रांचीः 15 मार्च 2021 को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हर्ष मंगला को माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया था. उसके बाद से ही उन्होंने बेहतर काम करते हुए लॉकडाउन के दौरान शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी कई योजनाओं को धरातल पर उतारा है. फिलहाल झारखंड से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वो जा रहे हैं.
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भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी झारखंड सरकार में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में निदेशक के पद पर नियुक्त हर्ष मंगला की प्रतिनियुक्ति केंद्र में हो गई है. हर्ष मंगला ने कोरोना काल में बेहतर सेवा देते हुए. झारखंड की शैक्षणिक व्यवस्था को पटरी पर लाने की हर संभव कोशिश की. 15 मार्च 2021 को इस पद पर उन्हें नियुक्त किया गया था. जून महीने के बाद से ही उन्होंने बेहतर ढंग से शिक्षा के क्षेत्र में कई प्रयोग किए. हालांकि उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में 60 से 70% समय हाई कोर्ट के जवाब देने में ही चला गया. बाकी बजे समय का उन्होंने सदुपयोग करते हुए कई योजनाओं को धरातल पर उतारने की कोशिश की है. त्योहारों और लॉकडाउन के समय को उन्होंने बेहतर तरीके से उपयोग किया. 6 से 7 माह के कार्य दिवस में काफी काम निपटाया. कुल 29 विषयों पर लेख बनाकर कैबिनेट में प्रस्तावित किए गए. इसके अलावा अल्पसंख्यक मामलों में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये.
मदरसों के अनुदान के लिए संकल्प पत्र जारीः मदरसों के अनुदान को लेकर संकल्प पत्र जारी किया गया. जिसे उनकी अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा विभाग को समर्पित किया गया. प्लस टू विद्यालय में सोशलॉजी और पॉलिटिकल साइंस के अतिरिक्त पदों के सृजन 186 उच्च विद्यालय में कितने पद स्वीकृत किये जाए. शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण की प्रक्रिया में संशोधन जैसे विभागीय स्तर पर काम अभी भी प्रक्रियाधीन है. जिन्हें पूरा नहीं करने का उन्हें मलाल भी है.
निदेशालय स्तर पर कई नए प्रारूप तैयार किए गये हैं. जैसे कस्तूरबा मॉडल स्कूल के शिक्षकों की नियुक्ति उनके मार्गदर्शन पर बेहतर तरीके से बनाई गई है. कई संशोधन किया गया है. मॉडल विद्यालयों में शिक्षक का मानदेय कभी नहीं बढ़ा. उनके मानदेय बढ़ाने का भी उन्होंने विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है. आदर्श विद्यालय में नियमित नियुक्ति होने तक केंद्रीय विद्यालय संविदा नियुक्ति का विभाग को भेजा गया है. विद्यालयों की आधारभूत संरचना के सुधार के लिए कई काम हुए हैं. मॉडल विद्यालय में पहली बार हॉस्टल निर्माण का काम किया गया है. जिसमें 83 विद्यालयों के प्रति हॉस्टल 2.5 करोड़ की राशि खर्च होगी. इसका पूरा विवरण राज्य योजना प्राधिकरण को भेजा गया है. 71 करोड़ की राशि से मॉडल विद्यालयों में सभी आवश्यक फर्नीचर उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं. इसकी अनुमति राज्य योजना प्राधिकरण समिति से प्राप्त भी हो चुकी है.
नेतरहाट विद्यालयों के तर्ज पर विद्यालय निर्माण को लेकर डीपीआर तैयारः इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय और नेतरहाट की तर्ज पर 3 विद्यालयों का डीपीआर बन चुका है और कैबिनेट की अनुमति के लिए उन्हें भेजा गया है. उन्होंने कहा कि कम समय में अधिक से अधिक कार्य करने का प्रयास किया गया है. निदेशालय में भारी मैन पावर की कमी है. क्षमता से अधिक काम किया जाता है.