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संविदा कर्मियों पर पुलिसिया लाठीचार्ज पर JMM की प्रतिक्रिया, कहा- घड़ियाली आंसू बहाने गए थे दीपक प्रकाश - ranchi political news

रांची में 14वें वित्त पंचायती राज कर्मचारी संघ के तहत संविदाकर्मी एक महीने से धरना पर हैं. इस दौरान कर्मियों पर पुलिस की ओर से हुई लाठीचार्ज पर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से प्रतिक्रिया आई है. जेएमएम महासचिव का कहना है कि यह एक दुखद घटना है.

JMM response lathicharge on contract workers
जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य
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Published : Jan 24, 2021, 6:49 AM IST

रांची: 14वें वित्त पंचायती राज कर्मचारी संघ के तहत महीने भर से धरना पर बैठे संविदा कर्मियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर जेएमएम की ओर से प्रतिक्रिया आई है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह घटना काफी दुखद है लेकिन आंदोलन कर रहे लोगों को भी कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए था.

देखें पूरी खबर

जानकारी के अनुसार 14वें वित्त पंचायती राज कर्मचारी संघ के तहत महीने भर से राजधानी के बिरसा चौक पर संविदाकर्मियों की ओर से धरना दिया जा रहा है. कर्मचारी शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले थे. इस दौरान जमकर नारेबाजी हो रही थी. कर्मी पैदल मार्च कर मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे थे. उसी दौरान पुलिस की ओर से इन पर लाठीचार्ज की गयी थी.

ये भी पढ़ें-रांचीः अवर सचिव स्तर के अधिकारी को लगाई थी 14 लाख की चपत, आरोपी जामताड़ा से दबोचे गए

इन पर पुलिस की ओर से काफी सख्ती बरती गई थी. दौड़ा-दौड़ा कर इन संविदा कर्मियों को पुलिस की ओर से मारा और पीटा गया था. इस घटना में कई कर्मी बुरी तरह घायल हो गए हैं. कई लोगों का इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है और इन्हीं कर्मियों से मुलाकात करने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश धरना स्थल पहुंचे. वहीं, दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से पुलिसिया लाठीचार्ज पर प्रतिक्रिया दी गई है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि लाठीचार्ज होना अच्छी बात नहीं है, लेकिन जिन परिस्थितियों के कारण लाठीचार्ज हुई है उस पर भी गौर करना जरूरी है. कानून व्यवस्था बनाए रखने वाले लोगों के लिए परिस्थिति के अनुसार कानून व्यवस्था सर्वोपरि होती है और उनकी प्राथमिकता भी कानून तोड़ने वालों पर नकेल कसना होता है और जब उदंडता चरम सीमा लांघ जाती है तब उस वक्त जो भी कानून पालन करने वाले लोग हैं उन्हें कुछ सख्ती दिखानी पड़ती है लेकिन इस प्रकार की परिस्थिति में आंदोलन करने वाले लोगों को बचना चाहिए. उन्हें किसी के उकसावे में आकर इस तरीके का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए.

आंदोलन करना सबका अधिकार है और यह संवैधानिक हक के तहत आता है और इसके कुछ दायरे भी हैं. उससे बाहर जाकर कभी भी किसी के भी उकसावे पर लॉ एंड ऑर्डर को चैलेंज नहीं करना चाहिए. वहीं, दीपक प्रकाश के मुलाकात के सवाल पर सुप्रियो ने कहा कि यह मगरमच्छ प्रजाति के लोग हैं घड़ियाली आंसू बहाने कहीं भी चले जाते हैं.

रांची: 14वें वित्त पंचायती राज कर्मचारी संघ के तहत महीने भर से धरना पर बैठे संविदा कर्मियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर जेएमएम की ओर से प्रतिक्रिया आई है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह घटना काफी दुखद है लेकिन आंदोलन कर रहे लोगों को भी कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए था.

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जानकारी के अनुसार 14वें वित्त पंचायती राज कर्मचारी संघ के तहत महीने भर से राजधानी के बिरसा चौक पर संविदाकर्मियों की ओर से धरना दिया जा रहा है. कर्मचारी शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले थे. इस दौरान जमकर नारेबाजी हो रही थी. कर्मी पैदल मार्च कर मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे थे. उसी दौरान पुलिस की ओर से इन पर लाठीचार्ज की गयी थी.

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इन पर पुलिस की ओर से काफी सख्ती बरती गई थी. दौड़ा-दौड़ा कर इन संविदा कर्मियों को पुलिस की ओर से मारा और पीटा गया था. इस घटना में कई कर्मी बुरी तरह घायल हो गए हैं. कई लोगों का इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है और इन्हीं कर्मियों से मुलाकात करने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश धरना स्थल पहुंचे. वहीं, दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से पुलिसिया लाठीचार्ज पर प्रतिक्रिया दी गई है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि लाठीचार्ज होना अच्छी बात नहीं है, लेकिन जिन परिस्थितियों के कारण लाठीचार्ज हुई है उस पर भी गौर करना जरूरी है. कानून व्यवस्था बनाए रखने वाले लोगों के लिए परिस्थिति के अनुसार कानून व्यवस्था सर्वोपरि होती है और उनकी प्राथमिकता भी कानून तोड़ने वालों पर नकेल कसना होता है और जब उदंडता चरम सीमा लांघ जाती है तब उस वक्त जो भी कानून पालन करने वाले लोग हैं उन्हें कुछ सख्ती दिखानी पड़ती है लेकिन इस प्रकार की परिस्थिति में आंदोलन करने वाले लोगों को बचना चाहिए. उन्हें किसी के उकसावे में आकर इस तरीके का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए.

आंदोलन करना सबका अधिकार है और यह संवैधानिक हक के तहत आता है और इसके कुछ दायरे भी हैं. उससे बाहर जाकर कभी भी किसी के भी उकसावे पर लॉ एंड ऑर्डर को चैलेंज नहीं करना चाहिए. वहीं, दीपक प्रकाश के मुलाकात के सवाल पर सुप्रियो ने कहा कि यह मगरमच्छ प्रजाति के लोग हैं घड़ियाली आंसू बहाने कहीं भी चले जाते हैं.

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