रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में राजकीय फार्मेसी कॉलेज बरियातू में नियुक्ति प्रक्रिया में जो गड़बड़ी करने की कोशिश की गई थी. उसकी जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सीबीआई के अधिवक्ता रोहित कुमार ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अध्यक्ष और सदस्य को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने को कहा है. बता दें कि झारखंड लोक सेवा आयोग ने साल 2006 में फार्मेसी कॉलेज में प्राचार्य सहित अन्य की नियुक्ति को लेकर विज्ञापन निकाला था. जिसमें जेपीएससी के अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति में गड़बड़ी करने की कोशिश की गई थी. इसकी सूचना विनय कुमार महतो ने पहले निगरानी में दी. जिसमें निगरानी ने प्रथम दृष्टया मामले को सही माना था, लेकिन मामला हाई कोर्ट में पहुंचने के बाद मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी.
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सीबीआई ने जब जांच शुरु किया तो पाया कि ना तो यहां नियुक्ति हुई है और ना ही इसके लिए कोई गड़बड़ी हुई. जांच के बाद वह अपना क्लोजर रिपोर्ट सीबीआई अदालत में जमा कर दिए. उसके बाद विनय महतो ने क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ सीबीआई विशेष अदालत में याचिका दायर की. सीबीआई की अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया. उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की उस याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने सभी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है.