ETV Bharat / city

कोरोना मानसिक रूप से भी कर रहा बीमार, डिप्रेशन में जा रहे लोग

कोरोना और लॉकडाउन लोगों को मानसिक स्तर पर प्रभावित कर रहा है. बता दें कि कोरोना और भविष्य में होने वाली आर्थिक समस्या के डर से मानसिक रोगियों की राज्य में संख्या भी बढ़ रही है.

mental patients rising from jharkhand, fear of Corona, Rinpas Ranchi, Ranchi Hindpedhi News, lockdown in Jharkhand, कोरोना से बढ़ रहे मानसिग रोगी, कोरोना का डर, रिनपास रांची, रांची हिंदपीढ़ी न्यूज, झारखंड में लॉकडाउन
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Apr 14, 2020, 1:37 PM IST

Updated : Apr 14, 2020, 3:02 PM IST

रांची: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों के मन में डर और चिंता है. यह हम नहीं बल्कि देश के प्रख्यात संस्थान रिनपास और मनोचिकित्सक कह रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि लोगों में कोरोना का भय और भविष्य की चिंता को लेकर डिप्रेशन देखा जा रहा है.

देखें पूरी खबर

लॉकडाउन के दौरान अपने भविष्य की चिंता को लेकर ज्यादा परेशान
रिम्स रिनपास के निदेशक डॉ सुभाष सोरेन बताते हैं कि लोग लॉकडाउन के दौरान अपने भविष्य की चिंता को लेकर ज्यादा परेशान हो रहे हैं. क्योंकि लोगों के मन में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर एक भय समा गया है. लोगों में आइसोलेशन, क्वॉरेंटाइन से काफी डरे और सहमे हुए हैं. लोगों के लिए आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइन एक नई परिस्थिति है और इस नई परिस्थिति से लोगों के मन में कई तरह की मानसिक बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं.

ये भी पढ़ें- ईटीवी भारत की खबर का असर: ट्रक चालकों को पहुंचाया गया राशन

लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां
राजधानी के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर अशोक प्रसाद बताते हैं कि कोविड-19 को लेकर 21 दिनों का लॉकडाउन लोगों पर कहर बरपा रहा है. लोग पैनिक डिसऑर्डर, एक्यूट स्ट्रेस रिएक्शन और डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों का शिकार होने लगे हैं. वरिष्ठ मनोचिकित्सक अशोक प्रसाद बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान मनो रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. देश के कई राज्यों और विदेशों से लोग फोन करके काउंसलिंग की सलाह ले रहे हैं. लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां पैदा हो रही हैं.

कई तरह की मानसिक बीमारियां उत्पन हो रही
मनोचिकित्सकों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से जो लोग अपने घरों से दूर हैं, वैसे लोग भी अपने घर को लेकर परेशान हो रहे हैं और उनमें कई तरह की मानसिक बीमारियां उत्पन हो रही है.

ये भी पढ़ें- सड़क पर नोटों की बंडल, लोगों ने कहा- कोरोना..कोरोना

पैनिक डिसऑर्डर के लक्षण
हार्ट रेट बढ़ना, मरने का डर सताना, घबराहट और शरीर से पसीना निकलना, नींद कम आना और भूख कम लगना

एक्यूट स्ट्रेस रिएक्शन के लक्षण
होश खोना, अनाप शनाप बोलना, अपने लोगों को नहीं पहचान पाना और गाली गलौज करना

डिप्रेशन के लक्षण
उदासी छाना, अकेले रहना और हर वक्त बेवजह की चिंता करना

नकारात्मक दृष्टिकोण भी मानसिक असंतुलन को बढ़ाता है
वहीं, बता दें कि कोरोना के डर से डिप्रेशन में आकर रांची में एक शख्स ने आत्महत्या भी कर ली है. डॉक्टरों की सलाह के अनुसार, लोग अपने आपको ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित रखें और लॉकडाउन में सकारात्मक चीजों को ज्यादा पढ़ें, समझने का प्रयास करें. क्योंकि कई बार नकारात्मक दृष्टिकोण भी मानसिक असंतुलन को बढ़ाता है.

ये भी पढ़ें- रांची और बोकारो बना कोरोना हॉटस्पॉट, एक क्लिक में देखिए पूरी जानकारी

मानसिक रूप से ग्रसित मरीजों की काउंसलिंग
राज्य के सबसे बड़े मानसिक अस्पताल रिनपास के निदेशक डॉ सुभाष सोरेन ने कहा कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए सिविल सर्जन को एक चिट्ठी जारी की गई है. जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि मनोचिकित्सक विभाग की ओर से कुछ डॉक्टरों की सूची तैयार की गई है, जो मानसिक रूप से ग्रसित मरीजों की काउंसलिंग करेंगे.

रांची: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों के मन में डर और चिंता है. यह हम नहीं बल्कि देश के प्रख्यात संस्थान रिनपास और मनोचिकित्सक कह रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि लोगों में कोरोना का भय और भविष्य की चिंता को लेकर डिप्रेशन देखा जा रहा है.

देखें पूरी खबर

लॉकडाउन के दौरान अपने भविष्य की चिंता को लेकर ज्यादा परेशान
रिम्स रिनपास के निदेशक डॉ सुभाष सोरेन बताते हैं कि लोग लॉकडाउन के दौरान अपने भविष्य की चिंता को लेकर ज्यादा परेशान हो रहे हैं. क्योंकि लोगों के मन में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर एक भय समा गया है. लोगों में आइसोलेशन, क्वॉरेंटाइन से काफी डरे और सहमे हुए हैं. लोगों के लिए आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइन एक नई परिस्थिति है और इस नई परिस्थिति से लोगों के मन में कई तरह की मानसिक बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं.

ये भी पढ़ें- ईटीवी भारत की खबर का असर: ट्रक चालकों को पहुंचाया गया राशन

लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां
राजधानी के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर अशोक प्रसाद बताते हैं कि कोविड-19 को लेकर 21 दिनों का लॉकडाउन लोगों पर कहर बरपा रहा है. लोग पैनिक डिसऑर्डर, एक्यूट स्ट्रेस रिएक्शन और डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों का शिकार होने लगे हैं. वरिष्ठ मनोचिकित्सक अशोक प्रसाद बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान मनो रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. देश के कई राज्यों और विदेशों से लोग फोन करके काउंसलिंग की सलाह ले रहे हैं. लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां पैदा हो रही हैं.

कई तरह की मानसिक बीमारियां उत्पन हो रही
मनोचिकित्सकों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से जो लोग अपने घरों से दूर हैं, वैसे लोग भी अपने घर को लेकर परेशान हो रहे हैं और उनमें कई तरह की मानसिक बीमारियां उत्पन हो रही है.

ये भी पढ़ें- सड़क पर नोटों की बंडल, लोगों ने कहा- कोरोना..कोरोना

पैनिक डिसऑर्डर के लक्षण
हार्ट रेट बढ़ना, मरने का डर सताना, घबराहट और शरीर से पसीना निकलना, नींद कम आना और भूख कम लगना

एक्यूट स्ट्रेस रिएक्शन के लक्षण
होश खोना, अनाप शनाप बोलना, अपने लोगों को नहीं पहचान पाना और गाली गलौज करना

डिप्रेशन के लक्षण
उदासी छाना, अकेले रहना और हर वक्त बेवजह की चिंता करना

नकारात्मक दृष्टिकोण भी मानसिक असंतुलन को बढ़ाता है
वहीं, बता दें कि कोरोना के डर से डिप्रेशन में आकर रांची में एक शख्स ने आत्महत्या भी कर ली है. डॉक्टरों की सलाह के अनुसार, लोग अपने आपको ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित रखें और लॉकडाउन में सकारात्मक चीजों को ज्यादा पढ़ें, समझने का प्रयास करें. क्योंकि कई बार नकारात्मक दृष्टिकोण भी मानसिक असंतुलन को बढ़ाता है.

ये भी पढ़ें- रांची और बोकारो बना कोरोना हॉटस्पॉट, एक क्लिक में देखिए पूरी जानकारी

मानसिक रूप से ग्रसित मरीजों की काउंसलिंग
राज्य के सबसे बड़े मानसिक अस्पताल रिनपास के निदेशक डॉ सुभाष सोरेन ने कहा कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए सिविल सर्जन को एक चिट्ठी जारी की गई है. जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि मनोचिकित्सक विभाग की ओर से कुछ डॉक्टरों की सूची तैयार की गई है, जो मानसिक रूप से ग्रसित मरीजों की काउंसलिंग करेंगे.

Last Updated : Apr 14, 2020, 3:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.