रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा नेअल्पसंख्यक समुदाय के पार्षदों के साथ भेदभाव करने का मेयर, डिप्टी मेयर पर आरोप लगाय है. जिसको लेकर शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मेयर आशा लकड़ा ने जेएमएम से पूछा है कि उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए क्या किया है? जबकि भारतीय जनता पार्टी धर्म, जाति या किसी समुदाय की राजनीति नहीं करती है. केंद्र की मोदी सरकार हो या राज्य में रघुवर दास की पूर्व सरकार हो, सभी जाति, धर्म और समुदाय के विकास को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार करती है.
आशा लकड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री आवास योजना और व्यक्तिगत शौचालय योजना से सभी जाति, धर्म और समुदाय के लोगों को लाभ मिला है. इसी प्रकार रघुवर सरकार के कार्यकाल में पहली बार अल्पसंख्यक समुदाय को करोड़ों की लागत से निर्मित हज हाउस की सौगात मिली.
दरअसल, जेएमएम ने रांची नगर निगम क्षेत्र में सड़क और नाली निर्माण से संबंधित योजनाओं में अल्पसंख्यक समुदाय के पार्षदों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है. जिसे मेयर ने बेबुनियाद करार दिया है. मेयर ने कहा है कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में सबसे अधिक राशि हिंदपीढ़ी क्षेत्र के विकास पर खर्च किए गए. आज हिंदपीढ़ी क्षेत्र की पीसीसी सड़कें, बिटुमिनस सड़कें और नालियां इसका प्रमाण है, फिर भी जेएमएम समर्थित लोगों के आंख पर पट्टी बंधी हुई है.
रांची मेयर ने कहा है कि सत्ताधारी राजनीतिक दलों के समर्थक एक ओर मेयर और डिप्टी मेयर की उपस्थिति में सड़क और नाली निर्माण से संबंधित योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं और दूसरी ओर झूठी दलील दे रहे हैं. वार्ड-10, 17 और 15 में सड़क और नाली निर्माण कार्य का शिलान्यास इसका प्रमाण है. जिसमें संबंधित वार्ड पार्षद भी शामिल थे. साथ ही शुक्रवार को वार्ड-35 में पार्षद नसीम गद्दी की उपस्थिति में सड़क और नाली निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया है.
उन्होंने कहा कि 29 नवंबर से अब तक जिन वार्डों में सड़क और नाली निर्माण से संबंधित योजनाओं का शिलान्यास किया गया है. वे सभी योजनाएं रघुवर सरकार की ही देन है. इन सभी योजनाओं के लिए रघुवर सरकार के कार्यकाल में ही 14वें वित्त आयोग के तहत फंड आवंटित किया गया था. हेमंत सरकार के कार्यकाल में 15वें वित्त आयोग के तहत मात्र 25 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है. शहर की आम जनता भी यह अनुमान लगा सकती है कि 53 वार्डों में इस राशि से उनकी किन-किन आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि राज्य में गठबंधन की सरकार है और राज्य के मुखिया खुद जेएमएम से हैं. वे नगर विकास विभाग के मंत्री भी हैं. अगर वे अल्पसंख्यक समुदाय के हितैषी हैं तो अल्पसंख्यक वार्ड पार्षदों के क्षेत्र के संपूर्ण विकास के लिए रांची नगर निगम को फंड आवंटित करे. सिर्फ आधारहीन आरोप लगाकर अल्पसंख्यक वार्ड पार्षदों के क्षेत्र का विकास नहीं किया जा सकता. रांची नगर निगम को आवंटित फंड सभी वार्डों में समान रूप से बांटे जाते हैं. किसी पार्षद के साथ भेदभाव की राजनीति नहीं की जाती. 53 वार्डों के विकास से संबंधित योजनाओं की स्वीकृति नगर निगम परिषद की बैठक में सभी पार्षदों की उपस्थिति में ली जाती है.
आशा लकड़ा ने सभी पार्षदों से अपील की है कि रांची नगर निगम को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं. अपने-अपने वार्ड के विकास का खाका तैयार कर राज्य सरकार से फंड उपलब्ध कराने की मांग करें. हम सभी जनप्रतिनिधि हैं और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही हमारा धर्म और कर्म है. वहीं, डिप्टी मेयर सजीव विजयवार्गीय ने पिछले 5 वर्षों का 13वें वित्त आयोग और 14 वें वित्त आयोग के अलावा विभिन्न मदों से पूरे रांची नगर निगम क्षेत्र में किये गये विकास कार्यों का लेखा-जोखा योजनाओं के आंकड़े सहित प्रस्तुत किए.
मेयर आशा लकड़ा का जेएमएम पर पलटवार, पूछा- बताएं आपने अल्पसंख्यकों के लिए अब तक क्या किया
रांची की मेयर आशा लकड़ा ने अपने ऊपर जेएमएम के लगाए आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए जितने भी काम हुए हैं वो बीजेपी की सरकार के दौरान ही हुए हैं. पलटवार करते हुए उन्होंने जेएमएम से पूछा कि वो बताए कि उन्होंने अब तक अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया है.
रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा नेअल्पसंख्यक समुदाय के पार्षदों के साथ भेदभाव करने का मेयर, डिप्टी मेयर पर आरोप लगाय है. जिसको लेकर शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मेयर आशा लकड़ा ने जेएमएम से पूछा है कि उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए क्या किया है? जबकि भारतीय जनता पार्टी धर्म, जाति या किसी समुदाय की राजनीति नहीं करती है. केंद्र की मोदी सरकार हो या राज्य में रघुवर दास की पूर्व सरकार हो, सभी जाति, धर्म और समुदाय के विकास को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार करती है.
आशा लकड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री आवास योजना और व्यक्तिगत शौचालय योजना से सभी जाति, धर्म और समुदाय के लोगों को लाभ मिला है. इसी प्रकार रघुवर सरकार के कार्यकाल में पहली बार अल्पसंख्यक समुदाय को करोड़ों की लागत से निर्मित हज हाउस की सौगात मिली.
दरअसल, जेएमएम ने रांची नगर निगम क्षेत्र में सड़क और नाली निर्माण से संबंधित योजनाओं में अल्पसंख्यक समुदाय के पार्षदों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है. जिसे मेयर ने बेबुनियाद करार दिया है. मेयर ने कहा है कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में सबसे अधिक राशि हिंदपीढ़ी क्षेत्र के विकास पर खर्च किए गए. आज हिंदपीढ़ी क्षेत्र की पीसीसी सड़कें, बिटुमिनस सड़कें और नालियां इसका प्रमाण है, फिर भी जेएमएम समर्थित लोगों के आंख पर पट्टी बंधी हुई है.
रांची मेयर ने कहा है कि सत्ताधारी राजनीतिक दलों के समर्थक एक ओर मेयर और डिप्टी मेयर की उपस्थिति में सड़क और नाली निर्माण से संबंधित योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं और दूसरी ओर झूठी दलील दे रहे हैं. वार्ड-10, 17 और 15 में सड़क और नाली निर्माण कार्य का शिलान्यास इसका प्रमाण है. जिसमें संबंधित वार्ड पार्षद भी शामिल थे. साथ ही शुक्रवार को वार्ड-35 में पार्षद नसीम गद्दी की उपस्थिति में सड़क और नाली निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया है.
उन्होंने कहा कि 29 नवंबर से अब तक जिन वार्डों में सड़क और नाली निर्माण से संबंधित योजनाओं का शिलान्यास किया गया है. वे सभी योजनाएं रघुवर सरकार की ही देन है. इन सभी योजनाओं के लिए रघुवर सरकार के कार्यकाल में ही 14वें वित्त आयोग के तहत फंड आवंटित किया गया था. हेमंत सरकार के कार्यकाल में 15वें वित्त आयोग के तहत मात्र 25 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है. शहर की आम जनता भी यह अनुमान लगा सकती है कि 53 वार्डों में इस राशि से उनकी किन-किन आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि राज्य में गठबंधन की सरकार है और राज्य के मुखिया खुद जेएमएम से हैं. वे नगर विकास विभाग के मंत्री भी हैं. अगर वे अल्पसंख्यक समुदाय के हितैषी हैं तो अल्पसंख्यक वार्ड पार्षदों के क्षेत्र के संपूर्ण विकास के लिए रांची नगर निगम को फंड आवंटित करे. सिर्फ आधारहीन आरोप लगाकर अल्पसंख्यक वार्ड पार्षदों के क्षेत्र का विकास नहीं किया जा सकता. रांची नगर निगम को आवंटित फंड सभी वार्डों में समान रूप से बांटे जाते हैं. किसी पार्षद के साथ भेदभाव की राजनीति नहीं की जाती. 53 वार्डों के विकास से संबंधित योजनाओं की स्वीकृति नगर निगम परिषद की बैठक में सभी पार्षदों की उपस्थिति में ली जाती है.
आशा लकड़ा ने सभी पार्षदों से अपील की है कि रांची नगर निगम को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं. अपने-अपने वार्ड के विकास का खाका तैयार कर राज्य सरकार से फंड उपलब्ध कराने की मांग करें. हम सभी जनप्रतिनिधि हैं और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही हमारा धर्म और कर्म है. वहीं, डिप्टी मेयर सजीव विजयवार्गीय ने पिछले 5 वर्षों का 13वें वित्त आयोग और 14 वें वित्त आयोग के अलावा विभिन्न मदों से पूरे रांची नगर निगम क्षेत्र में किये गये विकास कार्यों का लेखा-जोखा योजनाओं के आंकड़े सहित प्रस्तुत किए.