रांची: कई मजदूर जीवन यापन करने के लिए दूसरे राज्यों में कमाने चले जाते हैं, ताकि एक निश्चित समय पर कमाकर घर परिवार का भरण पोषण कर सकें. लेकिन कोरोना महामारी के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों को प्रभाव पड़ा है. प्रवासी मजदूर ईंट भट्ठे, कल कारखाने, फैक्ट्रियां, मेला या फिर किसी कंपनी के अंडर में काम करने के लिए दूसरे राज्य चले जाते हैं. लेकिन लॉकडाउन की वजह से तमाम ईंट भट्ठे, कल कारखाने, फैक्ट्री बंद पड़े हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने जाना हाल
ईटीवी भारत की टीम विभिन्न राज्यों से झारखंड में आकर फंसे प्रवासी मजदूरों से बात करते हुए उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की है कि इस लॉकडाउन के दौरान उन्हें किस परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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प्रवासी मजदूरों की स्थिति दयनीय
ईंट भट्ठा में काम करने वाले मजदूरों की स्थिति इस वक्त सबसे दयनीय हो चुकी है. क्योंकि ईंट भट्ठा बंद पड़ा है. ऐसे में ईंट भट्ठे में काम करने वाले मजदूर भी अपने घर जाना चाहते हैं. उत्तर प्रदेश से झारखंड के ईंट भट्ठे में काम करने पहुंचे देवीदीन बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से बहुत ज्यादा समस्या हो रही है, अब बस लॉकडाउन खुलने का इंतजार है, ताकि अपने राज्य वापस जा सकें. वे कहते हैं कि बीमार होने पर दवा लेना भी अब संभव नहीं रहा.
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