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केंद्र और झारखंड सरकार के बीच तकरार बढ़ी, JMM ने कहा आर्थिक नाकेबंदी करेगी राज्य सरकार

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. राज्य का केंद्र पर कुल 74,582 करोड़ रुपये का बकाया है. इसके बावजूद केंद्र सरकार की ओर से राज्य के जनता और राज्य सरकार को तंग किया जा रहा है. ऐसे में झारखंड आर्थिक नाकेबंदी के लिए मजबूर होगा.

jmm
विनोद पांडेय
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Published : Oct 17, 2020, 3:48 PM IST

रांची: केंद्र सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर डीवीसी के बकाया भुगतान के मामले में राज्य सरकार को राहत नहीं दी है और इसे लेकर अब केंद्र और राज्य के बीच तल्खियां बढ़ गई है. राज्य सरकार भी अपनी बकाया राशि के भुगतान का दावा कर रही है. इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से प्रेस वार्ता का आयोजन कर केंद्र सरकार को कड़े लहजे में चेतावनी दी गई है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर कहा है कि ऐसे ही स्थिति रही तो झारखंड आर्थिक नाकेबंदी करने को लेकर बाध्य होगी.

विनोद पांडेय का बयान
झारखंड में आर्थिक स्थिति पर कोविड का बुरा प्रभाव पड़ा है. पहले से ही राज्य पर 85 हजार करोड़ का कर्ज है. यह कहना है झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडे का. एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर विनोद पांडे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. विनोद पांडे की मानें तो केंद्र ने अपनी राशि तो काट ली. लेकिन कोविड-19 के नाम पर राज्य सरकार के बकाया का भुगतान नहीं कर रही है. राज्य का केंद्र पर कुल 74,582 करोड़ रुपये का बकाया है. इसके बावजूद केंद्र सरकार की ओर से राज्य के जनता और राज्य सरकार को तंग किया जा रहा है. केंद्र ने राज्य के खाते से 1417.50 करोड़ रुपये काटकर डीवीसी के खाते में हस्तांतरित कर दिए हैं. इस कदम से राज्य की आर्थिक परेशानियां बढ़ गई है. दूसरी तरफ राज्य की इतनी बड़ी बकाया रकम का भुगतान कौन करेगा. इसका जवाब केंद्र सरकार की ओर से नहीं दी जा रही है.
विनोद पांडेय का बयान

केंद्र सरकार को जेएमएम ने दी चेतावनी

जेएमएम ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर ऐसे ही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में सरकार और झारखंड मुक्ति मोर्चा आर्थिक नाकेबंदी करेगी और इसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार की होगी. केंद्र की मोदी सरकार लगातार झारखंड को नीचा दिखाने का काम कर रही है. राज्य का केंद्र पर सिर्फ जीएसटी मुआवजा के मद में 2982 करोड़ रुपए बकाया है. जो डीवीसी को दी गई किस्त का दुगुना है. खान विभाग का विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों पर भी करोड़ों का बकाया है. जो बड़ी राशि है और केंद्र सरकार मनमानी कर रही है. जो राज्य सरकार कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए और भी कई आरोप केंद्र के मोदी सरकार जड़े हैं.

ये भी पढ़ें- CM हेमंत सोरेन ने दी देवघर को दो बड़ी सौगात, स्ट्रीट वेंडर्स को मिला ऋण

'झारखंड आर्थिक नाकेबंदी के लिए होगा मजबूर'
राज्य सरकार की माने तो झारखंड से निकलने वाली खनिज संपदा की एवज में बरसों से लगान का भुगतान नहीं हुआ है और केंद्र सरकार अपना बकाया काट रही है. ऐसे में राज्य सरकार और केंद्र के बीच तकरार बढ़ गई है और यह तकरार और कितनी बढ़ेगी और राज्य सरकार केंद्र सरकार से खफा होकर क्या कुछ कदम उठाएंगे. यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. हालांकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीधे तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सह केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने कहां है कि झारखंड आर्थिक नाकेबंदी करने को मजबूर होगा.

रांची: केंद्र सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर डीवीसी के बकाया भुगतान के मामले में राज्य सरकार को राहत नहीं दी है और इसे लेकर अब केंद्र और राज्य के बीच तल्खियां बढ़ गई है. राज्य सरकार भी अपनी बकाया राशि के भुगतान का दावा कर रही है. इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से प्रेस वार्ता का आयोजन कर केंद्र सरकार को कड़े लहजे में चेतावनी दी गई है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर कहा है कि ऐसे ही स्थिति रही तो झारखंड आर्थिक नाकेबंदी करने को लेकर बाध्य होगी.

विनोद पांडेय का बयान
झारखंड में आर्थिक स्थिति पर कोविड का बुरा प्रभाव पड़ा है. पहले से ही राज्य पर 85 हजार करोड़ का कर्ज है. यह कहना है झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडे का. एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर विनोद पांडे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. विनोद पांडे की मानें तो केंद्र ने अपनी राशि तो काट ली. लेकिन कोविड-19 के नाम पर राज्य सरकार के बकाया का भुगतान नहीं कर रही है. राज्य का केंद्र पर कुल 74,582 करोड़ रुपये का बकाया है. इसके बावजूद केंद्र सरकार की ओर से राज्य के जनता और राज्य सरकार को तंग किया जा रहा है. केंद्र ने राज्य के खाते से 1417.50 करोड़ रुपये काटकर डीवीसी के खाते में हस्तांतरित कर दिए हैं. इस कदम से राज्य की आर्थिक परेशानियां बढ़ गई है. दूसरी तरफ राज्य की इतनी बड़ी बकाया रकम का भुगतान कौन करेगा. इसका जवाब केंद्र सरकार की ओर से नहीं दी जा रही है.
विनोद पांडेय का बयान

केंद्र सरकार को जेएमएम ने दी चेतावनी

जेएमएम ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर ऐसे ही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में सरकार और झारखंड मुक्ति मोर्चा आर्थिक नाकेबंदी करेगी और इसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार की होगी. केंद्र की मोदी सरकार लगातार झारखंड को नीचा दिखाने का काम कर रही है. राज्य का केंद्र पर सिर्फ जीएसटी मुआवजा के मद में 2982 करोड़ रुपए बकाया है. जो डीवीसी को दी गई किस्त का दुगुना है. खान विभाग का विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों पर भी करोड़ों का बकाया है. जो बड़ी राशि है और केंद्र सरकार मनमानी कर रही है. जो राज्य सरकार कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए और भी कई आरोप केंद्र के मोदी सरकार जड़े हैं.

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'झारखंड आर्थिक नाकेबंदी के लिए होगा मजबूर'
राज्य सरकार की माने तो झारखंड से निकलने वाली खनिज संपदा की एवज में बरसों से लगान का भुगतान नहीं हुआ है और केंद्र सरकार अपना बकाया काट रही है. ऐसे में राज्य सरकार और केंद्र के बीच तकरार बढ़ गई है और यह तकरार और कितनी बढ़ेगी और राज्य सरकार केंद्र सरकार से खफा होकर क्या कुछ कदम उठाएंगे. यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. हालांकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीधे तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सह केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने कहां है कि झारखंड आर्थिक नाकेबंदी करने को मजबूर होगा.

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