रांची: राजधानी के राजेंद्र चौक के पास अगर कुछ अमन पसंद लोगों ने साहस नहीं दिखाया होता, तो शायद रांची आज हिंसा की आग में जल रही होती. दरअसल, शुक्रवार शाम मॉब लिंचिंग का विरोध कर लौट रही भीड़ ने छात्रों से भरी एक बस पर हमला कर दिया. भीड़ में शामिल उपद्रवी बस को आग के हवाले कर देना चाहते थे. हालांकि कुछ अमन पसंद लोगों ने सामने आकर बस में बैठे 40 छात्रों की जान बचा ली.
बातचीत में एक छात्र ने पुलिस को बताया कि बस में करीब 40 छात्र बैठे थे. सभी छात्र कैंब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (सीआइटी) के थे. डोरंडा कॉलेज में उनका सेंटर था. शाम करीब 5 बजे सभी छात्र बस में बैठकर डोरंडा राजेंद्र चौक होते हुए लौट रहे थे. इस दौरान उनकी बस भीड़ के बीच जाम में फंस गई. इस दौरान भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने अचानक उनकी बस पर हमला कर दिया. चारों ओर से पत्थर चल रहे थे. लाठी और डंडे से कांच फोड़कर लोग भीतर घुस रहे थे.
पत्थरों की बौछार के बीच सभी छात्र सीट के नीचे लेटकर अपनी जान बचा रहे थे. इस बीच शोर सुनाई दी कि बस में आग लगा दो. हालांकि एक बुजुर्ग आदमी बस में चढ़ गए और कहा कि अगर आग लगानी है तो मेरे साथ ही आग लगा दो.
इसके बाद अन्य अमनपसंद लोग भी वहां पहुंचे और उपद्रवियों से बचाते हुए बस को वहां से निकाला. इसके बाद छात्रों ने राहत की सांस ली. कई ने जीवन की उम्मीद छोड़ दी थी. छात्र ने बताया कि भीड़ के हमले से कई छात्र घायल हो गए. सभी को सीआइटी कॉलेज पहुंचाने के बाद ही इलाज कराया गया.