रांची: नीट पीजी (NEET PG) की काउंसलिंग में देरी को लेकर डॉक्टरों का आंदोलन लगातार चल रहा है. इसी को लेकर कुछ डॉक्टरों ने दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से सुप्रीम कोर्ट तक मार्च करने की कोशिश की. लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोक दिया. डॉक्टरों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली पुलिस ने जिस तरह से डॉक्टरों पर बल का प्रयोग किया है इससे कई चिकित्सक घायल हुए हैं. डॉक्टरों के साथ हुई कार्रवाई को लेकर देशभर के डॉक्टरों में आक्रोश है. रांची में भी डॉक्टरों के समर्थन में एक मार्च निकाला गया.
रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने विरोध मार्च निकाला. विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे जेडीए के अध्यक्ष डॉक्टर विकास कुमार ने बताया कि नीट पीजी (NEET PG) की परीक्षा की काउंसलिंग में हो रही देरी से देशभर में कार्य कर रहे चिकित्सकों को दिक्कतें आ रही हैं क्योंकि उन पर काम का बोझ बढ़ रहा है. वहीं, उन्होंने बताया कि पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में फंसा हुआ है. अगर सुप्रीम कोर्ट चाहे तो इस पर जल्द से जल्द फैसला आ सकता है. फिलहाल लगभग 40 हजार ऐसे चिकित्सक हैं जो सर्फ काउंसलिंग की वजह से घर में बैठने को मजबूर हैं. इसी वजह से जो जूनियर चिकित्सक पहले से काम कर रहे हैं उन पर डॉक्टरों की कमी होने के कारण काम का बोझ बढ़ता जा रहा है.
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जूनियर चिकित्सक श्रेया सिंह बताती है कि वर्तमान में आंकड़े को देखें तो प्रत्येक डॉक्टर पर पंद्रह सौ मरीज का बोझ है. जूनियर चिकित्सकों के ज्यादा काम करने की वजह से उनका रूटीन खराब होता जा रहा है. नाइट शिफ्ट में काम करने के बाद दूसरे दिन फिर से मॉर्निंग शिफ्ट में काम करना पड़ता है. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जो चिकित्सक मरीजों को बचाने के लिए बेतहाशा काम कर रहे हैं, उनके लिए सरकार और न्यायालय को सोचने का वक्त नहीं है.
श्रेया सिंह ने कहा कि जब सभी लोग अपने घरों में त्यौहार या पर्व मनाते हैं तो उस वक्त भी कोई ना कोई चिकित्सक इमरजेंसी में लोगों की सेवा करने के लिए मौजूद रहता है. इसीलिए कोर्ट और सरकार को इस पर विचार करने की जरूरत है. जो भी नीट (NEET) पास किए गए चिकित्सक काउंसलिंग (COUNCELLING) की वजह से अस्पताल ज्वाइन नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें जल्द से जल्द काउंसलिंग कर मेडिकल अस्पतालों में ज्वाइन कराया जाए ताकि पहले से काम कर रहे चिकित्सकों पर काम का बोझ कम पड़े. डॉक्टरों पर पुलिसिया कार्रवाई का विरोध करते हुए रिम्स के रेजीडेंट चिकित्सक डॉक्टर समर सिंह बताते हैं कि अगर दूसरों को रक्षा करने वाले लोग ही हमारे भक्षक बने लेंगे तो फिर डॉक्टर अपनी सुरक्षा की गुहार कहां लगाएंगे.
वहीं, विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि अगर इस तरह की कार्रवाई डॉक्टरों पर की जाती है और नीट काउंसलिंग जल्द से जल्द नहीं कराई जाती है तो पूरे देश के चिकित्सकों के साथ साथ रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए समय आने पर ओपीडी का बहिष्कार करेगा. दिल्ली में हुए डॉक्टरों पर कार्रवाई के विरोध में बुधवार को रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने भी ओपीडी का बहिष्कार करने का फैसला किया है.