रांची: झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी लगातार चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. ऐसे में रविवार को गढ़वा, पलामू, चतरा, गुमला, घाघरा में चुनावी सभाओं में जाने के क्रम में ईटीवी भारत से खास बातचीत में दावा किया है कि इस बार अकेले सरकार बनाएंगे. किसी के साथ गठबंधन में जाने की नौबत नहीं आएगी.
बाबूलाल मरांडी को भले ही लोकसभा चुनाव में झटका लगा हो, लेकिन इस विधानसभा में वो पूरा जोरआजमाइश कर रहे हैं. ऐसे में अकेले पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार की कमान संभालने के सवाल पर कहा कि पार्टी की मजबूती के लिए वो पूरी ताकत लगा रहे हैं, ताकि इस बार राज्य में जेवीएम की सरकार बन सके. उन्होंने दावा किया है कि पार्टी सभी सीटों पर मजबूत है और अच्छे चुनाव परिणाम आएंगे.
झारखंड की स्थिति महाराष्ट्र से अलग
महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कहा कि वहां सभी गठबंधन में चुनाव में उतरे थे. इस लिए परिणाम भी अलग-अलग आए, लेकिन झारखंड की स्थिति महाराष्ट्र से अलग है. यहां जेवीएम अकेले 81 सीट पर चुनाव लड़ रहा है. जनता को वोट के लिए निर्णय लेने में परेशानी नहीं होगी. पिछले विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी ने दो सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार सिर्फ धनवार से चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि धनवार की जनता उनके साथ है और वहां से जीत तय है.
आजसू के अकेले लड़ने से 1-2 सीट पर पड़ेगा असर
अगर झारखंड में बीजेपी बहुमत में नहीं आती है तो जेवीएम किसके साथ जाएगा. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बार ऐसी नौबत नहीं आएगी. वहीं आजसू के अकेले लड़ने से एक दो सीटों में असर पड़ेगा, लेकिन सभी सीट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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सरयू से जेवीएम को होगा नुकसान
इधर, सरयू राय के निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने पर कहा कि उन्हें सीएम को हराना था तो उन्हें जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट पर जेवीएम प्रत्याशी को मदद करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि उनके निर्दलीय चुनाव में उतरने पर जेवीएम को ही नुकसान होगा.