रांची: केंद्र सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर डीवीसी के बकाया भुगतान के मामले में राज्य सरकार को राहत नहीं दी है और इसे लेकर अब केंद्र और राज्य के बीच तल्खियां बढ़ गई है. राज्य सरकार भी अपनी बकाया राशि के भुगतान का दावा कर रही है. इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से प्रेस वार्ता का आयोजन कर केंद्र सरकार को कड़े लहजे में चेतावनी दी गई है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर कहा है कि ऐसे ही स्थिति रही तो झारखंड आर्थिक नाकेबंदी करने को लेकर बाध्य होगी.
केंद्र सरकार को जेएमएम ने दी चेतावनी
जेएमएम ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर ऐसे ही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में सरकार और झारखंड मुक्ति मोर्चा आर्थिक नाकेबंदी करेगी और इसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार की होगी. केंद्र की मोदी सरकार लगातार झारखंड को नीचा दिखाने का काम कर रही है. राज्य का केंद्र पर सिर्फ जीएसटी मुआवजा के मद में 2982 करोड़ रुपए बकाया है. जो डीवीसी को दी गई किस्त का दुगुना है. खान विभाग का विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों पर भी करोड़ों का बकाया है. जो बड़ी राशि है और केंद्र सरकार मनमानी कर रही है. जो राज्य सरकार कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए और भी कई आरोप केंद्र के मोदी सरकार जड़े हैं.
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'झारखंड आर्थिक नाकेबंदी के लिए होगा मजबूर'
राज्य सरकार की माने तो झारखंड से निकलने वाली खनिज संपदा की एवज में बरसों से लगान का भुगतान नहीं हुआ है और केंद्र सरकार अपना बकाया काट रही है. ऐसे में राज्य सरकार और केंद्र के बीच तकरार बढ़ गई है और यह तकरार और कितनी बढ़ेगी और राज्य सरकार केंद्र सरकार से खफा होकर क्या कुछ कदम उठाएंगे. यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. हालांकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीधे तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सह केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने कहां है कि झारखंड आर्थिक नाकेबंदी करने को मजबूर होगा.