रांची: एनआरसी, सीसीए और एनपीआर का विरोध बढ़ता जा रहा है. सरकार की नीतियों के खिलाफ झारखंड में भी इसका विरोध वाम दल की ओर से बड़े स्तर पर किया जा रहा है. इसी के मद्देनजर राज्यव्यापी आंदोलन के तहत राजभवन के समक्ष वाम दलों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सरकार की नीतियों और बजट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
झारखंड को नहीं मिला हक
विरोध प्रदर्शन कर रहे सीपीआई, सीपीआईएम और सीपीआईएमएल के नेताओं की ओर से विरोध प्रदर्शन को लेकर बताया गया कि अगर सरकार अपनी जनविरोधी नीतियों में बदलाव नहीं लाती है तो हमारा आंदोलन और भी उग्र होगा. सीपीआईएमएल के नेता जनार्दन प्रसाद बताते हैं कि सरकार का जनविरोधी नीति जैसे एनआरसी, सीएए और एनपीआर जो कि नागरिकता देने का नहीं, बल्कि नागरिकता छीनने का कानून है. इसे वापस ले साथ ही बजट में जो झारखंड को अपना हक नहीं मिला है उस हक को केंद्र सरकार झारखंड को दे.
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केंद्र सरकार का विरोध
जनार्दन प्रसाद ने कहा कि झारखंड पूरे देश में खनिज संपदा के मामले में सबसे धनी राज्य है. ऐसे में झारखंड राज्य का अधिकार बनता है कि उसे अपना हक मिले. सीपीआई के पूर्व सांसद और राज्य सचिव भुवनेश्वर मेहता का कहना है कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ वाम दल हमेशा मुखर रही है और आगे भी जनता को परेशान करने वाले कानून को लेकर वाम दल केंद्र सरकार का विरोध करती रहेगी.
वाम दल के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि अगर सरकार एनआरसी, सीएए, एनपीआर और जन विरोधी बजट पर अपना ध्यान आकर्षित नहीं करती है तो आने वाले समय में वामदलों का विरोध और भी उग्र होगा.