रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी को लेकर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. सियासी गलियारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस्तीफा देंगे. हालांकि, सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं. वहीं, पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महागठबंधन ने प्लान बी तैयार करके रखा है, ताकि सरकार बची रहे.
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कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि परिस्थिति ही पैदा नहीं होगी, जो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यह प्रोपगेंडा बीजेपी की ओर से फैलाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी चली जायेगी. लेकिन हकीकत कुछ और है. वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए यूपीए ने पूरी तैयारी कर रखी है. इसमें कही कोई किंतु परंतु नहीं है.
सियासी संकट के बीच सत्तारूढ़ दल यूपीए ने संवैधानिक पहलूओं पर पूरी तैयारी कर रखी है. यदि ऐसा नौबत आता है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना मजबूरी हो जायेगा तो वैसी स्थिति में विकल्प के रूप में चेहरों की तलाश कर ली गई है. मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विकल्प के रूप में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन या पार्टी के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन लाया जा सकता है. चंपई सोरेन को बतौर सीएम होने पर झामुमो के अंदर लोबिन हेम्ब्रम जैसे वरिष्ठ नेताओं को पार्टी संतुष्ट करने में सफल हो जायेगी. कल्पना सोरेन को लेकर घर से लेकर पार्टी के अंदर मतभेद उभरने से इनकार नहीं किया जा सकता.
हालांकि, इन सबके बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता मनोज पांडे कहते हैं कि हेमंत सोरेन ना तो इस्तीफा देंगे और ना ही उनका कोई विकल्प है. यूपीए के पास प्लान बी भी है और प्लान सी भी है. यदि ऐसी स्थिति होगी तो देखा जायेगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के इस प्रोपगेंडा को यूपीए धाराशाही करने में सफल होगा. बहरहाल सियासी बयानबाजी और अटकलों के बीच दिल्ली दौरे पर गये राज्यपाल रमेश बैस के रांची लौटने की प्रतिक्षा की जा रही है.