रांची: ग्रामीण इलाके में रहने वाली एक 16 साल की नाबालिग लड़की को यूपी के बुलंदशहर में नीलामी के जरिए बेचे जाने से बचाने के बाद यूपी पुलिस ने नाबालिग लड़की को सुरक्षित रांची पहुंचा दिया है. रांची में सीडब्ल्यूसी के समक्ष नाबालिग को पेश किया गया, जिसके बाद उसे मनोचिकित्सकों की देखरेख में शेल्टर होम भेज दिया गया.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से मानव तस्करों के चंगुल से आजाद कराकर रांची की 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को गुरुवार सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया गया. सीडब्ल्यूसी के सामने नाबालिग लड़की ने अपने ऊपर हुई हैवानियत को लेकर बयान भी दर्ज करवाया. हालांकि, रांची सीडब्ल्यूसी की सदस्य तनुश्री सरकार ने बताया कि अभी नाबालिग की मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि उसे पूरी तरह से बातचीत कर उसके बयान को रिकॉर्ड किया जा सके.
इसलिए फिलहाल उसे शेल्टर होम भेजा गया है, जहां मौजूद मनोचिकित्सक उसे बूस्ट अप करने का प्रयास करेंगे, जिसके बाद उसके आगे का बयान सीडब्ल्यूसी के सामने दर्ज किया जाएगा. नाबालिग को यूपी पुलिस की सजगता की वजह से मानव तस्करों के चंगुल से मंगलावर को आजाद करवाया गया था. मामले की जानकारी रांची पहुंचते ही सीडब्ल्यूसी और सीआईडी की टीम तुरंत हरकत में आई और यूपी पुलिस से संपर्क कर बच्चे को सकुशल रांची लाने की प्रक्रिया में जुट गई थी. यूपी पुलिस ने इस मामले में मानव तस्कर कलावती सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
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50 हजार में बेची थी सौतेली मां
मिली जानकारी के अनुसार, नाबालिग लड़की की मां का देहांत हो चुका है. नाबालिग की सौतेली मां ने रांची में सक्रिय मानव तस्कर कलावती के हाथों नाबालिग को 50 हजार रुपए में बेच डाला था. जिसके बाद कलावती नाबालिग को लेकर यूपी के बुलंदशहर चली गई. बुलंदशहर में कलावती ने नाबालिग को बेचने के लिए मंडी सजाई थी. इस मंडी में 16 साल से लेकर 80 साल तक के बूढ़े शामिल हुए थे. मंडी में बकायदा नाबालिग को खरीदने के लिए बोली भी लगाई जा रही थी, लेकिन तभी इसकी सूचना बुलंदशहर पुलिस को मिल गई, जिसके बाद आनन-फानन में पुलिस की टीम ने मौके पर रेड किया और वहां से कलावती सहित नाबालिग लड़की को खरीदने आए सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया.