रांची: covid-19 के दूसरे चरण की झारखंड में भयावह स्थिति के बीच आज सूरत से 1,708 यात्रियों को लेकर सूरत-हटिया एक्सप्रेस हटिया स्टेशन पहुंची. इसमें 1,500 से ज्यादा मजदूर थे. प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पूरी व्यवस्था की गई. ट्रेन से आने वाले सभी यात्रियों की रेलवे स्टेशन पर थर्मल स्कैनिंग की गई. इसके बाद सभी मजदूरों को अपने-अपने जिले भेज दिया गया, जहां सभी को क्वारंटाइन में रहना होगा. हालांकि स्टेशन से बाहर निकलते ही प्रशासन के दावे हवा-हवाई साबित हुए. स्टेशन के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया.
रांची के मजदूर खेलगांव और प्रभात तारा मैदान में होंगे क्वारंटाइन
रांची के मजदूरों को क्वारंटाइन में रहने की व्यवस्था खेलगांव और प्रभात तारा मैदान में की गयी है. वहीं, अन्य जिलों के मजदूरों को उनके प्रखंडों में क्वारंटाइन किया जाएगा, जहां सभी की रैंडम किट से कोरोना जांच की जाएगी. अपने पूरे परिवार के साथ सूरत से रांची पहुंचे मजदूर ने ईटीवी भारत से अपनी पीड़ा बताई. उन्होंने कहा कि सूरत में लॉकडाउन के चलते काम ही नहीं था. इसलिए वापस लौटना पड़ा. प्रवासी मजदूरों ने कहा कि सरकार को यहीं रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए.
एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता ने संभाली कमान
झारखंड में कोरोना की दूसरे लहर की भयावहता के चलते प्रशासन की ओर से चाक-चौबंद व्यवस्था की गई. अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग बस रहीं. रांची एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता खुद व्यवस्था की मॉनिटरिंग करते रहे. उन्होंने बताया कि प्रखंड स्तर पर सभी प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन किया जाएगा.
पिछले साल प्रवासी मजदूरों के आने पर बढ़ा था संक्रमण
पिछले साल 1 मई को कोरोना की पहली लहर में पहली बार प्रवासी मजदूरों को लेकर ट्रेन रांची आई थी. इसके बाद संक्रमण तेजी से बढ़ा. अब देखना होगा कि इस बार सभी प्रवासी मजदूरों को कड़ाई से आइसोलेट कराया जाता है या फिर सरकारी दावे हवा-हवाई साबित होते हैं.