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लाचार स्वास्थ्य विभाग! सरकारी अस्पताल में कोरोना जांच के लिए घंटों करना पड़ रहा इंतजार - झारखंड में कोरोना

रांची के सरकारी संस्थाओं में मैनपावर और संसाधनों की कमी की वजह से कोरोना जांच कराने आए लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि उन्हें लाइन में घंटों इंतजार करना पड़ता है.

Long wait for corona test in government hospital ranchi, corona in jharkhand, news of ranchi government hospital, सरकारी अस्पताल में कोरोना जांच के लिए करना पड़ता है लंबा इंतजार, झारखंड में कोरोना, रांची सरकारी अस्पताल की खबरें
कोरोना जांच के लिए लगी लंबी लाइन
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Published : Jul 12, 2020, 3:46 AM IST

Updated : Jul 12, 2020, 4:01 AM IST

रांची: कोरोना के संक्रमण में राज्य सरकार लगातार लोगों को जांच कराने की अपील कर रही है. जिसे लेकर लोग अपना-अपना कोरोना जांच कराने के लिए स्वाब कलेक्शन सेंटर भी पहुंच रहे हैं. लेकिन सरकारी संस्थाओं में मैनपावर और संसाधनों की कमी की वजह से कोरोना की जांच कराने आए लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

देखें पूरी खबर
250-300 लोग हर दिन कोरोना जांच कराने पहुंच रहे
बात करें राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की तो रिम्स में कोरोना जांच कराने आए लोगों की लंबी कतार देखी जा रही है. जानकारी के अनुसार, 250-300 लोग हर दिन कोरोना का जांच कराने पहुंच रहे हैं. कोरोना जांच कराने के लिए लोगों को कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. कोरोना का जांच कराने आए लोगों को पहले रिम्स के ट्रॉमा सेंटर के बाहर पर्ची कटवानी पड़ती है. उसके बाद स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.स्क्रीनिंग के बाद मरीज में आए लक्षणों को डॉक्टरों देखते हैं और फिर किसी भी तरह के लक्षण कोरोना से संबंधित मिलते हैं तो स्वाब जांच के लिए मरीज को अनुमति मिलती है.

ये भी पढ़ें- बाबूलाल ने लिया हेमंत सरकार को आड़े हाथों, कहा- लोगों को रोजगार देने में फिसड्डी साबित हो रही है सरकार


स्वाब जांच कराने के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है
स्वाब जांच कराने के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. क्योंकि स्वाब जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मी दिन में सिर्फ दो बार ही आते हैं और स्वाब जांच करने के लिए 2 घंटे का ही समय दे पाते हैं. जिस कारण कई बार मरीजों को रात-रात भर भी इंतजार करना पड़ता है. इसे लेकर कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ निसित एक्का बताते हैंं कि मरीजों को कोरोना जांच कराने में समय लगता है, जिसकी मुख्य वजह है मैनपावर की कमी. क्योंकि रिम्स के सभी विभाग में डॉक्टर वर्तमान में अपने-अपने विभाग में कार्यरत हैं. ऐसे में कोविड वार्ड में एक से ज्यादा डॉक्टर की उपलब्धता नहीं हो पाती है. अगर वे ज्यादा डॉक्टरों की उपलब्धता कोविड वार्ड में देते हैं तो फिर अन्य वार्ड में इलाजरत मरीजों के लिए डॉक्टरों की कमी हो जाएगी. कोरोना जांच कराने की प्रक्रिया की अवधि में कमी लाने के लिए जरूरत है कि स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपलब्धता कराए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आसानी से कोरोना जांच करा सकें.

ये भी पढ़ें- 11 प्रिंसिपल शो कॉज, बिना स्वीकृत पद के शिक्षकों को कर दिया लाखों रुपए का वेतन भुगतान

आईआईसीएमआर गाइडलाइन
आईआईसीएमआर के गाइडलाइन के अनुसार, झारखंड सरकार ने यह आदेश जारी कर दिया है कि अब कोविड जांच के लिए पर्ची कटाने और डॉक्टर से दिखाने की जरूरत नहीं होगी, ताकि जांच की गति में तेजी आ सके. लेकिन अभी भी रिम्स में डॉक्टरों की सलाह और पर्ची कटवाने की प्रक्रिया से मरीजों को लगातार गुजरना पड़ रहा है. इस वजह से उन्हें लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है.

रांची: कोरोना के संक्रमण में राज्य सरकार लगातार लोगों को जांच कराने की अपील कर रही है. जिसे लेकर लोग अपना-अपना कोरोना जांच कराने के लिए स्वाब कलेक्शन सेंटर भी पहुंच रहे हैं. लेकिन सरकारी संस्थाओं में मैनपावर और संसाधनों की कमी की वजह से कोरोना की जांच कराने आए लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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250-300 लोग हर दिन कोरोना जांच कराने पहुंच रहे
बात करें राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की तो रिम्स में कोरोना जांच कराने आए लोगों की लंबी कतार देखी जा रही है. जानकारी के अनुसार, 250-300 लोग हर दिन कोरोना का जांच कराने पहुंच रहे हैं. कोरोना जांच कराने के लिए लोगों को कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. कोरोना का जांच कराने आए लोगों को पहले रिम्स के ट्रॉमा सेंटर के बाहर पर्ची कटवानी पड़ती है. उसके बाद स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.स्क्रीनिंग के बाद मरीज में आए लक्षणों को डॉक्टरों देखते हैं और फिर किसी भी तरह के लक्षण कोरोना से संबंधित मिलते हैं तो स्वाब जांच के लिए मरीज को अनुमति मिलती है.

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स्वाब जांच कराने के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है
स्वाब जांच कराने के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. क्योंकि स्वाब जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मी दिन में सिर्फ दो बार ही आते हैं और स्वाब जांच करने के लिए 2 घंटे का ही समय दे पाते हैं. जिस कारण कई बार मरीजों को रात-रात भर भी इंतजार करना पड़ता है. इसे लेकर कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ निसित एक्का बताते हैंं कि मरीजों को कोरोना जांच कराने में समय लगता है, जिसकी मुख्य वजह है मैनपावर की कमी. क्योंकि रिम्स के सभी विभाग में डॉक्टर वर्तमान में अपने-अपने विभाग में कार्यरत हैं. ऐसे में कोविड वार्ड में एक से ज्यादा डॉक्टर की उपलब्धता नहीं हो पाती है. अगर वे ज्यादा डॉक्टरों की उपलब्धता कोविड वार्ड में देते हैं तो फिर अन्य वार्ड में इलाजरत मरीजों के लिए डॉक्टरों की कमी हो जाएगी. कोरोना जांच कराने की प्रक्रिया की अवधि में कमी लाने के लिए जरूरत है कि स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपलब्धता कराए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आसानी से कोरोना जांच करा सकें.

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आईआईसीएमआर गाइडलाइन
आईआईसीएमआर के गाइडलाइन के अनुसार, झारखंड सरकार ने यह आदेश जारी कर दिया है कि अब कोविड जांच के लिए पर्ची कटाने और डॉक्टर से दिखाने की जरूरत नहीं होगी, ताकि जांच की गति में तेजी आ सके. लेकिन अभी भी रिम्स में डॉक्टरों की सलाह और पर्ची कटवाने की प्रक्रिया से मरीजों को लगातार गुजरना पड़ रहा है. इस वजह से उन्हें लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है.

Last Updated : Jul 12, 2020, 4:01 AM IST
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