देवघर/रांची: बाबा नगरी में देवघर में महाशिवरात्रि के दिन पूजा अर्चना करने गई कांग्रेस के विधायक का अंबा प्रसाद के साथ दुर्व्यवहार को लेकर झारखंड में सियासत तेज हो गई है. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन के अंदर इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायको ने विरोध जताया है.
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सदन में अंबा प्रसाद का आरोप: सदन में अंबा प्रसाद ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देवघर मंदिर की व्यवस्था बहुत खराब थी. आम श्रद्धालुओं को भारी दिक्कत हो रही थी. इसे देखते हुए मैंने एसडीओ को बुलाने का आग्रह किया. लेकिन एसडीओ इतने घमंडी निकले कि उन्होंने जनप्रतिनिधि से आकर मिलने की वजह खुद ऑफिस में बुलवाया. एसडीओ ने कहा कि सिर्फ आप दर्शन कर सकती हैं. बाकी आपके साथ आए लोगों को आम श्रद्धालुओं की तरह दर्शन करना होगा. अंबा प्रसाद ने आरोप लगाया है कि मंदिर परिसर में उनके पीए को घसीट कर बाहर निकाला गया. उन्होंने कहा कि मंदिर के महाप्रबंधक ने उनके साथ बहस की और कहा कि वह भी कल को विधायक बन सकते हैं.
पूरे मामले की होगी जांच: अंबा प्रसाद की इस आपत्ति को विपक्ष ने भी समर्थन दिया. स्पीकर के कहने पर संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने सदन को भरोसा दिलाया कि पूरे मामले की पड़ताल की जाएगी और जिसने भी अनुशासन तोड़ा है उस पर कार्रवाई होगी. स्पीकर ने कहा कि इन लोगों का मन बढ़ गया है उसको गंभीरता से देखना होगा. बिरंची नारायण ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद मंदिर प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष हैं लेकिन उन्होंने आजतक कमेटी की बैठक नहीं की.
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सदन के बाहर भी मिला समर्थन: इससे पहले सदन के बाहर भी कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन पूजा अर्चना के लिए बाबा नगरी देवघर पहुंचे थे. लेकिन देवघर मंदिर समिति के पंडा के द्वारा मेरे साथ और मेरे जैसे कई लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. यहां तक की मेरे सामने ही छड़ी से लोगों की पिटाई की गई. जो की बिल्कुल अशोभनीय और निंदनीय है. कांग्रेस की विधायक दीपिका सिंह पांडे ने इस मामले में अंबा प्रसाद का खुलकर समर्थन किया और कहा कि महिला प्रतिनिधि के साथ मंदिर में जिस तरह का व्यवहार किया गया है यह बहुत ही निंदनीय है. पंडा के द्वारा इस तरह का दुर्व्यवहार मंदिर समिति पर सवाल उठाता है.
मुख्यमंत्री हैं जिम्मेवार: सदन के बाहर विपक्ष के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार करना निंदनीय है. मैं इसकी निंदा करता हूं. लेकिन इसके साथ ही मैं कहना चाहता हूं कि इस घटना के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं. क्योंकि मंदिर समिति के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं. ऐसे में 2 सालों से मंदिर समिति का बैठक नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. यही कारण है कि आज इतनी बड़ी घटना घटी है.
क्या है पूरा मामला: दरअसल एक मार्च को महाशिवरात्रि के अवसर पर देवघर के बाबा मंदिर में कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद और मंदिर के प्रबंधक रमेश परिहस्त के बीच जोरदार बहस का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में अंबा प्रसाद जब जल संकल्प के लिए मंदिर के प्रशासनिक भवन परिसर में बैठी है तो उसके एक आदमी को वहां खड़े एक व्यक्ति के द्वारा घसीट कर उठा दिया जाता है. इसका अंबा प्रसाद विरोध करने लगती हैं. वहीं मौजूद मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त के साथ उसकी जोरदार बहस होने लगती है. वहीं रमेश परिहस्त का कहना है कि मंदिर में भीड़ है इसलिए व्यवस्था बनाए रखने के लिए मैं सांसद या विधायक अभी किसी की बात नहीं मानूंगा. पूरे मामले में सियासत शुरू होने के बाद रमेश परिहस्त ने कहा उनकी मंशा किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी. सिर्फ अपनी ड्यूटी निभा रहा था.