रांची: झारखंड में नए डीजीपी के चयन को लेकर यूपीएससी में बैठक हुई. बैठक में झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी भी शामिल हुए. बैठक के दौरान नए डीजीपी के लिए छह अधिकारियों के नाम पर चर्चा हुई.
छह अधिकारियों के नाम
राज्य सरकार ने डीजीपी के चयन के लिए पूर्व में छह अधिकारियों वीएच राव देशमुख, केएन चौबे, नीरज सिन्हा, पीआरके नायडू, एमवी राव, रेजी डुंगडुंग के नाम का पैनल भेजा था. गुरुवार को इन अधिकारियों के एसीआर पर विचार किया गया. यूपीएससी के द्वारा वरीयता और एसीआर के आधार पर तीन अधिकारियों का नाम शार्टलिस्ट पर डीजीपी चयन के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा.
रेजी डुंगडुंग को डीजी रैंक में प्रोन्नति मिलनी है
राज्य सरकार इन तीन में से ही डीजीपी का चयन करेगी. वर्तमान में वीएच राव देशमुख और केएन चौबे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में हैं, जबकि नीरज सिन्हा जैप डीजी, एमवी राव होमगार्ड डीजी और पीआरके नायडू डीजी मुख्यालय के प्रभार में हैं. रेजी डुंगडुंग को डीजीपी डीके पांडेय के सेवानिवृति के बाद डीजी रैंक में प्रोन्नति मिलनी है.
केएन चौबे और नीरज सिन्हा रेस में आगे
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, डीजीपी की रेस में केएन चौबे और नीरज सिन्हा आगे बताए जा रहे हैं. केएन चौबे 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वहीं नीरज सिन्हा 1987 बैच के आईपीएस हैं. वरीयता के लिहाज से तीन नाम वीएच राव देशमुख, केएन चौबे और नीरज सिन्हा हैं. वीएच राव देशमुख वर्तमान में आईजी एसएसबी, जबकि केएन चौबे आईजी बीएसएफ के तौर पर पोस्टेड हैं.
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डीजीपी के सेवा विस्तार पर विराम
डीजीपी डीके पांडेय के सेवा विस्तार को लेकर भी चर्चाएं थी. हालांकि सरकार के आला अधिकारियों के मुताबिक, सेवा विस्तार की संभावना अब नहीं है. नक्सल क्षेत्र में बेहतर काम के लिए डीजीपी डीके पांडेय को सेवाविस्तार देने का प्रस्ताव पूर्व में तैयार भी हुआ था. डीके पांडेय 31 मई को सेवानिवृत हो रहे हैं, 24 फरवरी 2015 को वह डीजीपी बने थे. राज्य में सर्वाधिक दिनों तक डीजीपी रहने का रिकॉर्ड उनके नाम पर है.