रांचीः कोरोना काल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेपटरी होने से बचाने में मनरेगा की योजनाएं मील का पत्थर साबित हुई हैं. इस दौर में रिकॉर्ड मानव दिवस सृजन के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किए गए हैं. अब ग्रामीण विकास विभाग राज्य के सभी प्रखंडों में मनरेगा पार्क स्थापित करने की तैयारी में जुट गया है.
ये भी पढ़ेंः मनरेगा की नई रणनीति, काम भी और निगरानी भी, वित्तीय गड़बड़ी रोकने में मिलेगी मदद
मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने सभी जिलों के उपायुक्तों और उप विकास आयुक्तों को पत्र लिखकर अपने-अपने जिलों के सभी प्रखंडों में कम से कम एक मनरेगा पार्क का निर्माण करने का निर्देश दिया है. सभी पार्क में 10 से ज्यादा योजनाएं धरातल पर नजर आएंगी. इसके अलावा हर पार्क में ग्रामीणों को एक माह में कम से कम 20 दिन रोजगार की गारंटी मिलेगी.
आपको बता दें कि रांची जिला के बेड़ो प्रखंड के ईटा- चिंद्री गांव में राज्य का पहला मनरेगा पार्क स्थापित हुआ है. 40 एकड़ में फैले इस पार्क में कई योजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं. इस पार्क में आकर कोई भी आम आदमी सिंचाई कूप, डोभा, दीदी बाड़ी, वर्मी कम्पोस्ट, बागवानी, टीसीबी जैसी योजनाओं से होने वाले फायदे को अपनी आंखों से देख सकता है. इसकी सफलता को देखते हुए अब बेड़ो प्रखंड के ही लमकाना गांव में मनरेगा पार्क विकसित करने पर काम शुरू कर दिया गया है. इसी साल अगस्त महीने में मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी बेड़ो स्थित मनरेगा पार्क का निरीक्षण करने गई थीं. इस पार्क की बदौलत आस-पास के गांवों में आए बदलाव को देखते हुए उन्होंने राज्य के सभी प्रखंडों में पार्क खोलने की तैयारी शुरू की है.