रांची: रिम्स में आए दिन जूनियर डॉक्टर के साथ मारपीट के मामले देखने को मिलते हैं. इसी को लेकर रिम्स के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के नेतृत्व में जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपनी सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाने की मांग की.
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मरीज की मौत के बाद परिजन हुए उग्र
दरअसल, सोमवार की देर रात मेडिसिन के आईसीयू विभाग में एक मरीज की मौत के बाद कुछ परिजनों ने जूनियर डॉक्टरों के साथ धक्का-मुक्की की थी. पीड़ित जूनियर चिकित्सक डॉक्टर प्रभाकर ने बताया कि सोमवार की देर रात एक मरीज की मौत हो गई जिसके बाद परिजनों को सूचित कर दिया गया कि मरीज मर चुका है. इसके बावजूद भी परिजन डॉक्टर से जबरदस्ती करने लगे कि मरीज में जान है आप एक बार फिर से चेक कीजिए जबकि सभी जांच कर लिए गए थे और रिपोर्ट बनाकर सौंप दिया गया था. परिजन बार-बार ड्यूटी में तैनात जूनियर चिकित्सक पर दवाब बनाकर यह कह रहे थे कि मरीज जिंदा है लेकिन जब परिजन को यह विश्वास हो गया कि उनका मरीज मर चुका है तो वह डॉक्टर के साथ धक्का-मुक्की करने लगे और उन पर आरोप लगाने लगे कि चिकित्सकों के दिए गए दवा के बाद ही मौत हुई है.
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सुरक्षा के इंतजाम करने की मांग
इसी को लेकर आज जूनियर चिकित्सक निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद से मुलाकात करने पहुंचे थे. मुलाकात के बाद जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर विकास कुमार ने बताया कि रिम्स में ज्यादातर गंभीर मरीज आते हैं और सभी को बेहतर इलाज देने के लिए जूनियर डॉक्टर जी-जान लगाकर मेहनत करते हैं लेकिन इसके बावजूद भी कई बार मरीज की मौत हो जाती है, जिसके बाद परिजन का आक्रोश फूट जाता है और उसका खामियाजा जूनियर डॉक्टर को भुगतना पड़ता है और वैसी परिस्थिति में जूनियर डॉक्टरों के लिए सुरक्षा का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है. इसी मुद्दे को लेकर सभी जूनियर डॉक्टर ने आज रिम्स के निदेशक से मुलाकात की और अपनी सुरक्षा की मांग की ताकि मरीज के इलाज के दौरान भयमुक्त होकर वे अपना काम कर सकें.