रांची: झारखंड में भाकपा माओवादियों(CPI Maoists) के पास से बरामद आईइडी(IED) की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय ने मांगी है. झारखंड पुलिस मुख्यालय(Jharkhand Police Headquarters) के द्वारा इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को आदेश दिया गया है. पुलिस मुख्यालय नक्सलियों द्वारा बरामद आईडी में किन-किन तकनीकों का इस्तेमाल हुआ है इसकी जानकारी जुटा रही है.
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आईजी अभियान ने मांगी जानकारी
आईजी अभियान अमोल वी होमकर(IG Campaign Amol V Homkar) ने पूरे मामले में सभी जिलों से जानकारी मांगी है. हाल के दिनों में भाकपा माओवादियों ने कई ग्रामीण सड़कों और अपने प्रभाव वाले इलाके में आईईडी लगायी है. किन-किन इलाकों में कितने आईईडी की बरामदगी हुई है, इसकी जानकारी जुटायी जा रही है. इसी आधार पर राज्य पुलिस मुख्यालय आगे की रणनीति पर काम करेगी.
डायरेक्शनल समेत नई तकनीकों का इस्तेमाल
दरअसल, झारखंड में भाकपा माओवादी अब पुराने किस्म के आईईडी का इस्तेमाल नहीं कर रहे है. बीते दिनों चाईबासा और लोहरदगा में पुलिस बलों को टारगेट करने के लिए डायरेक्शनल बम, लो प्रेशर बम का इस्तेमाल किया गया है. नई तकनीक के आईईडी से पुलिस को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. वहीं, दूसरी तरफ ग्रामीण भी आईईडी की चपेट में आए हैं. आईईडी से निपटने के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय के द्वारा अलग अलग समय पर दिशा- निर्देश भी जारी किए गए हैं. माओवादियों ने छत्तीसगढ़ में इस्तेमाल किए गए तकनीक को झारखंड में अपनाया है.
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एक्सपर्ट करेंगे अध्यन
राज्य के अलग-अलग इलाकों से बरामद आईईडी की जानकारी मिलने के बाद एक्सपर्ट उसका गहनता से अध्ययन करेंगे. झारखंड में नक्सलियों के पास कई तरीकों के लैंडमाइंस मौजूद हैं जिसके सहारे वे सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं. हाल के दिनों में कई ऐसे लाइन माइंस भी पुलिस ने बरामद किए हैं जो तकनीक में बेहद नए हैं.