णय लिया था कि कर्मचारियों की योग्यता को देखते हुए और तमाम अहर्ता को ध्यान में रखते हुए एक प्रोटोकॉल के तहत उन्हें स्थाई किया जाएगा. लेकिन एक लंबा समय बीत जाने के बाद भी अब तक इन कर्मचारियों के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से स्थायीकरण को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया. इस विषय को लेकर कोई पहल होता नहीं देख विश्वविद्यालय के तमाम कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन की राह पर है. इसी कड़ी में मारवाड़ी महाविद्यालय अनुबंध शिक्षकेतर कर्मचारी संघ ने कॉलेज परिसर में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया है.
कॉलेज का कामकाज ठप
इनके धरना प्रदर्शन और आंदोलन की वजह से कॉलेज में तमाम कामकाज ठप हो गए हैं. नामांकन से लेकर विद्यार्थियों से जुड़े तमाम ऑफिशियल संबंधित कामकाज बंद हो गया है. जिससे विद्यार्थियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि इन दिनों तमाम परीक्षाफल प्रकाशित होने के बाद विश्वविद्यालय के कॉलेजों में नामांकन का दौर जारी है. प्रमाण पत्र रिजल्ट और विभिन्न शैक्षणिक कामकाज पर भी इस आंदोलन का प्रभाव पड़ रहा है. मामले को लेकर कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगे जब तक मानी नहीं जाएगी तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
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आंदोलन की राह पर कर्मचारी
लगातार मामले को लेकर विश्वविद्यालय को अवगत कराया जा रहा है, लेकिन इस ओर ध्यान देना विश्वविद्यालय प्रबंधन मुनासिब नहीं समझ रहा है. जबकि यह एक गंभीर मामला है. एक लंबे समय से कर्मचारी आंदोलित हैं और अपनी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग को भी अवगत कराया जा चुका है. लेकिन इस और कोई पहल नहीं होता देख एक बार फिर कर्मचारी आंदोलन की राह पर है. मौके पर कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय द्वारा गठित समिति के सदस्यों पर भी कई गंभीर आरोप लगाया है. कर्मचारियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने गलत तरीके से हेडक्वार्टर के 36 कर्मचारियों को इस योजना का लाभ दिया है जो कि गलत है.