रांची: भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष जीतराम मुंडा (Jitram Munda) की हत्या की पूरी प्लानिंग मनोज मुंडा ने ही रची थी. उसने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निवासी कांट्रैक्ट किलर बाबू साहेब और डब्लू यादव के जरीए जीतराम की हत्या करवाई थी. इस बात का खुलासा रांची पुलिस की जांच में हुआ है.
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रांची पुलिस ने मामले में शूटर डब्लू यादव को गाजीपुर से और रांची के इरबा से कार्तिक मुंडा को गिरफ्तार किया है. पूरे मामले का खुलासा करते हुए ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि जीतराम मुंडा की हत्या के बाद एसएसपी के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया था. गठित एसआईटी मोबाइल लोकेशन के आधार पर गाजीपुर गई. पुलिस के आने की खबर डब्लू को मिल गई थी. जैसे ही पुलिस पहुंची, वह भागने लगा. करीब दो किलोमीटर पीछा करने के बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया. पूछताछ में आरोपी ने पुलिस के सामने अपना जुर्म स्वीकार किया.
मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी
ग्रामीण एसपी ने बताया कि मनोज के पकड़े जाने के बाद ही हत्या के कारण और सुपारी की रकम के बारे में खुलासा होगा. वहीं मामले के मुख्य आरोपी मनोज मुंडा, बाबू साहेब और रतन बेदिया पुलिस की गिरफ्त से दूर है. पुलिस इन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है.
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दिल्ली में बाबू साहेब से मिलकर की थी प्लानिंग
ग्रामीण एसपी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जेल से छूटने के बाद मनोज मुंडा दिल्ली फरार हो गया था. वहां उसकी मुलाकात गाजीपुर के कांट्रैक्ट किलर बाबू साहेब से हुई. उसके साथ बैठकर उसने जीतराम मुंडा की हत्या की प्लानिंग की. बाबू साहेब 19 सितंबर को मनोज के साथ रांची आ गया और उसके घर पर ही रहने लगा. इसी क्रम में बाबू साहेब ने गाजीपुर के शूटर डब्लू यादव से संपर्क किया. उसने उससे कहा कि एक व्यक्ति की हत्या करनी है. इस एवज में उसे अच्छी रकम मिलेगी.
शूटर को एडवांस में मिले 5 हजार रुपये
बाबू साहेब ने शूटर डब्लू यादव के भाई के खाते में पांच हजार रुपए डाल दिया. इसके बाद डब्लू बस से रांची पहुंचा. कार्तिक उसे 21 सितबंर की सुबह बस स्टैंड से लेकर ओरमांझी स्थित घर आया. मनोज, बाबू साहेब और डब्लू ने पूरी प्लानिंग की. इसके बाद ओरमांझी चौक पर आयोजित पुतला दहन कार्यक्रम में डब्लू को कार से कार्यक्रम स्थल ले जाया गया. जहां पर जीतराम की पहचान करवाई गई.
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घटना के वक्त मनोज और रतन भी थे मौजूद
ग्रामीण एसपी ने बताया कि मनोज का चचेरा भाई कार्तिक जीतराम के पल-पल की खबर शूटरों को दे रहा था. 22 सितंबर की शाम पुतला दहन कार्यक्रम से लौटकर जीतराम अपने दोस्त भाजपा नेता राजकुमार के साथ ओरमांझी के पालू स्थित आर्यन होटल में बैठकर चाय पी रहे थे. इसकी जानकारी मिलने के बाद एक बाइक से डब्लू यादव और बाबू साहेब होटल के दूसरे छोर स्थित सड़क किनारे पहुंचा. वहीं दूसरी बाइक से मनोज और रतन बेदिया भी वहां पर पहुंचे. डब्लू पिस्टल लेकर सड़क पार कर होटल में गया और जीतराम को पीछे से पिस्टल सटाकर गोली दाग दी. इसके बाद वह दौड़ते हुए सड़क पार किया और चारों अलग-अलग बाइक से ओरमांझी चौक पहुंच गया. डब्लू ने मनोज को पिस्टल दी. इसके बाद डब्लू और बाबू साहेब बस से बनारस भाग निकले.
हत्या के बाद मनोज ने दिया दस हजार
मुख्य आरोपी मनोज मुंडा ने जीतराम की हत्या करने वाले शूटर डब्लू यादव को कुल 15 हजार रुपए दिए. हत्या करने से पहले पांच और उसके बाद दस हजार रुपए दिए और कहा कि बाकी रकम बाद में दी जाएगी.
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छात्र नेता की हत्या कर चुका है डब्लू
गाजीपुर निवासी डब्लू यादव कुख्यात अपराधी है. उसने गाजीपुर में 2015 में एक छात्र नेता की हत्या की थी. इस मामले मे वह जेल जा चुका है. पिछले साल ही वह जेल से बाहर निकला था.