रांचीः जमीन माफियाओं और अपराधियों के गठजोड़ से परेशान रांची पुलिस के सामने एक और चुनौती आकर खड़ी हो गई है. राजधानी में अब जमीन पर कब्जा करने के लिए महिला समूहों का इस्तेमाल किया जा रहा है. पैसे लेकर महिला समूह में शामिल महिलाएं हुजूम बनाकर जमीन कब्जा करवाने पहुंच जा रही हैं, जहां कानून-व्यवस्था की स्थिति संभालने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं.
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रांची में अलग-अलग समूह एक्टिव
रांची में भू-माफिया अब जमीन पर कब्जा करने के लिए महिला समूह का सहारा ले रहे हैं. कीमती जमीन पर कब्जा करने के लिए संबंधित इलाके की महिलाओं को हथियार बनाया जा रहा है. कुछ पैसे देकर उन्हें जमीन पर खड़ा कर कराया जाता है. भू-माफिया उनकी मौजूदगी में चहारदिवारी का निर्माण शुरू कराते हैं. इस दौरान अगर दूसरा पक्ष जमीन पर कब्जे को लेकर विरोध शुरू करता है तो महिलाएं उनसे भिड़ जाती हैं. जानकारी मिलने के बाद अब रांची पुलिस अब ऐसी महिला समूह की सूची तैयार की जा रही हैं. सिटी एसपी ने सभी थानेदारों को ऐसी महिला समूह के संचालिका को चिहिन्त कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
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महिलाओं को बनाया गया था बंधक
रांची के खेलगांव, बरियातू, सदर, पुनदाग और जगन्नाथपुर इलाके में ऐसी दो वारदात हो चुकी हैं. जहां महिला समूह की ओर से कई जमीन पर कब्जा जमाया गया. रांची के खेलगांव में तो महिला समूह ने ऐसे जमीन कब्जाने की कोशिश की, जिसका इस्तेमाल ग्रामीण मसना स्थल के रूप में किया करते हैं. वहां पर इन महिला समूहों को बंधक बना लिया गया था. उस दौरान बंधक महिलाओं को ग्रामीणों के चुंगल से छुड़ाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. राजधानी में बरियातू इलाके में भी पिछले साल कुछ महिला समूह ने कई जमीनों पर कब्जा दिलवाया था. जिसकी शिकायत मिलने पर बरियातू थाना में कुछ महिलाओं के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी.
थानों में महिला पुलिसकर्मी की कमी
सिटी एसपी सौरभ ने कहा कि पुलिस को महिला समूह की ओर से जमीन पर कब्जा करने की जानकारी है. जिसे देखते हुए ऐसी महिला समूह की संचालिकाओं को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है. महिलाओं के जमीन के खेल में शामिल होने से पुलिस को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि जमीन पर कब्जे की नीयत से आई महिला मंडली की संख्या ज्यादा होती है और थानों में महिला बल की कमी के कारण उन्हें हटाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है. जिस कारण कंट्रोल रूम से महिला फोर्स को मंगाने के बाद ही कार्रवाई की जाती है, जिसमे काफी वक्त लग जाता है.